गायन में अंशिका तो आशू कविता में खुशबू ने विखेरा जलवा

प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए महाविद्यालय प्राचार्य प्रो जे पी पाण्डेय ने किया।
एकल गायन प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रो0 पाण्डेय ने कहा कि संगीत में व्यक्ति को भावनात्मक और मानसिक रूप से स्वस्थ करने के बहुत अच्छे गुण होते हैं। संगीत ध्यान का एक रूप है। संगीत बनाते या सुनते समय व्यक्ति अपनी सारी चिंताएँ, दुख और दर्द भूल जाता है।वैज्ञानिक अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि गायन का लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर हो सकता है।
निर्णायक विभागाध्यक्ष गणित प्रो0 वीणा सिंह,सांस्कृतिक निदेशक डॉ अनामिका सिंह,प्रतियोगिता संयोजक लेफ्टिनेंट डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान ने स्वर, स्केल व प्रस्तुति के आधार पर एम ए 2nd की अंशिका उपाध्याय को प्रथम,बीएससी 3rd के सौम्य पाण्डेय द्वितीय,व एम एस सी 2nd की अवनीत कौर को तृतीय स्थान के लिए चुना। संचालन डॉ आनंद कुमार वाजपेयी ने किया।
डॉ राम रहीस के संयोजकत्व में आयोजित आशुकविता प्रतियोगिता में निर्णायक प्रो0 विमल प्रकाश वर्मा,डॉ तारिक कबीर व डॉ बी एल गुप्ता ने बीएड 1st की खुशबू तिवारी को पहले,बीएड 1st के ही अतुल मिश्र को द्वितीय व एम एस सी 1st की साध्वी द्विवेदी को तृतीय स्थान के लिए चुना। वहीं प्रो0 रेखा विश्वकर्मा के संयोजकत्व में आयोजित मेहंदी रचे हाथ प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ साक्षी शर्मा,कोमल सिंह व अंकित श्रीवास्तव ने एम ए 2nd की कोमल शर्मा व बीए 3rd की सकीना को संयुक्त रूप से प्रथम,बीकॉम 1st की सलोनी उपाध्याय को द्वितीय व एम ए 1st की सृष्टि पाण्डेय ने तृतीय स्थान प्रदान किया। इस अवसर पर मुख्य नियंता प्रो0 राघवेंद्र सिंह , डॉ स्वदेश भट्ट,डॉ अवनीन्द्र दीक्षित,डॉ पूजा मिश्रा, डॉ मानसी पटेल,डॉ प्रखर त्रिपाठी,डॉ अभयनाथ ठाकुर,डॉ सुनील शुक्ल सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।