बिना राम के भारत की परिकल्पना ही नहीं की जा सकती है: सर्वजीत सिंह

India cannot be imagined without Ram: Sarvjit Singh
 
बिना राम के भारत की परिकल्पना ही नहीं की जा सकती है: सर्वजीत सिंह
लखनऊ। ऐतिहासिक दिन 22 जनवरी 2024 जब पूरा देश भगवान श्री रामचंद्र जी की अयोध्या वापसी पर खुशियां मना रहा है अयोध्या नगरी में कृपा निधान भगवान श्री रामचंद्र जी की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर अवध कॉलेजिएट की मोहान शाखा एवम सरदार भगत सिंह डिग्री कॉलेज में राम भक्त हनुमान जी की पूजा अर्चना का विशेष अनुष्ठान रखा गया जिसमें सुंदरकांड का पाठ हनुमान चालीसा हवन एवं ओम मंत्र का उच्चारण हुआ।
 

बिना राम के भारत की परिकल्पना ही नहीं की जा सकती है 

 इस अवसर पर अवध कॉलिजियेट की सभी शाखाओ के शिक्षक सम्मिलित हुए एवं क्षेत्र के अनेक गणमान्य लोग भी पूजा में सम्मिलित हुए और हनुमान जी का विशेष अनुग्रह प्राप्त किया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक  श्री सर्वजीत सिंह व् निर्देशिका श्रीमती जातिन्दर वालिया एवं संयुक्त निदेशिका श्रीमती ब्रह्मजोत कौर  एवम सभी शाखाओ की प्रधानाचार्यो में श्रीमती इंदु चंदेल दरोगा खेड़ा , श्रीमती अमृता धनै रामगढ़ शाखा एवम अन्य अतिथियों ने भी पूजा में सम्मिलित हुए। 

बिना राम के भारत की परिकल्पना ही नहीं की जा सकती है: सर्वजीत सिंह

प्रबंधक श्री सर्वजीत सिंह जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बिना राम के भारत की परिकल्पना ही नहीं की जा सकती है राम तो जन जन में समाए हुए हैं। निर्देशिका श्रीमती जतिंदर् वालिया जी ने आज के दिन को बहुत ही शुभ दिन कहा और उन्होंने बताया कि इस दिन की प्रतीक्षा सभी देशवासियों को कई बरसों से थी। संयुक्त निर्देशिका ब्रह्मजोत कौर ने हनुमान जी से संबंधित रोचक कथाओं का वर्णन किया जिसे सुनकर सभी भाव विभोर हो उठे। इस राम में माहौल में प्रसाद वितरण एवं भगवान श्री राम जी के जयकारों की गूंज के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ 

भगवान श्री रामचंद्र जी के आगमन स्वागत में दीपोत्सव

बिना राम के भारत की परिकल्पना ही नहीं की जा सकती है: सर्वजीत सिंह

विद्यालय प्रांगण की पूजा स्थल में भगवान श्री रामचंद्र जी के आगमन पर उनके स्वागत में दीपोत्सव का एक विशेष कार्यक्रम रखा गया जिसमें विद्यालय के प्रबंधक  सर्वजीत सिंह एवं  निर्देशिका जतिंदर वालिया जी ने पांच-पांच दिए जलाकर  दीपोत्सव का श्री गणेश किया इसके बाद विद्यालय परिवार द्वारा जलाए गए  दियो ने  अनुपम छठा बिखेर दी। जिससे पूरा प्रांगण जीवंत हो उठा और ऐसा लगा जैसे भगवान श्री रामचंद्र जी स्वयं यहां आए हैं।

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

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