विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस 2025: समय पर पहचान और नई तकनीकों से संभव है बेहतर जीवन

लखनऊ डेस्क (आर. एल. पाण्डेय)
हर साल 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य है – मस्तिष्क ट्यूमर के लक्षणों, जोखिमों और उपलब्ध उपचार विकल्पों को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाना। इसी अवसर पर आर्टेमिस अस्पताल, गुरुग्राम के न्यूरोसर्जरी और साइबरनाइफ विभाग के निदेशक डॉ. आदित्य गुप्ता ने ब्रेन ट्यूमर की गंभीरता और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
समय पर जांच से बढ़ती है जीवन की उम्मीद
डॉ. गुप्ता के अनुसार, ब्रेन ट्यूमर से जुड़े शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जैसे –
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लगातार सिरदर्द रहना
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बिना कारण उल्टी आना
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दौरे पड़ना
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दृष्टि में बदलाव
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बोलने-समझने में परेशानी
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संतुलन बिगड़ना या व्यक्तित्व में बदलाव
ये सभी संकेत गंभीर हो सकते हैं और समय रहते MRI या अन्य न्यूरो इमेजिंग तकनीकों से सही निदान किया जा सकता है।
तकनीक ने आसान किया इलाज
डॉ. गुप्ता ने बताया कि अब ब्रेन ट्यूमर के इलाज में CyberKnife जैसी अत्याधुनिक तकनीकें उपलब्ध हैं, जो बिना चीरा लगाए, बिना अस्पताल में भर्ती किए, सुरक्षित और सटीक इलाज प्रदान करती हैं। यह उन मरीजों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जो पारंपरिक सर्जरी के लिए उपयुक्त नहीं होते।
समर्पित विशेषज्ञों की टीम से बेहतर परिणाम
आर्टेमिस अस्पताल में एक विशेषज्ञों की संयुक्त टीम – न्यूरोसर्जन, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट और रिहैब विशेषज्ञ – मिलकर मरीजों को एक समग्र और व्यक्तिगत उपचार योजना उपलब्ध कराती है। यह बहु-विषयक दृष्टिकोण ट्यूमर की प्रकृति और मरीज की स्थिति के अनुसार सर्वोत्तम इलाज सुनिश्चित करता है।
समाज से अपील
इस वर्ष के विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस पर डॉ. गुप्ता ने समाज से आग्रह किया कि लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें और लक्षणों की अनदेखी न करें। उन्होंने यह भी कहा कि अनुसंधान और नवीन चिकित्सा तकनीकों में सहयोग देकर इस गंभीर बीमारी के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई को और मजबूत किया जा सकता है।