शुक्र मंगल युति का प्रभाव और उपाय ,प्रेम को बढ़ावा देता है शुक्र मंगल युति
शुक्र मंगल युति का प्रभाव
शुक्र मंगल की युति होने पर व्यक्ति बहुत ही कामुक हो जाता है और विपरीत लिंग के प्रति उसका आकाश सर पहुंच ज्यादा होता है और कई बार ऐसी स्थिति आती है जिससे व्यक्ति को परेशानी का सामना करना पड़ता है शुक्र जहां भी रास्ता और कामुकता का प्रतीक है वहीं मंगल शरीर में रक्त का संचालन करता है और अगर मंगल किसी भी की कुंडली में मंगल शुक्र की युति में अगर मंगल ज्यादा प्रभावी रखता है तो उसके परिणाम देखने को मिलते हैं कि वह व्यक्ति अपने भाषाओं का नियंत्रण नहीं कर पाता है उसी जगह अगर शुक्र मजबूत होता है तो ऐसा व्यक्ति अपनी फोटो पर नहीं छोड़ सकते हैं प्रेम नहीं करता है लेकिन अगर मंगल प्रभावी रहता है तू ऐसा व्यक्ति गलत काम करने में भी पीछे नहीं होता है।
अधिकतर फिल्मी कलाकरों की कुंडली में शुक्र और मंगल की युति होती है; या लग्न में या दशम भाव में; शुक्र उन्हें कला वाले गुण तो देता ही है यदि लग्न में बैठा हो तो ठरकी भी बना देता है। बॉलीवुड के ठरकियों पर ये बात लागू होती है, आप लोग कुंडलियां निकालकर स्वयं देख सकते हैं। 😜
— नागराज (@SerpentForce) September 20, 2020
मंगल और शुक्र युति व्यक्ति को कामुक बनाता है साथ में ऐसा व्यक्ति अगर मंगल प्रभावी होता है तो वह अपने वासना को कंट्रोल नही रख पाता है रहता है तो मंगल कामुक बनाता है और ऐसे में अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाता है और गलत काम में भी लिप्त हो जाता है उसी जगह अगर शुक्र प्रभावी रहता है और मंगल कमजोर रहता है ऐसा व्यक्ति प्रेम में तो पड़ता है लेकिन अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखते हुए और कई बार ऐसे कदम उठाता है जिसमें उसको पराक्रम भी दिखाना पड़ता है लेकिन फिर भी वह संतुलित रहता है।
मन के हारे हार है,मन के जीते जीत... आज गोचर में चंद्रमा, शनि, शुक्र और मंगल की युति में यह कहावत सही सिद्ध होगी. खासतौर पर दोपहर के बाद श्रवण नक्षत्र में, अपने भ्रम/ मुग़ालतों की बजाय सच को स्वीकारना ही श्रेयस्कर होगा.
— Astro Rajesh Shukla (@astroraj) March 27, 2022
There is nothing either good or bad but thinking makes it so.
शुक्र मंगल युति के उपाय
जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र मंगल की युति हो उसको कन्याओं को पूजन के बाद मीठा खिलाना चाहिए और अगर मंगल उग्र है तो सुंदरकांड का पाठ और हनुमान चालीसा का पाठ करने से उसका मंडल शांत रहता है और अगर मंगल शांत रहेगा तो ऐसा व्यक्ति बहुत ही परिमाला अपने रहते हुए भी संतुलित जीवन जी सकता है अन्यथा की स्थिति में मंगल अगर गुरूर हो गया मंगल को अगर कंट्रोल नहीं किया जाए तो किसी की शर्मनाक हो सकती है और कामवासना के मोहम्मद पढ़ते हैं उसको अपमान जी सहना पड़ सकता है।
♦️ग्रह विचार-शुक्र
— Chandramauli (@chandramauli01) March 29, 2019
-स्त्री की कुन्डली में शुक्र,मंगल की युति होने पर पति पत्नी हमेशा एक दूसरे से झगडते रहते है,और जीवन भर दूरियां ही बनी रहती है।
-अक्सर शुक्र अस्त वाला जातक पागलों जैसी हरकतें करता है।
-दिमाग में बेकार के विकार पैदा होते है,वह बेफ़जूल के संकल्प मन में करता है।
♦️ग्रह विचार-शुक्र
— Chandramauli (@chandramauli01) March 29, 2019
-स्त्री की कुन्डली में शुक्र,मंगल की युति होने पर पति पत्नी हमेशा एक दूसरे से झगडते रहते है,और जीवन भर दूरियां ही बनी रहती है।
-अक्सर शुक्र अस्त वाला जातक पागलों जैसी हरकतें करता है।
-दिमाग में बेकार के विकार पैदा होते है,वह बेफ़जूल के संकल्प मन में करता है।
सबसे सौभाग्यशाली होती है इस राशि की लडकिया
कुंडली के भाव और लगन ही तय करते हैं कैसी रहेगी आपकी life
शुक्र और मंगल क्या है ?
शुक्र और मंगल किसी भी कुंडली में ऐसे ग्रह होते हैं शुक्र जहां विलासिता सुंदरता कामुकता का प्रतीक होता है वही मंगल तेज और अग्नि का प्रतिनिधित्व करता है और शरीर में रक्त का संचालन में मंगल कचकी रंगलाल माना जाता है इसलिए रख भी शरीर में जो दौड़ होता है वह मंडल का प्रतीक होता है इसी के कारण इसका भी मंगल स्ट्रांग होता है वह काफी पराक्रमी होता है और कई बार क्रूर भी हो सकता है उसी जगह शुक्र उसका भी मजबूत होगा वह काफी सुंदर प्रेमी होगा विलासिता पूर्ण जिंदगी जीने का आदि होगा और कामुकता भी उसके अंदर काफी भरी हुई होती है।
Disclaimer इस आर्टिकल में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों की है किसी भी विश्लेषण में योग्य ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले ।