India A vs England Lions : बेहतर प्रदर्शन के बावजूद क्यों नहीं चुने गए अंशुल कंबोज?

क्रिकेट डेस्क। हाल ही में इंग्लैंड लॉयन्स के खिलाफ खेले गए अनौपचारिक फर्स्ट क्लास (FC) मुकाबलों में भारत ए की ओर से तेज़ गेंदबाज़ अंशुल कंबोज और हर्षित राणा ने भाग लिया। जहां कंबोज ने दो मैचों में 5 विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया और बल्लेबाज़ी में भी योगदान देते हुए एक नाबाद अर्धशतक (51*) जड़ा, वहीं राणा ने एक ही मैच खेला और 1 विकेट हासिल किया। इसके बावजूद, टेस्ट टीम के बैकअप गेंदबाज़ के रूप में हर्षित राणा को प्राथमिकता दी गई, जिससे क्रिकेट जगत में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया।
प्रदर्शन की तुलना
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अंशुल कंबोज
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2 मैच, 5 विकेट
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औसत: लगभग 22
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बल्लेबाज़ी: 51* रन (नाबाद, दूसरी पारी)
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हर्षित राणा
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1 मैच, 1 विकेट
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औसत: 27
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बल्लेबाज़ी: 16 रन
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इसके बावजूद राणा को इंग्लैंड में टीम इंडिया के साथ बतौर बैकअप तेज़ गेंदबाज़ जोड़ा गया है। बीसीसीआई का मानना है कि यह निर्णय टीम के प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ों की फिटनेस को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
चयन के पीछे की रणनीति
पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने भी माना कि कंबोज के आंकड़े राणा से बेहतर हैं। कंबोज के फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड में 24 मैचों में 79 विकेट (औसत 22.88) हैं, जबकि राणा के 13 मैचों में 48 विकेट (औसत 27.79) हैं। हालांकि, चोपड़ा के अनुसार, राणा का चयन "ग़लत नहीं" कहा जा सकता क्योंकि टीम मैनेजमेंट कभी-कभी हालिया अंतरराष्ट्रीय अनुभव और निरंतरता को तवज्जो देता है।
हर्षित राणा ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो टेस्ट खेले हैं, जिनमें से डेब्यू मैच पर्थ में था, जहां उन्होंने तीन विकेट हासिल किए। टेस्ट स्तर का यह अनुभव चयन के दौरान निर्णायक बन गया।
टीम इंडिया की रणनीतिक सोच
बीसीसीआई ने स्पष्ट किया है कि राणा को अभी आधिकारिक स्क्वॉड का हिस्सा नहीं बनाया गया है, बल्कि वे कुछ खिलाड़ियों की फिटनेस पर निर्भर "स्टैंडबाय विकल्प" के रूप में इंग्लैंड में रहेंगे।
वर्तमान तेज़ गेंदबाज़ों की सूची इस प्रकार है
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जसप्रीत बुमराह
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मोहम्मद सिराज
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प्रसिध कृष्णा
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आकाश दीप
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अर्शदीप सिंह
ऑलराउंडर विकल्प: शार्दुल ठाकुर, नितीश रेड्डी
ऐसे में बैकअप के रूप में राणा का चयन एक रणनीतिक निर्णय है, जिससे आपात स्थिति में तेज़ गेंदबाज़ी लाइनअप को मज़बूती मिल सके।
टेस्ट क्रिकेट का नया युग
यह टेस्ट सीरीज़ भारत के लिए एक नए दौर की शुरुआत है, क्योंकि रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गज खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। युवा नेतृत्व में शुभमन गिल के साथ भारत अब नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है, और इसी दिशा में युवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।