बिहार चुनाव 2025 से पहले योगी आदित्यनाथ का ‘तीन बंदर’ बयान बना सुर्खियों का तूफान

बिहार में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक ऐसा बयान दिया, जिसने पूरे देश को हिला दिया। 'इंडिया गठबंधन के तीन बंदर - पप्पू, टप्पू और अप्पू!' हंसते-हंसते लोगों के पेट दर्द हो गए, लेकिन विपक्ष के चेहरे लाल! ये बयान सिर्फ मजाक नहीं, बल्कि बिहार चुनाव 2025 से पहले BJP का मास्टरस्ट्रोक है।
- ये 'तीन बंदर' कौन हैं? योगी जी का पूरा स्पीच क्या था? इसका राजनीतिक मतलब क्या है? और बिहार की जनता पर क्या असर पड़ेगा? चलिए, शुरू करते हैं बिहार की इस राजनीतिक जंग की कहानी।" सबसे पहले समझते हैं सीन क्या है। आज 3 नवंबर 2025 है, और बिहार विधानसभा चुनाव बस कुछ महीनों दूर हैं। NDA की सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में है, लेकिन विपक्ष का INDIA गठबंधन - RJD, कांग्रेस और बाकी पार्टियां - जोर-शोर से हमला बोल रही हैं। महागठबंधन में लालू प्रसाद यादव की फैमिली का दबदबा है, तेजस्वी यादव युवा चेहरा हैं, और कांग्रेस का राहुल गांधी राष्ट्रीय लीडर।
ऐसे में BJP ने अपना तुरुप का इक्का खेला - योगी आदित्यनाथ को बिहार भेजा। योगी जी यूपी के 'बुलडोजर बाबा' हैं, जिनकी सख्ती और स्पीच से विपक्ष कांपता है। कल की रैली में, जो पटना के पास एक बड़े मैदान में हुई, योगी जी ने सीधा निशाना साधा INDIA गठबंधन पर। और वो तंज? 'तीन बंदर!' ये तो वायरल हो गया सोशल मीडिया पर। लेकिन ये बंदर कौन-कौन हैं?
"हिंदू दर्शन में 'तीन बंदर' का कॉन्सेप्ट है - एक बुराई न देखे, एक न सुने, एक न बोले। योगी जी ने इसे पॉलिटिक्स से जोड़ दिया। उन्होंने कहा, 'इंडिया गठबंधन में तीन बंदर हैं - पप्पू, टप्पू और अप्पू!'
पप्पू: ये तो साफ है - राहुल गांधी! BJP समर्थक सालों से उन्हें 'पप्पू' कहते आ रहे हैं। योगी जी ने तंज कसा, 'पप्पू आंखें बंद करके बुराई नहीं देखते। वो तो खुद बुराई फैलाते हैं - देश को तोड़ने की बातें करते हैं। राम मंदिर पर चुप्पी, हिंदू-मुस्लिम डिवाइड पर ड्रामा!'
टप्पू: ये लालू प्रसाद यादव पर चोट। लालू जी के चारा घोटाले और जेल की कहानी सब जानते हैं। योगी जी बोले, 'टप्पू कान बंद करके भ्रष्टाचार नहीं सुनते। बिहार को लूटा, रेलवे को चूना लगाया, लेकिन आज भी सत्ता की भूख!'
अप्पू: तेजस्वी यादव को निशाना। 'अप्पू मुंह बंद करके झूठ नहीं बोलते, लेकिन काम करने से कतराते हैं। बिहार के युवाओं को नौकरी का वादा, लेकिन डिलीवर कुछ नहीं!'
ये तंज सुनकर रैली में हंसी का ठहाका लग गया। योगी जी ने आगे कहा, 'ये तीनों मिलकर बिहार को अंधेरे में धकेलना चाहते हैं, लेकिन हम NDA वाले आंखें खुली रखेंगे - विकास, सुशासन और राम मंदिर जैसी स्कीम्स से बिहार को नई ऊंचाई देंगे!' ये स्पीच का वो हिस्सा था जो वायरल हो गया।"
"अब सुनिए योगी जी के स्पीच का वो धमाकेदार हिस्सा। भाइयो और बहनो! बिहार की धरती पर खड़े होकर मैं कहता हूं - मोदी जी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है। राम मंदिर बना, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर चमका, लेकिन विपक्ष? वो तो तीन बंदरों की तरह हैं! पप्पू जो आंखें बंद करके हिंदुत्व को नकारते हैं, टप्पू जो कान बंद करके भ्रष्टाचार की धुन गाते हैं, और अप्पू जो मुंह बंद करके बिहार के भविष्य को दबाते हैं। ये INDIA गठबंधन बिहार को फिर से जंगलराज देना चाहता है - बेरोजगारी, अपराध और गरीबी!
लेकिन हम वादा करते हैं - NDA की सरकार बनी तो बिहार में 10 लाख नौकरियां, हर घर बिजली-पानी, और किसानों के लिए दोगुनी आय। नीतीश जी के साथ मिलकर हम बिहार को बनाएंगे उत्तर प्रदेश जैसा - बुलडोजर से माफिया साफ, और विकास की रफ्तार तेज!'
ये बोलते हुए योगी जी ने मंच पर ठहाका लगाया, और भीड़ 'जय श्री राम' के नारों से गूंज उठी। स्पीच करीब 45 मिनट की थी, जिसमें उन्होंने मोदी जी की योजनाओं - PM किसान, उज्ज्वला, आयुष्मान - का जिक्र किया। विपक्ष पर 20 मिनट का अटैक था, जिसमें ये 'तीन बंदर' वाला तंज हाइलाइट था।
बिहार आज कहां है? 2025 में GDP ग्रोथ 8% है, लेकिन बेरोजगारी 15%। नीतीश सरकार ने बिजली पहुंचाई, लेकिन विपक्ष कहता है ये काफी नहीं। योगी जी ने वादा किया - अगर NDA जीती, तो बिहार बनेगा 'ग्रोथ इंजन'।
युवाओं को स्किल ट्रेनिंग।
किसानों को MSP गारंटी।
महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान।
विपक्ष के 'तीन बंदर' क्या देंगे? पुराने वादे या नया जंगलराज? जनता फैसला करेगी। योगी जी का ये बयान एक रिमाइंडर है - सत्ता की कुर्सी पर सिर्फ बातें नहीं, काम चाहिए!"
योगी आदित्यनाथ का ये तंज बिहार पॉलिटिक्स का नया चैप्टर है। 'पप्पू, टप्पू, अप्पू' - हंसी के साथ सच्चाई का आईना! आपकी क्या राय है? क्या ये तंज सही है या ओवर? कमेंट्स में बताये ।
