कोच बनते ही गौतम गंभीर ने खिलाड़ियों को दिया कैसा 'गंभीर' संदेश
क्या टीम के खिलाड़ियों को एकजुट रखने में कामयाब हो पाएंगे गौतम?
अपने उसूलों पर टिके रहकर क्या भारत को चैंपियंस ट्रॉफी जितवा पाएंगे गौतम?
साल 2007 में शाहरुख खान की एक मूवी आई थी, नाम था चक दे इंडिया! आज भी जब भी भारत, क्रिकेट के अलावा भी किसी भी स्पोर्ट्स में विजयी होता है तो इसी फिल्म का सुखविंदर सिंह का गाया हुआ गाना 'चक दे इंडिया' हर जगह गूंजता रहता है... खैर, इस फिल्म में इंडियन हॉकी टीम के कोच का किरदार निभाने वाले शाहरुख खान का एक बेहतरीन डायलॉग है जिसमें वो खिलाड़ियों से कहते हैं कि सबसे पहले अपने देश के लिए खेलिए और फिर अपनी टीम के लिए और उसके बाद भी अगर जान बच जाए तो अपने लिए खेलिए.
कोच बनने के बाद उन्होंने अपनी टीम के खिलाड़ियों को एक ऐसी नसीहत दी
अब आप शायद सोच रहे होंगे कि हम इस डायलॉग की बात क्यों कर रहे हैं.. तो वो दरअसल इसलिए, क्योंकि इंडियन क्रिकेट टीम के नए कोच बने हैं गौतम गंभीर. और कोच बनने के बाद उन्होंने अपनी टीम के खिलाड़ियों को एक ऐसी नसीहत दी है जो शाहरुख खान के डायलॉग से बिल्कुल मैच खाती है... जी हां, गौतम गंभीर ने क्रिकेट को पर्सनल गेम के बजाय टीम गेम करार करते हुए फिल्म की कुछ ऐसी ही यादें ताजा की हैं.
चलिए बात को इधर-उधर ना घुमाते हुए सीधे पॉइंट पर रखते हैं... गौतम गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा है कि सिर्फ एक ही मैसेज है कि कोशिश करें और ईमानदारी से खेलें... अपने पेशे के लिए ईमानदार रहें... यकीनन रिज़ल्ट्स आपका पीछा करेंगे... गौतम गंभीर ने ये भी बताया कि जब मैं बल्ला उठाता तो कभी नतीजे के बारे में नहीं सोचता था. मैंने कभी नहीं सोचा कि इतने रन बनाऊंगा... मेरा हमेशा से मानना रहा कि मुझे ईमानदार रहना है और अपने पेशे के साथ न्याय करना है.
गंभीर अपनी टीम को जीत दिलाने की कोशिश करें
गंभीर ने कहा कि ऐसा करने की कोशिश करें क्योंकि टीम ही है, जो मायने रखती है, personal milestones नहीं... तो मैदान में जाकर केवल एक बात सोचें कि अपनी टीम को जीत दिलाने की कोशिश करें... आप किसी भी टीम के लिए खेलें, बस उसे जिताने के बारे में सोचे... यह पर्सनल गेम नहीं, जहां आप अपने बारे में सोच,... यहां टीम पहले आती है.
कुल मिलाकर गौतम गंभीर ने अपनी टीम के प्लेयर्स को एकता की ताकत को समझाया है... अब टीम के खिलाड़ियों को गौतम गंभीर की ये भावना समझ आती है या वो उसे गौतम गंभीर का एटीट्यूड मान लेते हैं...ये तो वक्त बताएगा. लेकिन हां इतना तो ज़रूर है कि गौतम गंभीर के पास इतना टैलेंट तो है कि वो भारत को अगले साल होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी का विजेता बनवा सकते हैं