भारत के सबसे ताकतवर कमांडो कौन से हैं | India's Top Special Commando Forces
इंडिया में सबसे खतरनाक आर्मी कौन सी है | Bharat Ki Sabse Khatarnak Fauj Kaun Si Hai?
Most Dangerous Force In The World
दुनिया में नंबर 1 कमांडो कौन है?
Bharat Ki Sabse Khatarnak Fauj
किसी भी देश की ताकत सिर्फ वहां की सरकार ही नहीं, बल्कि वहां की सिक्योरिटी फोर्सज़ भी होती हैं. सही मायने में तो यह कहना ज्यादा अच्छा रहेगा कि अपनी सिक्योरिटी फोर्सज़ के दम पर ही कोई भी देश दुनिया के सामने एक बड़ी ताकत के रूप में उभर कर सामने आ सकता है.
जानें भारत की सबसे शक्तिशाली कमांडो फोर्सज़ के बारे में
हमारे भारत में सुरक्षा की ज़िम्मेदारी इंडियन आर्मी, इंडियन नेवी, भारतीय वायु सेना और भारतीय पुलिस के हाथों में है... इन्हीं फोर्सज़ की बदौलत आज हम अपने घरों में सुकून की सांस ले पा रहे हैं... लिहाज़ा, जिनके शौर्य के दम पर हम जी रहे हैं उनके बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी हो जाता है... नमस्कार मैं हूं आमीना और आप देख रहे हैं आपकी खबर... आज हम आपको भारत की पराक्रमी टॉप सिक्योरिटी फोर्सज़ के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं...
गरुड़ कमांडो फोर्स
भारतीय वायु सेना ने साल 2004 में अपनी सेना की सुरक्षा के लिए आसमानी रक्षक गरुड़ कमांडो फोर्स की स्थापना की थी... गरुड़ फोर्स के जांबाज कमांडो हवाई युद्ध में काफी माहिर होते हैं... अपने हुनर से इनको पता होता है कि कैसे दुश्मन की सीमाओं में घुसकर अपने साथियों को सुरक्षित वहां से बाहर निकलना है... आर्मी से अलग यह कमांडो काली टोपी पहनते हैं... गरुड़ फोर्स सेना के जवानों को ही कमांडो बनने का मौका देता है... गरुड़ फोर्स में शामिल होना सेना के हर किसी जवान के बस की बात भी नहीं होती... पूरी तरह से गरुड़ फोर्स में शामिल होने के लिए 3 सालों का लंबा समय लग जाता है... क्योंकि इनकी ट्रेनिंग काफी मुश्किल होती है... ट्रेनिंग के दौरान इन्हें नदियों और आग तक से गुज़रना पड़ता है... इसके अलावा बिना सहारे पहाड़ पर चढ़ना... भारी भरकम बोझ के साथ कई किलोमीटर की दौड़ लगाना... यहां तक की घने और खतरनाक जंगल में कई-कई दिन और रात गुजारना इनकी ट्रेनिंग का एक खास हिस्सा होता है...

मार्कोस कमांडो फोर्स
मार्कोस कमांडो फोर्स एक घातक और खतरनाक स्पेशल फोर्स है जिसके नाम से दुश्मनों के पसीने छूटने लगते हैं... मार्कोस कमांडो की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि वो मौत को मात देने के लिए हमेशा तैयार होते हैं... इनकी ट्रेनिंग भी तीन सालों की होती है... 1987 में भारतीय नौसेना की इस स्पेशल यूनिट को बनाया गया था... दरअसल, यह वो दौर था जब आतंकवादी हमले और समुद्री लुटेरों का आतंक काफी तेजी से बढ़ने लगा था... लिहाज़ा, उस पर काबू पाना और उसे सबक सिखाना बेहद जरूरी हो गया था... तब जाकर मार्कोस कमांडो फोर्स का गठन हुआ... मार्कोस की ट्रेनिंग इसलिए खास होती है क्योंकि इसकी ट्रेनिंग अमेरिकी नेवी सील्स की तरह कराई जाती है... इनकी ट्रेनिंग जान को जोखिम में डालने वाली होती है... सैनिकों की पीठ पर 20-25 किलो का वजन रखकर उन्हें दौड़ाया जाता है... इसके अलावा, सैनिकों को भारी वजन लेकर कीचड़ के अंदर कम से कम समय में 800 मीटर की दौड़ पूरी करनी होती है... मौजूदा समय में इसमें 1200 कमांडो हैं... मार्कोस कमांडो फोर्स ने 1987 से अब तक कई सारे बड़े ऑपरेशन में अपनी भूमिका निभाई है और उन्हें एक सफल अंजाम तक पहुंचाया है...

