बिना पंडित के कैसे करें पितरों का पिंडदान
Sep 21, 2024, 09:55 IST
हिन्दू धर्म में पितृपक्ष का बड़ा महत्व है. और इन 15 दिनों के दौरान लोग पितरों को याद कर उनके निमित्त तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करते हैं. और शास्त्रों में किसी पंडित द्वारा ही पिंडदान कराए जाने का विधान है. लेकिन अगर पंडित उपलब्ध न हो तो इसके लिए भी शास्त्रों मे समाधान बताया गया है. भगवान सूर्य को जगत पंडित माना जाता है. यदि श्राद्ध कर्म के दौरान पंडित नहीं मिल पाते हैं तो आप सूर्य देव के सामने स्वयं खड़े होकर अपने पितरों का दान कर सकते हैं. जिसके लिए आप नदी में खड़े होकर अपने हाथ में जौ, तिल, चावल लेकर अपने पितरों का नाम लेकर भगवान सूर्य को अर्पित कर पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए
. जैसे कि पिंडदान मे पंडित कई बार क्रिया करता है. ऐसे ही ये प्रक्रिया आपको ग्यारह बार करनी पड़ेगी. इसके साथ ही कच्चा दूध, चावल के लड्डू, अदरक, सूखे आंवले और कच्ची सूत के धागे को जल में प्रवाहित करना है. इसके बाद ही दीपदान, तिलक, अक्षत, नारियल, फूल और मिठाई भी चढ़ाएं.