Illegal mosque demolished in India : योगी सरकार का एक बार फिर चला बुलडोज़र, Illegal मस्जिदों पर हुई कारवाई, जाने कहाँ कितनी मस्जिदों हुई ध्वस्त

 
Yogi Adityanath action on Illegal Masjid

आज हम बात करने जा रहे हैं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के हालिया strict action की, जो भारत-नेपाल बॉर्डर के पास illegal constructions, मस्जिदों और मजारों पर चल रहा है। ये मुद्दा काफी चर्चा में है, तो चलिए आपको बताते है इसकी पूरी डिटेल 

 उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने हमेशा से illegal construction और violation के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। हाल ही में, खास तौर पर भारत-नेपाल सीमा के 15 किलोमीटर के दायरे में, सरकार ने अवैध मस्जिदों, मजारों, और मदरसों के खिलाफ strict action लेना शुरू किया है। इसका मकसद है सरकारी जमीन को मुक्त कराना और sensitive frontier इलाकों में सुरक्षा ensure  करना।  

खबरों के मुताबिक, ये कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के बाद और तेज हुई, जब सरकार ने illegal  घुसपैठ और suspicious activities पर नजर रखने के लिए बॉर्डर पर strictness बढ़ा दी। योगी सरकार ने clear instructions दिए हैं कि बिना valid documents के कोई भी Religious या educational institution नहीं चल सकता।  

आइए, अब जानते हैं कि किन-किन जिलों में ये कार्रवाई हो रही है और किन मस्जिदों - मजारों पर एक्शन लिया गया है।  
  
श्रावस्ती में 33 अवैध मदरसों और एक मस्जिद के खिलाफ कार्रवाई की गई है।  

ग्राम भरथा, रोशनगढ़ में सरकारी जमीन पर बनी एक मस्जिद को गिरा दिया  

District Magistrate अजय कुमार द्विवेदी के according , 12 Unrecognized मदरसों को सील किया गया, और अब तक 41 मदरसों पर एक्शन हो चुका है।  

बहराइच में 127 illegal construction ध्वस्त  किए गए, जिनमें दो मस्जिदें शामिल हैं।  

मोतीपुर में दारुल उलूम अज़ीज़िया हदीक़तुल नोमान नामक मदरसे को सील किया गया।  

District Magistrate मोनिका रानी ने बताया कि पिछले चार दिनों में 91 साइट्स को मुक्त कराया गया।  

सिद्धार्थनगर: में  17 illegal encroachments पर कार्रवाई हुई, जिनमें 3 मस्जिदें और 14 मदरसे शामिल हैं।  

Administration ने 28 अप्रैल को नोटिस जारी किए, और अब ध्वस्तीकरण की process  शुरू हो रही है।  

महराजगंज में नो मेंस लैंड पर एक मजार को हटाया गया, जो SSB चेकपोस्ट के सामने बन रही थी।  

नौतनवां, फरेंदा, और निचलौल में 29 illegal encroachment marked किए गए।  

लखीमपुर खीरी पलिया तहसील के कृष्णानगर में एक अस्थायी मस्जिद और चंदन चौकी में 80 साल पुरानी ईदगाह को ध्वस्त किया गया।  

हालांकि, जिला मजिस्ट्रेट दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि सर्च ऑपरेशन में अभी तक कोई नया अवैध निर्माण नहीं मिला।  

बलरामपुर: में 8 मदरसों और 5 मजारों को नोटिस जारी किए गए। 3 मजारों से अवैध कब्जा हटाया गया।  

योगी सरकार का ये Campaign Revenue और पुलिस विभाग की संयुक्त टीमों द्वारा चलाया जा रहा है। process  कुछ इस तरह है:  
सबसे पहले अवैध निर्माणों की पहचान की जाती है। फिर  occupiers को नोटिस जारी कर documents  पेश करने को कहा जाता है। अगर valid document नहीं मिलते, तो निर्माण को ध्वस्त कर दिया जाता है या organisation  को सील कर दिया जाता है।  

सुप्रीम कोर्ट ने भी बुलडोजर एक्शन पर कुछ guidance दिए हैं, जैसे नोटिस को registered mail से भेजना और property  पर चिपकाना। योगी सरकार इन नियमों का पालन करते हुए कार्रवाई कर रही है।  इस कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर अलग-अलग राय देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए जरूरी बता रहे हैं। X पर कई यूजर्स ने लिखा कि Sensitive सीमा पर अवैध निर्माण आतंक का अड्डा बन सकते हैं।  

वहीं, कुछ लोग इसे धार्मिक आधार पर कार्रवाई बता रहे हैं। X पर एक पोस्ट में पीलीभीत की मस्जिद को नोटिस मिलने की बात कही गई, जिसके बाद वहां नमाज बंद हो गई।  कुशीनगर में एक मस्जिद और ईदगाह पर बुलडोजर की आशंका थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी।  

योगी सरकार ने साफ कर दिया है कि ये Campaign आगे भी जारी रहेगा। सीमा पर intensive search और regular monitoring की जा रही है। सरकार का कहना है कि ये कार्रवाई किसी particular religion के खिलाफ नहीं, बल्कि अवैध कब्जों और सुरक्षा के लिए है।  

तो  ये थी योगी सरकार के बॉर्डर पर strict action  की पूरी कहानी। आप इस बारे में क्या सोचते हैं? कमेंट में जरूर बताएं। 

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