एसएमएस लखनऊ में विश्व पर्यावरण दिवस 2025: जागरूकता व्याख्यान एवं पर्यावरण संरक्षण की पहल

प्रमुख वक्ता का सारगर्भित संबोधन
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. (डॉ.) भरत राज सिंह, महानिदेशक (तकनीकी) ने प्लास्टिक प्रदूषण के बढ़ते खतरों पर गहन प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि:
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एकल-उपयोग प्लास्टिक से मिट्टी की उर्वरता में गिरावट आ रही है।
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जल स्रोतों का प्रदूषण और जैव विविधता का क्षरण गंभीर चिंता का विषय है।
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प्लास्टिक के सूक्ष्म कणों का मानव स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है।
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समुद्र, नदियाँ और तालाब प्लास्टिक कचरे से गंभीर रूप से प्रभावित हो चुके हैं।
पर्यावरणीय स्थिरता के लिए सुझाए गए उपाय
डॉ. सिंह ने पर्यावरण की रक्षा हेतु निम्नलिखित ठोस सुझाव दिए:
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एकल-उपयोग प्लास्टिक के स्थान पर पर्यावरण अनुकूल विकल्प अपनाना
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पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग को बढ़ावा देना
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जागरूकता अभियानों के माध्यम से नागरिकों को संवेदनशील बनाना
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कड़े नियमों और नीतियों को प्रभावी रूप से लागू करना
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पर्यावरण शिक्षा को शिक्षा प्रणाली का अभिन्न हिस्सा बनाना
सचिव और सीईओ का प्रेरणादायक संदेश
एसएमएस लखनऊ के सचिव एवं सीईओ श्री शरद सिंह ने कार्यक्रम में भाग लेते हुए छात्रों से आग्रह किया कि वे पौधारोपण, वन संरक्षण और सतत विकास के सिद्धांतों को अपनाकर एक हरित और स्वच्छ भविष्य की दिशा में कार्य करें।
शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी
व्याख्यान में 35 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया और पर्यावरण संरक्षण पर उपयोगी सुझाव प्रस्तुत किए। शिक्षकों ने प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर चर्चा की।
विशिष्ट उपस्थितियाँ और समन्वय
कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज कराने वाले प्रमुख शिक्षकों में शामिल रहे:
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डॉ. धर्मेन्द्र सिंह – एसोसिएट डायरेक्टर
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डॉ. पी.के. सिंह – डीन स्टूडेंट वेलफेयर
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डॉ. हेमंत कुमार सिंह – डीन इंजीनियरिंग
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डॉ. अमरजीत सिंह, डॉ. आशा कुलश्रेष्ठ, डॉ. श्रिंखला श्रीवास्तव, उमेश कुमार सिंह, डॉ. पुष्पांजलि सिंह, डॉ. शोभना सिंह, **सुनीत