सुबह उठने में आती है आलस तो आप हो सकते है dysania के शिकार
इससे पीड़ित है तो उन्हें सुबह उठने के एहसास है dysania
डेस्क-dysania एक डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति को सुबह उठने में काफी दिक्कत होती है| अधिकतर लोगों को जगने के बाद फिर से सोने का बड़ा मन करता है| और बिस्तर छोड़ने का मन नही होता है |
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पीड़ित लोग कई दिनों तक बिस्तर में रह सकते हैं और उठने के ख्याल भर से ही परेशान हो जाते हैं|
डाइसेनिया से पीड़ित होने का शक होने पर तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि यह डिप्रेशन, क्रोनिक फैटिग्यू सिंड्रोम और पेन डिसऑर्डर फाइब्रोम्यालगिया का संकेत हो सकता है|
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डाइसेनिया बीमारी के लक्षण
- वैसे तो अलॉर्म बजते ही हर किसी को गुस्सा आता है, लेकिन डाइसेनिया मरीजों को बिस्तर से उठने में बहुत ज्यादा दर्द महसूस होता है|
- ऐसे लोगों को 7-8 घंटे से ज्यादा नींद की जरूरत होती है|
- यहां तक कि बाहरी दुनिया में चाहे कितनी बड़ी कमिटमेंट हो, उसके बावजूद ये बिस्तर से नहीं निकल पाते हैं|
- अगर किसी को ऐसा लगता है कि वह इससे पीड़ित है तो उन्हें सुबह उठने के एहसास को कुछ शब्दों में बयां करने की कोशिश करनी चाहिए|
- अगर भावुक या कमजोरी जैसे शब्द दिमाग में आते हैं तो उन्हें अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए|
- इसका वैसे तो कोई इलाज नहीं है लेकिन पीड़ितों को बिस्तर पर एक या दो घंटे पहले बिस्तर पर जाने से dysania से थोड़ी राहत मिल सकती है|
क्या करे उपाय
- अच्छी नींद के लिए क्या करे |
- बिस्तर पर जाइए और हर रोज सुबह एक ही समय पर उठें|
- बेडरूम का माहौल शांत होना चाहिए और तापमान, प्रकाश भी नियंत्रित होना चाहिए|
- बिस्तर आरामदायक होना चाहिए|
- सोने से पहले एल्कोहल लेने से बचें व और ज्यादा खाना ना खाएं|
- सोने से पहले धूम्रपान भी ना करें|
- अपनी चिंताओं को लिख लें और अगले दिन जो चीजें करनी हैं, उनकी लिस्ट बना लें|
- अगर आप तब भी नहीं सो पा रहे हैं तो उठकर कुछ ऐसा करें जिससे आप थकान का अनुभव करें|
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