सबको हुनर, सबको काम’ लक्ष्य पर योगी सरकार का फोकस, ब्रांड-लिंक्ड प्रशिक्षण से युवाओं को मिलेगा रोजगार
लखनऊ, दिसंबर 2025। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने के लिए लगातार प्रभावी कदम उठा रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (UPSDM) के अंतर्गत संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए एक अहम बैठक आयोजित की गई।
बैठक की अध्यक्षता व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मिशन मोड में लागू करते हुए कार्यों की गति और प्रभावशीलता बढ़ाई जाए।
प्रतिष्ठित ब्रांड्स के साथ प्रशिक्षण पर जोर
समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव ने कहा कि हॉस्पिटैलिटी, अकाउंटिंग, हेल्थकेयर और अन्य उभरते क्षेत्रों में प्रसिद्ध ब्रांड्स के साथ साझेदारी कर प्रशिक्षण कार्यक्रमों को जोड़ा जाए। इससे युवाओं को आधुनिक तकनीक, स्मार्ट लर्निंग और उद्योग की जरूरतों के अनुरूप उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण मिल सकेगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘सबको हुनर, सबको काम’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए ब्रांड-आधारित प्रशिक्षण मॉडल अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस मॉडल के तहत प्रशिक्षार्थियों को न केवल ब्रांड-सर्टिफाइड ट्रेनिंग मिलेगी, बल्कि संबंधित कंपनियों में सीधे रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे, जिससे प्लेसमेंट दर में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
प्रशिक्षण और रोजगार की होगी सख्त निगरानी
डॉ. हरिओम ने निर्देश दिए कि प्रशिक्षण अवधि के दौरान सभी प्रशिक्षार्थियों की नियमित ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। साथ ही, प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद जिन युवाओं को रोजगार प्राप्त हो रहा है, उनकी भी प्रभावी निगरानी की जाए, ताकि योजनाओं के वास्तविक परिणामों का सही आकलन किया जा सके।
अधिकारियों ने रखी प्रगति रिपोर्ट
बैठक में यूपीएसडीएम के मिशन निदेशक पुलकित खरे, अपर मिशन निदेशक प्रिया सिंह, वित्त नियंत्रक संदीप कुमार और संयुक्त निदेशक मयंक गंगवार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने प्रमुख सचिव को विभिन्न योजनाओं की प्रगति, प्रशिक्षण की गुणवत्ता और युवाओं को रोजगार से जोड़ने से संबंधित उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। सरकार का मानना है कि उद्योगों से जुड़ा कौशल प्रशिक्षण प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश को कुशल मानव संसाधन का केंद्र बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
