भीषण गर्मी से इंसान के साथ भगवान भी हलकान

 
इस भयंकर गर्मी से इंसान के साथ साथ भगवान को राहत दिलाने के लिए  मथुरा से लेकर अयोध्या तक तमाम तरह के जतन किए जा रहे हैं. दरअसल हिंदू धर्म में जब किसी मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो जाती है तो वह निर्जीव नहीं होती उसमें ईश्वर के प्राण स्थापित होते हैं. अयोध्या के राम मंदिर श्रीराम 5 साल के बालक रूप में विराजमान हैं
तो वहीं मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में श्रीकृष्ण बाल स्वरूप में विराजित हैं.यहां भगवान की बिलकुल एक बच्चे के समान देखभाल की जाती है। अयोध्या में रामलला को भीषण गर्मी से बचाने के लिए श्रीराम को रोजाना सूती कपड़े पहनाए जाते हैं. खीर-पूड़ी की बजाय अबगर्मी को देखते हुए ठंडी चीजें जैसे लस्सी, ठंडाई, छाछ, मौसमी फल (खरबूजा, तरबूज, आम, खीरा) का सुबह-शाम भोग लगाया जा रहा है. मंदिर में कूलर और एसी लगाए गए हैं वही बज्र के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में कान्हा को गर्मी से बचाने और उन्हें शीतलता देने के लिए फूल बंगला लगाया जा रहा है

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