वो ‘प्रिंस’ जो कभी ‘किंग’ नहीं बन सका, शुभमन गिल भी उसी रास्ते पर?

प्रतिभा जब ट्रॉफियों तक नहीं पहुंच पाती
नेमार को फुटबॉल का एक असाधारण टैलेंट माना गया है—गति, कौशल और तकनीक का अनोखा संगम। उन्होंने टीनएज में सैंटोस एफसी से अपने करियर की शुरुआत की और जल्द ही विश्व फुटबॉल में अपनी छाप छोड़ी। बार्सिलोना के साथ उन्होंने शानदार खेल दिखाया, जहां मेसी और सुआरेज़ के साथ उनकी तिकड़ी ने धूम मचाई और 2015 में यूईएफए चैंपियंस लीग जीतने में अहम भूमिका निभाई।
बाद में, नेमार ने रिकॉर्ड तोड़ ट्रांसफर फीस पर पेरिस सेंट-जर्मेन (PSG) जॉइन किया, जिससे वह इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ियों में शामिल हो गए। लेकिन इसके बावजूद, वह बैलन डी'ओर जैसे व्यक्तिगत सम्मान या फीफा वर्ल्ड कप जैसी प्रतिष्ठित ट्रॉफियों को बार-बार जीतने में असफल रहे।
चोटों ने बनाया 'प्रिंस' से 'क्या होता अगर...'
नेमार के करियर का एक काला पक्ष रहा है उनकी लगातार चोटें। महत्वपूर्ण मैचों से पहले उनकी इंजरी न सिर्फ उनके प्रदर्शन को प्रभावित करती रहीं, बल्कि उनके करियर ग्राफ को भी नीचे खींचती रहीं। आलोचकों का मानना है कि यदि वह फिट रहते, तो शायद वह भी मेसी या रोनाल्डो जैसी विरासत रच सकते थे। हालांकि उन्होंने क्लब और देश दोनों के लिए कुछ बड़ी जीत दिलाई हैं, लेकिन वह एक किंग की तरह लंबी अवधि तक फ़ुटबॉल पर राज नहीं कर पाए।
क्या शुभमन गिल भी बनेंगे 'नेमार'?
इसी संदर्भ में भारतीय क्रिकेट में उभरता नाम है शुभमन गिल—जिसे क्रिकेट का 'प्रिंस' कहा जा रहा है, वहीं विराट कोहली को 'किंग' की उपाधि पहले ही मिल चुकी है। कोहली अब धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूरी बना रहे हैं। वह टी20 और टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं और केवल वनडे क्रिकेट पर फोकस कर रहे हैं।
शुभमन गिल ने टेस्ट कप्तान के रूप में डेब्यू करते हुए शतक लगाकर अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है। गिल में सभी खूबियां मौजूद हैं—टेक्निक, टेम्परामेंट और क्लास—जो उन्हें भविष्य का 'किंग' बना सकती हैं लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या शुभमन गिल विराट कोहली की तरह लंबे समय तक क्रिकेट पर राज कर पाएंगे या नेमार की तरह एक 'प्रिंस' बनकर ही रह जाएंगे?