अयोध्या के रामपार्क में आयोजित हुआ कार्यक्रम | Ram Nandir Ayodhya
अयोध्या में आयोजित हुआ कार्यक्रम | Ayodhya Ke Ram Park Me Hua Ram Bhajan

Ayodhya Karyakram
Ram Bhajan Ka Aayojan
Ram Mandir Ayodhya Update
रामकथा पार्क में रामोत्सव श्रृंखला में बीती शाम नोएडा से आए दल ने सम्पूर्ण रामायण" नृत्य नाटिका कथक शैली में प्रस्तुत कर भगवान राम के जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक के प्रसंग को मंचित किया। राम के पात्र में गोविंद केसरी,सीता बृजेश कुमारी, रावण/दशरथ मनीष गंगानी के अलावा सह कलाकारो में मिताली वर्मा और सोनम का नृत्य व अभिनय प्रभावी था।
रामकथा पार्क में गुजराती रास से छलका रामरस, बीन पर बजे रामभजन से मुग्ध हुए दर्शक
अगली प्रस्तुति में हरियाणा से आए राम अवतार के दल ने बीन को सिर्फ संपेरो या सांप पकड़ने का वाद्ययंत्र की सोच के विपरीत बीन पर संगीत के शास्त्रीय राग बजा कर सभी को स्तब्ध कर दिया। जग में सुंदर है दो नाम,चाहे कृष्ण कहो या राम,रघुपति राघव राजा राम जैसे भजनों और पारंपरिक हरियाणवी गीतों के बाद कलाकारो ने जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा जैसे बजाया तो पूरा पांडाल उठकर नृत्य करने लगा। इसके बाद मंच पर "लवकुश के राम" का मंचन किया लखनऊ से आई सरिता यादव के दल ने। राम सिया की करुण कहानी से शुरू होकर ये कथा भय प्रकट कृपाला पर जब समाप्त हुई तो वातावरण राममय हो चुका था। धीरेंद्र,प्रीति,रीना,सागरिका,पवन सहित सभी कलाकारो का अभिनय सराहनीय था।
गुजरात से आए भीखा राणा के दल ने महिलाओं द्वारा किए जाने वाले टिपनी लोकनृत्य प्रस्तुत किया जिसके महिलाए एक लंबे डंडे,जिसके सिरे पर चौकोर गुटका होता है उसकी सहायता से नृत्य किया पुरुषो ने रंग बिरंगे परिधानों में रास मलंग और कोली रास प्रस्तुत किया। संगीत के ताल पर डांडिया खेलते कलाकारो का तीव्र गति से चक्कर खाना और फिर कलाबाजी करते हुए डांडिया रास सभी को लुभा गया।दर्शकों का आनंद चरम पर पहुंच गया जब दल के गायक ने गुजराती भाषा में "अयोध्या आए छे श्रीराम" गाया तो पंडाल तालियों से गूंज उठा।
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अंतिम प्रस्तुति देने मंच पर काशी की डा प्रियम्वदा तिवारी के दल ने गणेश वंदना करके आरंभ किया।उसके बाद श्रीराम चंद्र कृपालु भजमन पर प्रियम्वदा का किया गया भाव नृत्य मंच पर ममत्व बिखेर गया। राम स्तुति के बाद रामजी की आरती पर कलाकारो द्वारा मंच पर श्रीराम जी के जीवन प्रसंगों के अलग अलग दृश्य बनाना अद्भुत था।
अंतरराष्ट्रीय रामायण एवम वैदिक शोध संस्थान अयोध्या के निदेशक डा.लवकुश द्विवेदी के निर्देशन में हुए कार्यक्रम में समन्वयक अतुल कुमार,शिवांश त्रिवेदी,श्रुति,श्रवणी,बसंत गुप्ता,धनपत समेत भारी संख्या में दर्शक उपस्थित थे।