बचपन को मिले बचपन: जश्न रियल्टी ने खास अंदाज़ में मनाया विश्व बाल श्रम निषेध दिवस

लखनऊ ब्यूरो | रिपोर्ट: प्रत्यूष पाण्डेय विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के मौके पर जश्न रियल्टी ने अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का उदाहरण पेश करते हुए एक स्पष्ट और प्रेरणादायक संदेश दिया – "हर बच्चे को शिक्षा, पोषण और सुरक्षित बचपन का अधिकार मिलना चाहिए।"
इस अवसर पर जश्न रियल्टी के निदेशक राहुल अग्रवाल ने 'जश्न एलिवेट' की निर्माण स्थल पर कार्यरत श्रमिकों के बच्चों के साथ दिन बिताकर इस अभियान को जीवंत रूप दिया। करीब 80 बच्चों को स्टेशनरी, नए कपड़े, खिलौने और पौष्टिक खाद्य सामग्री वितरित की गई। बच्चों के चेहरों पर खुशी और मुस्कान इस आयोजन की सफलता को दर्शा रही थी।
एक साधारण कार्यक्रम नहीं, बल्कि बच्चों संग बिताया भावनात्मक पल
यह आयोजन केवल सामग्री वितरण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि एक संवेदनशील पहल थी। राहुल अग्रवाल ने बच्चों के साथ घुलते-मिलते हुए उनके सपनों को समझने की कोशिश की। उनके साथ संवाद कर, खेलते हुए देखकर उन्होंने बच्चों के उस बचपन को महसूस किया, जो अक्सर निर्माण स्थलों की भीड़ और धूल में खो जाता है।
हर बच्चा है एक सपना – राहुल अग्रवाल
कार्यक्रम के दौरान श्रमिकों और उनके परिवारों को संबोधित करते हुए राहुल अग्रवाल ने कहा,"हर बच्चा एक सपना है, जिसे साकार करने के लिए उसे शिक्षा, सुरक्षा और बचपन की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। बच्चों का स्थान स्कूल में है, कार्यस्थल पर नहीं। उन्हें बोझ नहीं, बचपन चाहिए।"
उन्होंने माता-पिता से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को शिक्षा से जोड़ें, ताकि वे एक आत्मनिर्भर और उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकें।
एक सामाजिक संदेश, एक नई शुरुआत
जश्न रियल्टी की यह पहल एक सामाजिक सरोकार से कहीं बढ़कर एक आंदोलन की नींव है —“जहां हर बच्चा मजदूर नहीं, विद्यार्थी हो।”
इस आयोजन के ज़रिए यह भी स्पष्ट किया गया कि रियल एस्टेट कंपनियों की भूमिका केवल भवन निर्माण तक सीमित नहीं, बल्कि एक बेहतर और समानता से भरा समाज गढ़ने की भी है।