Diwali 2018 : दीपावली में महानिशीथ काल में पूजा करने से मिलता है माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा
Diwali में प्रदोष काल में लक्ष्मीन्द्र-कुबेरादि पूजा तथा महानिशीथ काल में महालक्ष्मी का पूजन करना चाहिए|
डेस्क-हिन्दू धर्म में ज्यादातर त्यौहार शुक्ल पक्ष किसी तिथि को या फिर पूर्णिमा को मनाये जाते है लेकिन Diwali ही एक ऐसा फेस्टिवल है, जो कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या को ही मनाया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि आज की दिवाली की रात में श्री रामचन्द्र जी लंका नरेश रावण का वध करके सीता सहित आयोध्या नगरी वापस आये थे।
आगमन की प्रसन्नता में अयोध्या वासियों ने अपने-अपने घरों में दीप जलाये थे। वास्तव में दीपावाली का पर्व असत्य पर सत्य की विजय का पर्व है। दीपावली में प्रदोष काल में लक्ष्मीन्द्र-कुबेरादि पूजा तथा महानिशीथ काल में महालक्ष्मी का पूजन करना चाहिए।
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दीपावली में कैसे करे महानिशीथ काल में पूजा
- दीपावली पर महालक्ष्मी के अलावा काली मां का पूजन भी किया जाता है लेकिन यह अधिकांश साधकों व तांत्रिकों द्वारा ही किया जाता है।
- दीपावली के समय महानिशीथ काल के दौरान इस पूजन का महत्व है।
- यह मध्य रात्रि के समय आने वाला मुहूर्त है।
- इसे तांत्रिक पूजा के लिए सबसे शुभ समय मानते हैं।
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2018 महानिशीथ काल मुहूर्त
- दिवाली महानिशीथ काल मुहूर्त
- महानिशीथ काल :23:38:52 से 24:31:14 तक
- सिंह काल :24:31:10 से 26:48:49 तक
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- इस महानिशीथ काल में मां काली की पूजा का विधान है।
- लेकिन यह समय तांत्रिक, पंडित और साधकों के लिए ज्यादा उपयुक्त होता है।
- इस काल इसके अलावा वे लोग भी इस समय में पूजन कर सकते हैं, जो महानिशीथ काल के बारे में समझ रखते हों।
दिवाली के दिन करे ये उपाय
- घर के मुख्य द्वार पर दोनों तरफ रोली, गंगा जल, कच्चा दूध, चावल व हल्दी इन सभी को मिलाकर 9 इंच का स्वास्तिक बनाने से लक्ष्मी जी खुश होती है |
- मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए दीपावली के दिन गरीबों को भोजन जरुर करना चाहिए | क्योंकि गरीबों को भोजन कराने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती है।
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