किस कारण से हनुमान जी के पूरे शरीर लगा होता है सिंदूर जानिए

किस कारण से हनुमान जी के पूरे शरीर लगा होता है सिंदूर जानिए

हनुमान जी ने भी भगवान राम और माता सीता के साथ आने की जिद की

डेस्क-हनुमान जी के जीवन के ऐसे कई रोचक प्रसंग हैं, जिनसे जीवन में प्रेरणा मिलती है। आज इस लेख में हम जानते हैं ऐसी ही कुछ रोचक बातों के बारे में कि आखिर हनुमानजी सिंदूर क्यों पसंद करते हैं। हनुमान जी की पूजा महिलाओं को क्यों नहीं करनी चाहिए।

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  • साथ ही ये भी जानेंगे कि नटखट नन्हें मारुति ने ऐसा क्या किया कि उनका नाम हनुमान रख दिया गया।
  • श्री हनुमान क्यों हुए सिंदूरी शास्त्रों में इस विषय में जानकारी दी गई है |
  • कि जब रावण को मारकर राम जी सीता जी को लेकर अयोध्या आए थे
  • तब हनुमान जी ने भी भगवान राम और माता सीता के साथ आने की जिद की।
  • राम ने उन्हें बहुत रोका। लेकिन हनुमान जी थे कि अपने जीवन को श्री राम की सेवा करके ही बिताना चाहते थे।

एक बार उन्होंनें माता सीता को मांग में सिंदूर भरते हुए देखा। तो माता सीता से इसका कारण पूछ लिया। माता सीता ने उनसे कहा कि वह प्रभु राम को प्रसन्न रखने के लिए सिंदूर लगाती हैं। हनुमान जी को श्री राम को प्रसन्न करने की ये युक्ति बहुत भा गई। उन्होंने सिंदूर का एक बड़ा बक्सा लिया और स्वयं के ऊपर उड़ेल लिया। और श्री राम के सामने पहुंच गए।

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  • तब श्री राम उनको इस तरह से देखकर आश्चर्य में पड़ गए। उन्होंने हनुमान से इसका कारण पूछा।
  • हनुमान जी ने श्री राम से कहा कि प्रभु मैंने आपकी प्रसन्नता के लिए ये किया है।
  • सिंदूर लगाने के कारण ही आप माता सीता से बहुत प्रसन्न रहते हो। अब आप मुझसे भी उतने ही प्रसन्न रहना।
  • तब श्री राम को अपने भोले-भाले भक्त हनुमान की युक्ति पर बहुत हंसी आई।
  • सचमुच हनुमान के लिए श्री राम के मन में जगह और गहरी हो गई।

क्यों नहीं करना चाहिए महिलाओं को हनुमानजी की पूजा

हनुमान जी सदा ब्रह्मचारी रहें। शास्त्रों में हनुमान जी की शादी होने का वर्णन मिलता है। लेकिन ये शादी भी हनुमान जी ने वैवाहिक सुख प्राप्त करने की इच्छा से नहीं की। बल्कि उन 4 प्रमुख विद्याओं की प्राप्ति के लिए की थी। जिन विद्याओं का ज्ञान केवल एक विवाहित को ही दिया जा सकता था।

इस कथा के अनुसार हनुमान जी ने सूर्य देवता को अपना गुरु बनाया था। सूर्य देवता ने नौ प्रमुख विद्याओं में से पांच विद्या अपने शिष्य हनुमान को सिखा दी थी। लेकिन जैसे ही बाकी चार विद्याओं को सिखाने की बारी आई।

  • तब सूर्य देव ने हनुमान जी से शादी कर लेने के लिए कहा क्योंकि ये विद्याओं का ज्ञान केवल एक विवाहित को ही दिया जा सकता था।
  • अपने गुरु की आज्ञा से हनुमान ने विवाह करने का निश्चय कर लिया।
  • हनुमान जी से विवाह के लिए किस कन्या का चयन किया जाए, जब यह समस्या सामने आई।

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