दिवाली की रात तांत्रिक क्यों करते हैं तंत्र-मंत्रों की सिद्धि

 
दीपावली ऐसा त्‍योहार है जिसका सभी को पूरे साल बेसब्री से इंतजार रहता है. कार्तिक अमावस्या की रात जहां एक तरफ लोग भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस दिन तांत्रिक लोग देर रात शमशान घाट पर जाकर तंत्र-मंत्र की साधना में  लीन रहते हैं. दरअसल हिंदू धर्म में कई तरह के ज्ञान और कल का प्रचलन है. इन्ही में से एक है तांत्रिक विद्या, जिसे काला जादू के नाम से भी जानते हैं. हालांकि इसका सनातन धर्म से कोई संबंध नहीं है, क्योंकि तंत्र विद्या का प्रयोग किसी कार्य में जल्दी सफलता पाने या किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है.
कार्तिक अमावस्या की रात्रि में तांत्रिक शमशान घाट में तंत्र-मंत्र की सिद्धि करते हैं. इस दिन लोग शत्रुओं पर विजय पाने, गृह शांति के लिए और लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए कई टोटके करते हैं. तंत्र विद्याके अनुसार दिवाली की रात्रि पर कई अद्भुद शक्तियों की सिद्धि की जाती है.लेकिन हमें तंत्र-मंत्र और टोटके की सिद्धि करते समय ये ध्यान रखना चाहिए की सदैव हम उन्ही मंत्रो का आश्रय लें जो कल्याणकारी हो. किसी को क्षति पहुंचाने के लिए किए गए टोटके और मंत्र सिद्ध हो जाते हैं लेकिन वो हमारा और हमारी आने वाली पीढ़ी के समस्त सुख को नष्ट कर देते हैं.