गुजरात के भावनगर में अनेक आयामों के दर्शन ने भावविभोर कर दिया: रमेश भईया

और 200 से ज्यादा लोगों के साथ प्रसाद पाया। इस आश्रम में कविता बहन ,झंखना बहन और प्राची बहन नंदिनी शिविर के समय वहां जाकर रुकी थी।इसलिए आज विशेष दिवस पर वहां जाना हुआ। महराज जी अभी दो दिन पहले अपने आश्रम के नींबू जयेश भाई को देने पहुंचे थे। आज उन्होंने अपने लिए बनाई समाधि स्थल को दिखाया जिसके ऊपर पत्थर डालकर वह सोते हैं। उस स्थल / कक्ष का उद्घाटन जयेश अनार बेन ने किया था।वहीं पर एक कुटिया जयेश भाई के लिए वह 96 वर्षीय महाराज जी अपने श्रम से बना रहे हैं।वह भी।देखी। चिड़ियों का घर देखा।
वहां से आकर सुघड़ आश्रम में एम एस एम ई भारत सरकार के तकनीकी सलाहकार श्री फैजल जी परिवार सहित, माउंट आबू में शिविर अटेंड करके सुबह पधारे विभूति मिश्रा और नंदिनी मिश्रा प्रबोधिनी संस्थान मिर्जापुर उत्तरप्रदेश भी पधारे थे। उनको आश्रम भ्रमण विनय भाई ने कराया।भोजन हम सभी ने जयेश भाई किशन भाई और अंकिता बहन तथा बेटी मुदिता के साथ एक साथ किया।दूध पाक का प्रसाद जगदीश भाई ने सुंदर ढंग से कराया। वहां से जयेश भाई,संजय भाई के साथ हमें भावनगर के लिए निकलना पड़ा।विनय भाई विभूति भाई और नंदिनी बहन को हवाई अड्डा ले गए जहां से उन्हें बनारस जाना हुआ। साढ़े आठ बजे रात में नार्थ हिल पर इलाइमिस (जो रघु भाई के दोस्त का था ) वहां भोजन की व्यवस्था थी।आज रविवार और गुरुपूर्णिमां के कारण 700 से ज्यादा छः किलोमीटर ऊंची पहाड़ी पर भोजन करते दिखाई दिए
और 200 लोग प्रतीक्षा में थे जो 11 बजे तक हो पायेगा। विदित हुआ कि 12 बजे दोपहर 12 बजे रात तक ही रेस्टोरेंट चलता है। भोजन करके डा चिराग के साथ भावनगर गए। जयेश भाई ने बताया कि एक बहन एम एस डब्लू करने के बाद इंट्रेसशिप के लिए सुघड़ गई थी फिर दो वर्ष वहां आंगनवाड़ी प्रशिक्षण का कार्य भी किया। नीलम बहन क्राइम ब्रांच में यहीं है। वह मिलने आई। जहां ठहरना था ,वहां अपनी अटैची लेकर जयेश भाई खुद गए। सबेरे की चाय जयेश भाई के हांथ की मिलना आनंद मय रहा। सरदार पटेल एजुकेशन इंस्टीट्यूट में आठ बजे पहुंचे वहां के सचिव ने बीस एकड़ का विशाल प्रांगण जो उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के मुख्यमंत्रित्व काल का स्मरण दिला रहा था।यहां 15000 छात्र अलग अलग प्रवृत्तियों में शिक्षण कर रहे हैं।यहां के शिक्षक समुदाय की बहुत बड़ी बैठक में अचार्यकुल की चर्चा का अवसर मिला।जयेश भाई संजय राय का अदभुत अभिनंदन हुआ।
सभी से अपनी शैली में जयेश भाई ने प्रेरित करने वाली सुंदर चर्चा गुजराती में की। गांधी जी का दर्शन करने वाले और विनोबा जी की पदयात्रा में दस दिन तक रहने वाले बीनू भाई गांधी 95 वर्ष से भेंट हुई। उनकी अध्यक्षता में गुजरात कुदरती उपचार महामंडल की बैठक में हम सभी ने भाग लिया। भावनगर में माइक्रो साइन कंपनी में गए जिसकी स्थापना श्री निसीथ मेहता ने की। जो अपनी कंपनी में 65 प्रतिशत दिव्यांगों को जबरदस्त काम दिया। यहां प्रतीक और भागेश्वरी बहन ने भ्रमण कराया जहां अनेक लोग पैर रहित काम करते मिले। क्या सभी के चेहरे पर चमक थी।रिबोट से काफी काम होते भी।देखा। वहां से उसी स्थान पर बीनू गांधी के घर गए।जहां गांधी जी दो बार मिले। अदभुत कार्य देखने का सौभाग्य जयेश भाई अनार बहन के कारण हो पा रहा है।