Navratri 2023  : नवरात्रि के चौथे दिन माता कूष्मांडा की  करे पूजा  दूर हो जायेगे सारे दोष 

न माता कूष्मांडा
Navratri 2023 4th Day  :नवरात्रि के चौथे दिन माता कूष्मांडा की पूजा की जाती है. 18 अक्टूबर 2023 को मां कूष्मांडा की उपासना की जाएगी. रोग, दोष, शोक से मुक्ति पाने के लिए माता कूष्मांडा की पूजा अचूक मानी जाती है. माता कूष्मांडा सौरमंडल की अधिष्ठात्री देवी मानी गई हैं |

ICC World Cup 2023 NZvsAFG : आज New Zealand और Afghanistan के बीच Chennai में होगी टक्कर

  1. माता कूष्मांडा की मूर्ति या फोटो
  2. रंगोली के लिए रंग
  3. दीपक, घी, बत्ती, मचिस
  4. पुष्प, फल, नैवेद्य के लिए फल और मिठाई
  5. गुड़, बादाम, किशमिश, खजूर
  6. गुलाबजल और गुलाब के पुष्प
  7. कुमकुम, चांदन, सिंदूर
  8. वस्त्र (माता की मूर्ति को धन्य करने के लिए)
  9. कलश, गंगाजल, नरियल, सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, अगरबत्ती

पूजा विधि:

ICC World Cup 2023 : Pakistan की टीम मुश्किल बड़ी इतने खिलाडी वायरल बुखार से बीमार

  1. अपने घर के एक शुभ और शुद्ध स्थान पर आसन बिछाएं।
  2. आसन पर माता कूष्मांडा की मूर्ति या फोटो रखें।
  3. धूप, दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
  4. माता कूष्मांडा का स्तुति करें और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।
  5. गंगाजल से कलश और नरियल को धोकर, वस्त्र से सजाकर पूजा स्थल पर रखें।
  6. कलश को पूजा स्थल पर रखें और उसमें गंगाजल डालें। उसमें नारियल, सुपारी, लौंग, इलायची और फूल डालें।
  7. कलश को माता कूष्मांडा की मूर्ति के सामने रखें।
  8. माता को गुलाबजल से स्नान कराएं और वस्त्र पहनाएं।
  9. माता के सामने पुष्प, फल, मिठाई, बादाम, किशमिश, खजूर आदि को अर्पित करें।
  10. अक्षत और कुमकुम चढ़ाएं।
  11. अपनी पूजा का फल चढ़ाएं और आरती गाएं।
  12. माता की आरती के बाद प्रसाद बांटें और खुद भी खाएं।

Share this story