Sundarkand ke chamatkar किसी भी परेशानी का रामबाण उपाय है ,सुंदरकांड का पाठ जानिए सुंदरकांड पाठ के फायदे और चमत्कार
जब मनोबल टूटने लगे और परेशानी का कोई हल न दिखे तो सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए ।
सुंदरकांड के चमत्कार (sundarkand ke chamatkar ) भारत की सनातन धर्म में सुंदरकांड पाठ का एक प्रचलन है और खास करके हनुमान जी की आराधना के लिए मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ किया जाता है जो लोग लगातार सुंदरकांड का पाठ नियमित रूप से करते हैं खास करके मंगलवार और शनिवार को उनको इसके कई प्रकार के लाभ भी मिलते रहते हैं और उसका कई बार वर्णन किया भी गया है ।

खास करके जो लोग इस का पाठ करते हैं उनको सुंदरकांड का फायदा भी मिलता रहता है कई सारी ऐसी परेशानियां होती हैं जब किसी को कोई रास्ता नहीं सूझता तब सुंदरकांड का पाठ करने के लिए धार्मिक व्यक्तियों द्वारा धर्म से जुड़े लोगों द्वारा सुंदरकांड का पाठ करने की सलाह दी जाती है ज्योतिषियों द्वारा भी सुंदरकांड का पाठ करने की सलाह दी जाती है ।
सुंदरकांड क्या है ?
रामचरितमानस में इसमें भगवान राम के पूरे जीवन गाथा को रामचरितमानस में लिखा गया है उसमें सुंदरकांड की भी व्याख्या की गई है सुंदरकांड में हनुमानजी के पराक्रम और उनके द्वारा किस तरीके से विपरीत परिस्थितियों में रामचंद्र जी की सेना के लिए काम किया गया प्रभु राम की कृपा पाई गई और किस तरीके से शत्रुओं पर प्रहार किया गया इसमें हनुमान जी की शौर्य गाथा का वर्णन किया गया है।

