Who is the strongest snake in Hinduism? हिन्दू धर्म के ऐसे  5 सबसे शक्तिशाली नाग के बारे में जानिए 

Who is the strongest snake in Hinduism? Know about the 5 most powerful snakes of Hindu religion

Who is the strongest snake in Hinduism? हिन्दू धर्म के ऐसे  5 सबसे शक्तिशाली नाग के बारे में जानिए 
आज हम आपको  बताने  जा रहे है 5 ऐसे नागो के बारे में एक से एक ग्रंथो में देखने और पढ़ने को मिलता है पुरानी ग्रंथो में 5 ऐसे शक्ति शाली नागो के बारे में बताएगे , जो  महान ग्रंथो में पाया गया है  और हिन्दू धर्म में पाँच प्रमुख नागों का जिक्र होता है

What is the 5 headed snake in Hinduism? हिन्दू धर्म में ये है 5  प्रमुख नाग

 

शेषनाग (sheshnag)

शेषनाग हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवता हैं। वे भगवान विष्णु के अनंत रूप हैं। उन्हें अक्सर भगवान विष्णु के सर्प रूप में चित्रित किया जाता है, जो उनके नीचे लेटे हुए हैं। शेषनाग को हिंदू धर्म में कई शक्तियां और गुणों से संपन्न माना जाता है। उन्हें अमृत का भंडार माना जाता है, और वे भगवान विष्णु के रक्षक भी हैं। वे सात सागरों को भी धारण करते हैं। शेषनाग को हिंदू धर्म में कई कहानियों और किंवदंतियों में भी चित्रित किया गया है। एक प्रसिद्ध कहानी में, शेषनाग ने भगवान राम को रावण से बचाने के लिए अपनी छाया का उपयोग किया था। शेषनाग को हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता माना जाता है। 

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वासुकी (Vasuki Naag )

वासुकी हिंदू धर्म में नागों के राजा हैं। उन्हें भगवान शिव का परम भक्त माना जाता है और वे हमेशा उनके गले में लिपटे रहते हैं। वासुकी को नागमणि नामक एक रत्न भी प्राप्त है, जो उन्हें अमरता प्रदान करता है। वासुकी का जन्म महर्षि कश्यप और कद्रु के पुत्र के रूप में हुआ था। उनके बड़े भाई शेषनाग हैं, जो भगवान विष्णु के शय्या के रूप में आराम करते हैं। वासुकी की पत्नी शतशीर्षा है, जिनसे उन्हें कई पुत्र हुए। वासुकी ने समुद्रमंथन के समय पर्वत माउंट मंद्रावर को रस्सी के रूप में बांधने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने त्रिपुरदाह के समय भगवान शिव के धनुष की डोर भी बनाई थी। वासुकी को हिंदू धर्म में एक शक्तिशाली और महत्वपूर्ण देवता माना जाता है। उन्हें अक्सर कला और साहित्य में चित्रित किया जाता है।

Vasuki Naag

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तक्षक नाग (takshak Naag)

तक्षक एक नाग है जो हिंदू पौराणिक कथाओं में एक प्रमुख पात्र है। वह कश्यप और कद्रु के पुत्रों में से एक था, और नागों के राजा वासुकी के छोटे भाई थे। तक्षक को एक शक्तिशाली और विषैला नाग माना जाता था। तक्षक का सबसे प्रसिद्ध कार्य राजा परीक्षित को मारना था। परीक्षित पांडवों के पौत्र थे, और उन्होंने एक यज्ञ की अध्यक्षता की थी जिसमें कद्रु के पुत्रों को शाप दिया गया था। इस शाप से क्रोधित होकर, तक्षक ने परीक्षित को काट दिया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।

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परीक्षित की मृत्यु से उनके पुत्र जनमेजय बहुत दुखी हुए। उन्होंने तक्षक सहित सभी नागों को मारने के लिए एक यज्ञ शुरू किया। इस यज्ञ में, तक्षक को देवराज इंद्र ने अपनी शरण में ले लिया। हालांकि, जनमेजय के ऋषियों ने इंद्र को तक्षक को छोड़ने के लिए मजबूर किया। अंततः, तक्षक को यज्ञ में भस्म कर दिया गया। तक्षक को हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है। वह अक्सर बुराई और पाप का प्रतिनिधित्व करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तक्षक की कहानी हिंदू धर्म में कई अलग-अलग रूपों में प्रचलित है। महाभारत में, वह एक प्रमुख पात्र है, और उसकी कहानी को कई अलग-अलग प्रसंगों में बताया गया है। तक्षक की कहानी को अन्य हिंदू ग्रंथों में भी बताया गया है |

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कालिया नाग  (Kaliya Naag)

कालिया नाग  हिंदू पौराणिक कथाओं में एक विशाल और विषैला नाग है। वह कश्यप ऋषि और कद्रू का पुत्र था। अपने सौतेले भाई पक्षीराज गरुड़ से शत्रुता बढ़ने के कारण कालिया नाग महासागर को छोड़कर यमुना नदी में जाकर रह रहा था। कालिया नाग यमुना नदी के एक कुंड में रहता था। एक दिन, बाल कृष्ण और उनके मित्र यमुना नदी के किनारे गेंद से खेल रहे थे। उनकी गेंद कुंड में गिर गई और कृष्ण उसे लेने के लिए नदी में कूद पड़े। जब वे कुंड के नीचे पहुंचे, तो कालिया नाग जाग गया और कृष्ण को मारने के लिए आगे बढ़ा। कृष्ण ने कालिया नाग से लड़ाई की और उसे हरा दिया। कालिया नाग की पत्नी ने कृष्ण से माफी मांगी, और कृष्ण ने उसे माफ कर दिया। कालिया नाग ने कृष्ण के सामने यमुना नदी छोड़ने की शपथ ली और कृष्ण ने उसे माफ कर दिया। कालिया नाग कांड कृष्ण की लीलाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह कृष्ण की शक्ति और दया का प्रतीक है। इस कहानी से यह भी पता चलता है कि भगवान सभी जीवों की रक्षा करते हैं |

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एरावत नाग (airavat Naag)

एरावत नाग जिसे पिंगला नाग के नाम से भी जाना जाता है हिंदू पौराणिक कथाओं में एक प्रमुख नाग है। वह नागों के पाँच प्रमुख राजाओं में से एक था और उसका निवास स्थान उत्तर भारत में पंजाब की इरावती नदी के किनारे माना जाता है। एरावत नाग को एक शक्तिशाली और बुद्धिमान नाग के रूप में  किया गया है। वह एक महान योद्धा भी था और उसने कई युद्धों में भाग लिया। एरावत नाग को इंद्र के हाथी के नाम पर भी जाना जाता है क्योंकि दोनों का रंग सफेद था।

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एरावत नाग का एक महत्वपूर्ण  तब आता है जब वह राजा नल की मदद करता है। नारद के शाप से राजा नल को एक अग्नि में पड़ना पड़ता है। एरावत नाग उसे बचाता है लेकिन राजा नल को डसने के कारण उसका रंग काला पड़ जाता है। एरावत नाग को हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता माना जाता है। उसे अक्सर मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों में चित्रित किया जाता है। एरावत नाग को धन, समृद्धि और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है।

 

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