सोनम वांगचुक की क्या मांगें हैं | What Is Ladakh Demands?
Sonam Wangchuk News In Hindi
Sonam Wangchuk Kon Hai?
Ladakh Article 370
Laddakh Ke Logon Ki Mange
आपको रणछोड़ दास चंचल याद है? अरे वही फुंगशुक वांगड़ू... अरे 3 idiots का वो Lead Character जो आज भी लोगों का Favourite है और जिसकी Popularity सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि China और South Korea तक है... आज उसी रणछोड़ दास चंचल की भारत में बद्तर से भी बद्तर हालत हो चुकी है...
कौन हैं Sonam Wangchuck? Ladakh के लोगों की किस लड़ाई का कर रहे हैं नेतृत्व?
चलिए, अब ज्यादा पहेलियां नहीं बुझाते हैं और डायरेक्ट आते हैं Point पर... Sonam Wangchuck, यानी Real Life रणछोड़ दास चंचल की भूख से जान जाती-जाती बची है... दरअसल वो सरकार के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं, एक बड़ी लड़ाई, लद्दाख के अस्तित्व को बचाने की लड़ाई... जी हां, Sonam Wangchuck पिछले 20 दिनों से भूख हड़ताल पर थे... लद्दाख के लोगों की मांगों को लेकर सोनम वांगचुक 6 मार्च को अनशन पर बैठे थे... भूख हड़ताल खत्म करने के बाद उन्होंने कहा है कि ये आंदोलन का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है... अब महिलाएं भूख हड़ताल करेंगी... अपनी मांगों को लेकर हमें जब तक आंदोलन करना पड़े, हम करेंगे... पूरे लद्दाख का चेहरा बने Sonam Wangchuck सरकार से क्या चाहते हैं चलिए इसके बारे में तफ़्सील से बात करते हैं...
साल 2019, तारीख 5 अगस्त, केंद्र की मोदी की सरकार की तरफ से एक फैसला आता है जो सब कुछ बदल कर रख देता है... फैसला, जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का, इस तरह से जम्मू कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था... इसके बाद जम्मू-कश्मीर एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बना... लेह और कारगिल को मिलाकर लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश बना था... यहीं से शुरुआत होती है मनमुटाव की... लेह और कारगिल के लोग खुद को राजनीतिक तौर पर बेदखल महसूस करने लगे... उन्होंने केंद्र के खिलाफ आवाज उठाई... बीते दो साल में लोगों ने कई बार विरोध-प्रदर्शन कर पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा मांगते रहे हैं, ताकि उनकी जमीन, नौकरियां और अलग पहचान बनी रही, जो आर्टिकल 370 के तहत उन्हें मिलता था...
सोनम वांगचुक की क्या मांगें हैं?
सोनम वांगचुक की सबसे बड़ी मांग है लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाना... दरअसल, लद्दाख को केंद्र के शासन में लाने के बावजूद विधायिका नहीं दी गई... गठन के 5 साल बाद भी वहां के लोगों के दिलों में यही सबसे बड़े दर्द का सबब बना हुआ है... लिहाज़ा, वहां अब यह मांग ज़ोर पकड़ रही है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए ताकि वहां विधायिका प्रथा की शुरुआत हो और विकास का एक नया सूरज उगे... इसके अलावा, संविधान की छठी अनुसूची लागू करने की मांग भी सबसे ऊपर है... दरअसल, यहां के स्थानीय लोगों को अपने बड़े कारोबारों और बड़ी कंपनियों की अपनी जमीन और नौकरियां छीने जाने का डर है... यहां के लोगों में अपनी भाषा-अपनी संस्कृति को खो देने की असुरक्षा घर करती गई है और धीरे-धीरे ये नाराजगी विरोध प्रदर्शनों के तौर पर सामने आई है...
यही वजह है कि लोग अब विशेष अधिकारों और सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं... और संविधान की छठी अनुसूची कुछ विशेष शक्तियों के साथ संवैधानिक सुरक्षा उपायों पर जोर देती है... खैर, हमें उम्मीद है कि सोनम वांगचुक की असल मांग क्या है और क्यों है यह आप अच्छी तरह समझ गए होंगे...