कोबरा कमांडो फोर्स
कोबरा यानी कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट एक्शन... इस खास कमांडो टीम को 2008 में बनाया गया था... इनकी ट्रेनिंग भी तीन महीने की होती है... फिलहाल इस फोर्स में 10 हजार कमांडो हैं... आमतौर पर इन्हें गोरिल्ला ट्रेनिंग और नक्सल वॉरफेयर के लिए तैयार किया जाता है... यह बटालियन नक्सलियों और चरमपंथियों जैसे देश विरोधी तत्वों के खिलाफ लड़ती है... इनकी गिनती दुनिया की बेस्ट पैरामिलिट्री फोर्स में गिनी जाती है... यह दुश्मनों पर लगातार हमला करने में एक्सपर्ट होते हैं... राष्ट्रपति भवन, संसद समेत कई महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा का काम इनके पास है...

पैरा कमांडो स्पेशल फोर्स
भारतीय सेना की पैराशूट रेजीमेंट की एक स्पेशल फोर्स की यूनिट होती है जिसे पैरा कमांडो स्पेशल फोर्स कहते हैं... इस पैराशूट रेजीमेंट की शुरुआत 1 जुलाई 1966 में हुई थी... पैरा कमांडो का चयन दो तरीकों से होता है, पहला है डायरेक्ट रिक्रूटमेंट और दूसरा इंडियन आर्मी के जरिए... पैरा कमांडो ऑफिसर बनने के लिए भी एक टफ ट्रेनिंग में पास होना जरूरी है... इसकी ट्रेनिंग कितनी ज्यादा खतरनाक होती है इसका अंदाजा आप कुछ ऐसे लगा सकते हैं कि इसमें 10 परसेंट से भी कम कैंडिडेट सेलेक्ट होते हैं... हालांकि, इस ट्रेनिंग के बाद देश को खरा सोना यानी कि मजबूत सोल्जर मिलता है... पैरा कमांडो आतंकवाद विरोधी अभियान, देश के दुश्मनों को मार गिराना, देश के खिलाफ होने वाले विद्रोह को कुचलने जैसे ऑपरेशन्स को अंजाम देते हैं... पैरा कमांडो हैंड टू हैंड कॉम्बैट के अलावा कई सारी कॉम्बैट टैक्टिक्स में माहिर होते हैं, जिसके चलते ही पैरा कमांडो को स्पेशल कमांडो ऑफिसर या सोल्जर कहा जाता है...

एनएसजी कमांडो फोर्स
ऐसा माना जाता है और ऐसा सिद्ध भी हुआ है कि भारत के सबसे खतरनाक कमांडो राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड यानी एनएसजी के होते है... 1984 में बनाए गए एनएसजी कमांडोज की पहचान ब्लैक कैट कमांडो के नाम से होती है... इन कमांडो के पहनावे की बात करें तो ये सिर से लेकर पैर तक ब्लैक ड्रेस में होते हैं... देखा गया है कि पलक झपकते ही ये दुश्मनों को मिटाने का दम रखते हैं... आपको बता दें कि देश में जब भी बड़े आतंकी हमले हुए हैं, सभी हमलों में एनएसजी कमांडो फोर्स ने मुहंतोड़ जवाब दिया है.. फिर चाहे वो 26/11 का मुंबई हमला हो या अक्षरधाम मंदिर पर आतंकी हमला हो... एनएसजी कमांडोज ने आतंकियों को बुरी तरह खदेड़ने का काम किया है...

तो हमने आपको भारत की टॉप-5 स्पेशल सिक्योरिटी फोर्सेज के बारे में जानकारी दी जो हमारे देश के दुश्मनों के लिए काल का दूसरा नाम है... यह मरने और मारने दोनों के लिए हमेशा तैयार रहते हैं... अपने देश के इन जांबाज कमांडोज को हम अपना सल्यूट करते हैं... इस रिपोर्ट में फिलहाल बस इतना ही, आप देखते रहिए आपकी खबर...
