Festive Season में RBI ने ब्याज दरों को स्थिर रखने का किया फैसला

Festive Season में RBI ने ब्याज दरों को स्थिर रखने का किया फैसला

RBI ने वित्त वर्ष 2019 में जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 7.4 फीसदी पर बरकरार रखा है।

डेस्क- Festive Season में घर, कार या फिर टीवी व फ्रिज खरीदना महंगा नहीं होगा। अगले दो महीनों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक RBI ने रेपो रेट की दर को स्थिर रखने का फैसला किया है।

इससे अब रेपो रेट 6.50 ही रहेगा। लगातार दो बार बढ़ोतरी के बाद मौजूदा समय में रेपो रेट 6.50 फीसदी पर है। RBI की यह बैठक 3 से 5 अक्टूबर तक चली। रिवर्स रेपो रेट 6.25 फीसदी पर कायम रहेगा।
तेल की कीमतों में वृद्धि के बावजूद महंगाई का आंकड़ा जुलाई के 4.17 फीसदी के मुकाबले अगस्त में 3.69 फीसदी पर रहा।

वैश्विक घटनाक्रमों पर नजर डालें, तो रुपया कमजोर हुआ है और यह डॉलर के मुकाबले 73 के आसपास है।

महंगाई में हुआ इजाफा

  • पिछले दो महीनों में खुदरा और थोक महंगाई काफी बढ़ गई है।
  • पेट्रोल और डीजल के दाम भी लगातार बढ़ते गए, क्योंकि रुपया लगातार कमजोर होता गया।
  • ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें इस साल लगभग 20 फीसदी बढ़ चुकी है और इस दौरान क्रूड ऑयल 85 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से ऊपर चला गया है।
  • क्रूड का यह स्तर 2014 के बाद का सर्वाधिक स्तर है।

GDP Growth

  • RBI ने वित्त वर्ष 2019 में GDP Growth अनुमान को 7.4 फीसदी पर बरकरार रखा है।
  • RBI के मुताबिक अप्रैल-सितंबर में GDP Growth 7.5-7.6 फीसदी रहने का अनुमान है।
  • वहीं, जुलाई-सितंबर के बीच महंगाई दर 4.2 फीसदी रहने का अनुमान है।
  • अक्टूबर 2013 के बाद यह पहला मौका होगा जब रिजर्व बैंक ने लगातार दो बार ब्याज दरों में इजाफा किया है।
  • अक्टूबर-मार्च के बीच महंगाई दर 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है।
  • मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की अगली बैठक 3-5 अक्टूबर को होगी।

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Repo rate क्या है

  • Repo rate वह दर होती है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं।
  • जब भी बैंकों के पास कोष की कमी होती है, तो वे इसकी भरपाई करने के लिए केंद्रीय बैंक से पैसे लेते हैं।
  • रिजर्व बैंक की तरफ से दिया जाने वाला यह कर्ज जिस दर पर मिलता है, वही रेपो रेट कहलाता है।
  • इसे हमेशा से रिजर्व बैंक ही तय करता है।
  • Repo rate में कटौती या बढ़ोतरी करने का फैसला मौजूदा और भविष्य में अर्थव्यवस्था के संभावित हालात के आधार पर लिया जाता है।

गांवों में बढ़ेगी रोजमर्रा के सामान की मांग

  • तीन दिन चली मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में सामान्य बढ़ोतरी के मुकाबले तीव्र वृद्धि से किसानों की आय बढ़ेगी और अंतत: गांवों में मांग बढ़ेगी।
  • केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘कंपनियों खासकर रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली इकाइयों के बेहतर वित्तीय परिणाम भी ग्रामीण मांग में वृद्धि को प्रतिबिंबित करता है।’’
  • शीर्ष बैंक ने कहा कि निवेश गतिविधियां मजबूत बनी हुई है।
  • हालांकि हाल की अवधि में वित्तीय स्थिति थोड़ी तंग हुई है।

एफडीआई से मिलेगा बल

  • मौद्रिक नीति बयान के अनुसार हाल के महीनों में FDI प्रवाह में वृद्धि तथा घरेलू पूंजी बाजार में लगातार तेजी की स्थिति निवेश गतिविधियों के लिहाज से बेहतर है।
  • केंद्रीय बैंक ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में गतिविधियां दूसरी तिमाही में मजबूत बने रहने की उम्मीद है।
  • हालांकि इसकी गति थोड़ी नरम हो सकती है।

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