कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सरकार को भारतीय दंड विधान की धारा 295-A में संशोधन कर 295-AA का प्रस्ताव केंद्र के पास भेजा
कांग्रेस सरकार ने नए सिरे से 295-AA संशोधन पेश किया
पंजाब-पंजाब में कांग्रेस के नेतृत्व वाली कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने हाल ही में भारतीय दंड विधान की धारा 295-A में संशोधन कर 295-AA का प्रस्ताव केंद्र के पास भेजा है।
यह संशोधन लागू हो जाता है तो राज्य में धर्मग्रंथों जिनमें श्रीमद्भगवद गीता, श्री गुरु ग्रंथ साहिब, पवित्र कुरान और पवित्र बाईबल का अपमान करने वाले को उम्रकैद की सजा दी जा सकेगी। इस तरह का संशोधन 22 मार्च, 2016 को अकाली दल बादल और भारतीय जनता पार्टी की निवर्तमान सरकार भी लेकर आई थी परंतु उसमें केवल श्री गुरु ग्रंथ साहिब को शामिल किया गया।
केंद्र ने यह कहते हुए इस संशोधन को निरस्त कर दिया कि धर्मनिरपेक्ष देश में किसी एक धर्म विशेष रियायत नहीं दी जा सकती। राज्य में दो साल पहले हुई श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान की घटनाओं को लेकर हाल ही में सेवानिवृत न्यायाधीश रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर विधानसभा में बहस हुई है, जिसमें अकाली-भाजपा विधायकों की अनुपस्थिती में सत्ताधारी दल व आम आदमी पार्टी के विधायकों ने इन घटनाओं के लिए अकाली दल को खूब कोसा। लगता है
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- जनता में पनपी भावनाओं का राजनीतिक दोहन करने के लिए कांग्रेस सरकार ने नए सिरे से 295-एए संशोधन पेश किया |
- इसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब के साथ उक्त ग्रंथ भी जोड़ दिए।
- राजनीतिक दलों की वोट बटोरने की इस कला को आग से खेलना कहा जाना कोई अतिशयोक्ति न होगा क्योंकि अगर यह क्रम आगे बढ़ा |
- अन्य राज्य भी इसी मार्ग पर चले तो इसकी बहुत बड़ी कीमत देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को चुकानी पड़ सकती है।
- कुछ विद्वानों ने पंजाब सरकार के इस संशोधन को पाकिस्तान के कुख्यात ईशनिंदा कानून के समकक्ष भी प्रस्तुत किया है
- इस आशंका को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता।
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