शनि मंगल की युति है कुंडली मे तो करना पड़ेगा परेशानियों का सामना ,क्या है शनि मंगल युति उपाय ?

Shani mangal yuti prabhav
 Jyotish online free किसी भी व्यक्ति की कुंडली में अगर शनि मंगल युति है तो यह काफी संघर्ष कराता है और इसको संघर्ष योग के नाम से भी जाना जाता है मंगल और शनि एक दूसरे के शत्रु माने गए हैं और अगर यह दोनों की एक ही भाव आ जाते हैं या एक दूसरे से सप्तम भाव पर शनि या मंगल की दृष्टि एक दूसरे के ऊपर पड़ती है तो ऐसे में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और कठिन समय से गुजरना पड़ता है ऐसे व्यक्तियों को जो की कुंडली में शनि मंगल की युति होती है

जिन लड़कियों के कुंडली में शनि मंगल की युति होती है ऐसे लोग काफी टेक्निकल होते हैं और दृढ़ इच्छाशक्ति वाले होते हैं जल्दी हार नहीं मानते और टेक्निकल होने के कारण इनमें डॉक्टर और इंजीनियर बनने की योग्यता होती है
 
ऐसे व्यक्तियों को अपने कैरियर को बनाने में काफी संघर्ष करना पड़ता है और उनके कर्म के अनुसार ही उनको इसका लाभ मिलता है  मिलता है इसमें काफी बाधाएं आती हैं और कठिनाइयां होती है.

कोई भी काम आसानी से नहीं बनता है अगर अपना व्यापार करते हैं तो उसमें भी काफी मेहनत करना पड़ता है और जो सफलताएं मिलनी चाहिए वह इतनी नहीं मिल पाती है क्योंकि शनि और मंगल दोनों एक दूसरे के विपरीत गिरा है और अगर नौकरी करते हैं तो उसमें भी अपने उच्चाधिकारियों से जल्दी नहीं बनती है और नौकरी में भी काफी संघर्ष  रहता है।

कुंडली में अगर शनि और मंगल किसी शुभ स्थान पर है तो एक फायदा होता है कि ऐसे लोग या तो आर्मी में जाते हैं या पुलिस विभाग से संबंधित होते हैं क्योंकि या मंगल का स्थान होता है डॉक्टर अगर बनते हैं तो वह सर्वजन होते हैं और इंजीनियर अगर बनते हैं तो उन स्टेशन से संबंधित रियल स्टेट से संबंधित काम करते हैं और इसमें उनको लाभ मिल सकता है
आइए देखते हैं अगर शनि और मंगल की युति कुंडली के अलग-अलग भागों में होती है तो उसका क्या परिणाम होता है सबसे पहले बात करते हैं लगने की अगर लग्न भाव में शनि और मंगल की युति होती है तो ऐसा व्यक्ति काफी अंकारी होता है और ऐसे निर्णय लेता है जिससे वह खुद भी परेशान होता है और परिवार के लोगों को भी परेशान करता है अपनी जिद के कारण अपना भी नुकसान करता है और जिसके साथ हुआ रहता है और जहां भी काम करता है वहां कुछ ना कुछ डिस्टरबेंस करता ही रहता है।

शनि मंगल की युति अगर छठे या आठवें भाव में होती है तो ऐसे लोगों को वात रोग होने की संभावना काफी ज्यादा होती है जिससे गठिया से पीड़ित होते हैं और उनको जगह-जगह गांठ का दर्द जिसको जॉइंट पेन कहा जाता है वह भी होता है।

 शनि मंगल की युति होने से अचानक काफी काम या तो बनते हैं या बिगड़ते और जो भी असर होता है वह काफी अचानक हो सकता है जिसकी कभी संभावना ना हो और ऐसे में कई बार बड़ी परेशानी भी खड़ी हो जाती है लेकिन अगर यही होती शुभ परिणाम देती है तो अचानक बहुत बड़ा लाभ भी दे सकती है

ऐसे व्यक्तियों को उनकी कुंडली में शनि और मंगल की युति होती है वह लोग कभी भी कोई भी काम बहुत समय तक नहीं कर सकते स्टेबिलिटी कि उनके अंदर काफी कमी होती है और लोगों के साथ संबंध है किसी भी काम बहुत दिनों तक नहीं चलता है और बार-बार कुछ ना कुछ व्यवधान उसमें आया करते हैं।


इस प्रकार अगर शनि मंगल की युति के अधिकतर असर को देखें तो यह फायदा बहुत कम ही देता है और इसके नुकसान ज्यादा ही होते हैं जो इसके परिणाम होते हैं वह निशान देने वाले ही होते हैं और ऐसी स्थिति बहुत कम ही आती है जब वह फायदा दे पानी की स्थिति में हो क्योंकि जिस भी व्यक्ति की कुंडली में शनि मंगल की युति होती है वह बहुत ही कड़वा बोलने वाला होता है जिसके कारण उसके संबंध भी बहुत ही अस्थाई किसी के साथ में नहीं रह सकते हैं और वह जहां भी काम करेगा वहां कुछ ना कुछ लोगों के साथ झगड़ालू प्रकृति होने के कारण बात बनती नहीं है और काम बिगड़ जाता है ऐसे लोगों को चाहिए कि शनि और मंगल के उपाय करें क्योंकि शनि और मंगल दोनों पाप ग्रह माने जाते हैं और अगर यह शांत होते हैं तो ही लाभ कर सकते हैं या इनका असर कम हो के आप जो भी काम करेंगे अपने कर्म के अनुसार कम से कम उसका फल तो मिलेगा ही।

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शनि मंगल युति के उपाय 

शनि मंगल की युति क्योंकि असुविधा ही प्रदान करती है ऐसे में यही एक उपाय है कि शनि और मंगल दोनों के उपाय किए जाएं उनको शांत रखा है इसलिए शनि को शांत करने के लिए शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाना चाहिए और शनिवार और मंगलवार को हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ किया जाए तो यह बहुत ही लाभ देता है और शनिवार को शनि चालीसा का भी पाठ करने पर शनि की जो खराब स्थितियों का सामना करना पड़ता है वह नहीं करना पड़ेगा और उसमें कमी आ जाती है और 1 तरीके से शनि और मंगल की उपासना करने से एक प्रोटेक्शन मिलता है।

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