Guru Ravidass Jayanti 2024 : गुरु रविदास कौन थे गुरु रविदास जी क्या कार्य किये थे
जन्म और प्रारंभिक जीवन || Birth and early life
गुरु रविदास का जन्म माना जाता है कि 1376 ईस्वी में वाराणसी के पास गोबर्धनपुर गांव में हुआ था, जो उस समय काशी के नाम से जाना जाता था। उनका जन्म एक चमार परिवार में हुआ था, जिसे उस समय समाज के निचले पायदान पर माना जाता था। जाति व्यवस्था के कारण उन्हें बचपन से ही भेदभाव का सामना करना पड़ा, जिसने उनकी सामाजिक न्याय की लड़ाई की जमीन तैयार की।
आध्यात्मिकता और भक्ति
गुरु रविदास बचपन से ही आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित थे। और उन्होंने भक्ति मार्ग को अपनाया और राम और कृष्ण की उपासना की। उनका मानना था कि ईश्वर सभी मनुष्यों में समान रूप से विद्यमान है, जाति या सामाजिक पदवी से कोई भेद नहीं है। उन्होंने अपने भजनों और संगीत के माध्यम से भक्ति की गहरी भावना व्यक्त की।
समाज सुधारक
गुरु रविदास ने जाति व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई और सामाजिक समानता की वकालत की।
उन्होंने अपने भजनों और उपदेशों के माध्यम से प्रेम, भाईचारा और सेवा का संदेश दिया। व
ही उन्होंने छुआछूत और अन्य सामाजिक बुराइयों का विरोध भी किया।
उन्होंने "रैदास पंथ" की स्थापना की, जो एक ऐसा समुदाय था जो उनके सामाजिक और आध्यात्मिक विचारों का पालन करता था।
विरासत
1 .गुरु रविदास का गहरा प्रभाव पड़ा है। उनके भजनों को गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल किया गया है, जो सिखों का पवित्र ग्रंथ है।
2. उनके सामाजिक सुधार के विचारों ने भारत में कई आंदोलनों को प्रेरित किया है।
3 .उन्हें आज भी एक महान संत और समाज सुधारक के रूप में सम्मानित किया जाता है।
4 .गुरु रविदास अपने भजनों के लिए भी जाने जाते हैं, जो सरल भाषा में गहरे आध्यात्मिक अर्थ रखते हैं।
5 .उनके भजनों को आज भी भक्ति संगीत के रूप में गाया जाता है।
6 .उनकी जयंती हर साल 24 फरवरी को मनाई जाती है।