विश्व पर्यावरण दिवस - ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान को नई ऊर्जा: भरवारा एसटीपी पर सुएज इन इंडिया ने महिला स्वयं सहायता समूह की भागीदारी के साथ किया वृक्षारोपण

World Environment Day - New Energy Campaign to 'One Trees Mother's Name': Suez in India on STP with participation of women self -help groups
 
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय).प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए महत्वाकांक्षी अभियान ‘एक पेड़ माँ के नाम’ को साकार करने की दिशा में सुएज इन इंडिया, सूडा और डूडा के संयुक्त प्रयासों ने राजधानी लखनऊ में एक अनुकरणीय पहल की। भरवारा एसटीपी परिसर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के अंतर्गत, वन सिटी वन ऑपरेटर योजना के तहत कार्यरत कार्यदाई संस्था सुएज इंडिया ने नगरीय निकायों द्वारा चयनित महिला स्वयं सहायता समूह  की भागीदारी के साथ वृक्षारोपण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न किया।
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय).प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए महत्वाकांक्षी अभियान ‘एक पेड़ माँ के नाम’ को साकार करने की दिशा में सुएज इन इंडिया, सूडा और डूडा के संयुक्त प्रयासों ने राजधानी लखनऊ में एक अनुकरणीय पहल की।
भरवारा एसटीपी परिसर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के अंतर्गत, वन सिटी वन ऑपरेटर योजना के तहत कार्यरत कार्यदाई संस्था सुएज इंडिया ने नगरीय निकायों द्वारा चयनित महिला स्वयं सहायता समूह  की भागीदारी के साथ वृक्षारोपण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न किया।

इस अवसर पर भरवारा एसटीपी परिसर में विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपे गए, लेकिन सिंदूर का पौधा विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जिसे महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों ने पूरे भावनात्मक जुड़ाव के साथ लगाया। यह पौधा मातृत्व, संस्कृति और प्रकृति के सम्मान का प्रतीक माना गया।

कार्यक्रम में उपस्थित सुएज इंडिया के परियोजना निदेशक  राजेश मठपाल ने कहा: "‘एक पेड़ माँ के नाम’ न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश है, बल्कि यह मातृ-भावना के प्रति हमारी श्रद्धांजलि भी है। इस अभियान में महिला समूहों की भागीदारी अत्यंत प्रेरणादायक है और सुएज इन इंडिया इस अभियान में हर संभव समर्थन दे रही है।"

वृक्षारोपण कार्यक्रम में सूडा, डूडा तथा सुएज इन इंडिया के अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण के इस अनूठे संगम ने भरवारा एसटीपी को एक जीवंत उदाहरण बना दिया कि जब संस्थाएं, प्रशासन और आमजन साथ मिलकर काम करें, तो सकारात्मक बदलाव निश्चित है।

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