क्या बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद रोहित शर्मा और विराट कोहली लेगे सन्यास
प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित से कई सवाल पूछे गए। मगर कोई भी पत्रकार उनसे ये पूछने की हिम्मत नहीं दिखा पाया कि क्या लगातार खराब प्रदर्शन के बाद भी उनकी प्लेइंग इलेवन में जगह बनती है? कोई उनसे ये नहीं पूछ पाया कि क्या कोई युवा खिलाड़ी इतना खराब प्रदर्शन के बाद भी टीम में बने रह पाता।
क्या कोई खिलाड़ी टीम से ज्यादा बड़ा होता है।रोहित शर्मा अपने करियर के सबसे खराब टेस्ट फॉर्म से गुजर रहे हैं। सितंबर में बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सत्र की शुरुआत के बाद से 15 पारियों में उनका स्कोर 164 रन ही रहा है।
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के तीन टेस्ट की छह पारियों में वह सिर्फ 31 रन ही बना पाए हैं। उनका यह आंकड़ा इस सीरीज में जसप्रीत बुमराह के लिए 30 विकेट से सिर्फ एक ज्यादा है। अपने टेस्ट करियर के आखिरी पड़ाव पर पहुंच चुके रोहित के लिए सिडनी टेस्ट इस प्रारूप में करियर का आखिरी टेस्ट मैच हो सकता है।
भारतीय कप्तान हालांकि खुद बिना संघर्ष किए बाहर नहीं जाना चाहते हैं।जीत के लिए 340 रन के असंभव लक्ष्य का पीछा करते हुए रोहित नौ और कोहली पांच रन बनाकर आउट हो गए। रोहित को अति रक्षात्मक शैली अपनाने का खामियाजा भुगतना पड़ा तो ऑफ स्टम्प से बाहर जाती गेंद पर कोहली ने फिर विकेट गंवाया।
यशस्वी जायसवाल (84) को छोड़कर कोई भी अन्य भारतीय बल्लेबाज योगदान नहीं दे पाया। भारत को इस मैच में 184 रन से हार का सामना करना पड़ा।हो सकता है कि वे दोनों मानते हों कि उनके पास भारतीय क्रिकेट को देने के लिए बहुत कुछ है,
लेकिन बहुमत की राय यही है कि अब दोनों दिग्गजों को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि सिलेक्टर्स के मुश्किल फैसले लेने से पहले ही सिडनी टेस्ट के बाद रोहित-विराट इस फॉर्मेट को अलविदा कह दें ताकि अगले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप साइकिल और
गर्मियों में इंग्लैंड के पांच टेस्ट दौरे के साथ एक नई शुरुआत हो सके।हो सकता है कि वे दोनों मानते हों कि उनके पास भारतीय क्रिकेट को देने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन बहुमत की राय यही है कि अब दोनों दिग्गजों को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं
कि सिलेक्टर्स के मुश्किल फैसले लेने से पहले ही सिडनी टेस्ट के बाद रोहित-विराट इस फॉर्मेट को अलविदा कह दें ताकि अगले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप साइकिल और गर्मियों में इंग्लैंड के पांच टेस्ट दौरे के साथ एक नई शुरुआत हो सके।