सुंदरकांड पाठ के लाभ
सुंदरकांड का पाठ करने वालों के बारे में बताया गया है कि जिस भी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए सुंदरकांड का पाठ किया जाता है तो वह पूरा हो जाता है व्यक्ति किसी भी प्रकार की परेशानी में है उसको कोई भी रास्ता नहीं सूझ रहा है तो सुंदरकांड का पाठ करने से उसको काफी सारे लाभ होते हैं और जो भी संकट होता है संकट दूर हो जाता है सुंदरकांड के पाठ से यदि किसी व्यक्ति के ऊपर भूत प्रेत शनि राहु या किसी भी प्रकार का उसको अगर भय लगता है उसकी काफी सतविता हो गई है कामों में नुकसान हो रहा है तो सुंदरकांड का पाठ करने से उसको जहां मानसिक शांति मिलती है वही मनोबल बढ़ने से पुरुषार्थ भरता है और कामों में सफलता भी मिलने लगती है जानकारों का कहा गया है कि सुंदरकांड का पाठ हफ्ते में कम से कम एक बार जरूर करना चाहिए जिससे घर में किसी भी प्रकार का अगर वास्तु दोष है ग्रह दोष है शांति नहीं रहती है तो इससे सुंदरकांड का पाठ से उसको काफी लाभ मिलता है और जो भी परेशानियां होती है उसका अंत होता है जिस भी किसी व्यक्ति को जीवन में कई प्रकार की समस्याएं होती है तो वह संकल्प लेकर सुंदरकांड का पाठ करें और इसमें कोई भी संशय नहीं है कि उसका काम निश्चित तौर पर बनना शुरू हो जाएगा कोई भी ऐसी समस्या नहीं है जिसका समाधान सुंदरकांड के पाठ से नहीं होता है सुंदरकांड का पाठ हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है और कहा जाता है कि सुंदरकांड का पाठ रामबाण उपाय है और इसको करने वाले सुखी होते हैं उनका जीवन सुख में होता है सारे ऐश्वर्य और वैभव प्राप्त होते हैं सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं और पॉजिटिविटी के कारण घर में एक उत्साह का माहौल रहता है जो भी किसी भी प्रकार का भय होता है वह दूर हो जाता है आप शक्ति बहुत ही प्रबल हो जाती है माना जाता है कि सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति जीवन में हर क्षेत्र में सफल रहता है।
सुंदरकांड पाठ का सही तरीका
सुंदरकांड पाठ करने का सबसे सही तरीका यह है कि जब भी आप बात करें तो इसके पहले स्नान ध्यान करके और 7 वस्तुओं को पहनकर हनुमान जी की मूर्ति सामने रखकर उनके सामने फूल चढ़ाकर और एक अखंड दिया जरूर जलते रहना चाहिए जब तक आपका सुंदरकांड का पाठ चलता रहता है।
प्रसाद स्वरूप आप अगर तुलसी की पत्ती रखते हैं और पूजा समाप्त होने के बाद में प्रसाद के रूप में तुलसी की पत्ती खुद भी सेवन करते हैं और लोगों को भी बांटते हैं तो इससे आपकी पूजा का लाभ आपको मिलेगा सुंदरकांड का पाठ शुरू करने से पहले भगवान गणेश जी की आराधना करनी चाहिए और उसके बाद सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए सुंदरकांड का पाठ समाप्त होने के बाद भगवान शंकर जी की आराधना करनी चाहिए और हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए यह सब पूरा विधिवत पूजन करने में 2 घंटे भी लग सकते हैं लेकिन आपको खुद महसूस होगा कि अगर इस तरीके से सुंदरकांड का पाठ किया जाता है तो आपको निश्चित ही बात है कि इसका लाभ मिलेगा जो भी मनोकामना के साथ में सुंदरकांड का पाठ किया जा रहा है वह तो पूरी होगी अगर निष्काम भाव सुंदरकांड का पाठ किया जा रहा है तो आपके सारे काम अपने खुद बनते रहेंगे आप जिस दिन काम में हाथ डाल लेंगे वहां कुछ न कुछ नए नए रास्ते करते रहेंगे आपको सफलता मिलती रहेगी।।

सुंदरकांड का पाठ क्या महिलाएं कर सकती है?
कई बार यह सवाल पूछा जाता है कि क्या महिलाओं के सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए इसके बारे में जानकार कहते हैं कि सुंदरकांड का पाठ महिलाएं कर सकती है इसमें कोई भी कोई भी मनाही नहीं है लेकिन सिंदूर का अर्पण बजरंगबली को नहीं करना चाहिए महिलाओं के द्वारा बाकी पुरुष और स्त्री समान रूप से सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं.
सुंदरकांड का पाठ में संपुट का महत्व
सुंदरकांड का पाठ करते समय आप यदि इसी मनोकामना के लिए सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं तो किसी भी दोहे को संपुट के रूप में जैसा आपका मनोकामना हो इस तरीके से आप संपर्क लगा सकते हैं जिससे सुंदरकांड के पाठ को मनोकामना के लिए जो भी किया जाता है वह पूरी तरीके से सिद्ध हो जाता है और आपकी मनोकामना पूर्ण होती है।

सुंदरकांड का पाठ किस दिन करना चाहिए सुंदरकांड का पाठ
मंगलवार और शनिवार को 9 दिन कर सकते हैं और यदि आपके ऊपर कोई कष्ट है हंस करके अगर शनि का प्रकोप है तो शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करें कि शनि और राहु का जो भी आपके ऊपर कष्ट होगा यानी कि अगर किसी को बीमारी रहती है क्या घर में कला बनी रहती है तो शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करें और वैसे सामान्यता मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ सुख समृद्धि वैभव के लिए किया जाता है आप अगर दोनों दिन कर सकते हैं तो इसका लाभ बहुत ही अच्छा मिलेगा और यदि आप निष्काम भाव से करते हैं तो इसको अपनी पूजा में शामिल करें सुंदरकांड का पाठ अपने नियमित रूप से करें किसी भी प्रकार की समस्या कभी हो ही नहीं सकती है।
