स्वामी विवेकानन्दजी की 162वीं जयन्ती’ के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया

तत्पश्चात प्रातः 7ः15 बजे स्वामी मुक्तिनाथानन्दजी महाराज द्वारा (ऑनलाइन) सत् प्रसंग हुआ।स्वामी विवेकानन्दजी की 162वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय युवा दिवस आज प्रातः 11:30 बजे से दोपहर 2ः00 बजे तक रामकृष्ण मठ, निराला नगर, लखनऊ के सभागार में मनाई गयी तथा हमारे यूटयूब चैनल ‘रामकृष्ण मठ लखनऊ’ के माध्यम से सीधा प्रसारण भी किया गया। जिसमें बडी संख्या में अनेक स्कूलों एवं कालेज के छात्र व छात्राओं के साथ अन्य युवाओं ने कार्यक्रम में भाग लिया तथा प्रातः रिजर्व पुलिस लाइन से स्वामी विवेकानन्द अस्पताल होते हुए श्री रामकृष्ण मठ तक विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने स्वामी विवेकानन्द की शोभायात्रा निकाली।
वर्ष 1985 में, भारत सरकार ने स्वामी विवेकानन्द के जन्मदिन 12 जनवरी को ’राष्ट्रीय युवा दिवस’ के रूप में घोषित किया है। तब से रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के सभी केंद्र विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इस अवसर को मनाते आ रहे हैं।कार्यक्रम की शुरूआत वैदिक मन्त्रोंचार के साथ दीप प्रज्जवलन रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम, लखनऊ के संन्यासियों द्वारा किया गया। उद्घाटन गीत रामकृष्ण मठ, लखनऊ के स्वामी इष्टकृपानन्द द्वारा गाया गया।
विवेकानन्द युवा संघ, लखनऊ के समर नाथ निगम के नेतृत्व में स्वामी जी का स्वदेश मंत्र तथा अमृत मंत्र का पाठ समवेत स्वर में किया गया। इस अवसर पर लखनऊ क्षेत्र के श्री हरि ओम राय, ने स्वागतीय भाषण दिया। गदाधर अभ्युदय प्रकल्प (जी.ए.पी.) के सदस्य ओम प्रकाश द्वारा (स्वामी विवेकानन्द द्वारा रचित) एक कविता का पाठ हुआ तथा मंच पर बैठे गणमान्य व्यक्तियों का अभिनंदन रामकृष्ण मठ, लखनऊ के अध्यक्ष, श्रीमत् स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी महाराज द्वारा किया गया।
तत्पश्चात कार्यक्रम में चयनित युवा प्रतिभागियों जिसमें विवेकानन्द युवा केन्द्र के सिद्धार्थ सिंह, सौरभ शर्मा, समरनाथ निगम तथा टेक्नो इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट साइंसेस, लखनऊ के आयुष श्रीवास्तव द्वारा संक्षिप्त भाषण किया गया।कार्यक्रम के अतिथि श्री राजेश वर्मा द्वारा युवाओं को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि युवाओं को अपने व्यक्तित्व को विकसित करने के साथ-साथ भारत माता की सेवा, करुणा स्नेह तथा क्षमा के साथ मानवता के अस्तित्व का सम्मान करने के लिए स्वामी विवेकानन्द की सलाह का पालन करना चाहिए।
इस अवसर पर डॉ शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के शोध छात्र रहे डॉ रितेश कुमार त्रिपाठी को रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के सचिव स्वामी मुक्तिनाथानंद जी के कर कमलों द्वारा रामकृष्ण मठ के सभागार में स्वामी विवेकानंद युवा सम्मान 2025 प्रदत्त किया गया । गाइड समाज कल्याण संस्थान द्वारा संकल्पित उक्त सम्मान डॉ रितेश ने वरिष्ठ नागरिकों के प्रति दुर्व्यवहार एवं इसके कारण एवं निवारण विषय पर शोध किया है तथा इसी दिशा में उल्लेखनीय सेवा कार्य किया है।कार्यक्रम में गाइड संस्था के यूथ ब्रिगेड के अध्यक्ष शाश्वत एवं बी एस एन वी पी जी कॉलेज के विद्यार्थियो को जो संस्था से जुड़ वृद्धजन सेवा कार्य कर रहे हैं को भी मेडल पहना कर सम्मानित किया गया गाइड संस्था की संस्थापक डॉ इन्दु सुभाष ने युवाओं को सेवा का पथ पर चलने का आह्वाहन किया।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि लेटे हुए हनुमानजी मंदिर, लखनऊ के अध्यक्ष डा0 विवेक तांगरी द्वारा श्रोताओं को ’’राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व’’ पर युवाओं को सम्बोधित किया तथा उन्होंने कहा कि युवाओं को अपने चरित्र के निर्माण के लिए ध्यान केंद्रित होना चाहिए, ताकि वे सफल जीवन प्राप्त करने के लिए लंबा रास्ता आसानी से अतिक्रम करे।
कार्यक्रम में रामकृष्ण मठ के स्वामी रमाधीशानन्द द्वारा ’’राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व’’ पर युवाओं को सम्बोधित किया तथा उन्होंने कहा कि युवाओं को अपने चरित्र के निर्माण के लिए ध्यान केंद्रित करना चाहिए।अध्यक्षीय भाषण रामकृष्ण मठ, लखनऊ के अध्यक्ष, श्रीमत् स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी महाराज द्वारा दिया गया, उन्होंने कहा कि युवाओं को जीवन में सफल होने के लिए आत्मविश्वास, शारीरिक क्षमता, मानसिक एकाग्रता तथा दूसरों के प्रति सेवा की भावना रखनी चाहिए। जैसा कि स्वामी जी उक्ति है ’’बनो और बनाओ’’।
उन्होंने यह भी कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने युवाओं को अपने आप में विश्वास (श्रद्धा) विकसित करने का आशीर्वाद दिया, और कहा कि ‘‘मांसपेशिया लोहे की तरह व मानदंड स्टील की तरह“ बनाए। युवाओं को अपने विचार को सही दिशा में विकसित करने के लिए स्वामी विवेकानन्दजी के कार्यों को भी लक्ष्य बनाना चाहिए।
स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी महाराज ने अध्यक्षीय भाषण देते हुये बताया कि रामकृष्ण मठ एक अहम भूमिका निभाते हुये राष्ट्र निर्माण के संक्लपों को निरंतर मजबूती प्रदान कर रहा है साथ ही साथ उन्होंने बताया कि युवा शक्ति के प्रेरक पुंज व अनुकरणीय आर्दश के रूप में स्वामी विवेकानन्द ने, ‘‘उठो, जागो और जब तक लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होती, रूको मत’’ के मूल मंत्र के साथ राष्ट्र की युवा पिढी में नवचेतना, नई ऊर्जा एवं अदभुद आत्मविश्वास का संचार करने में महत्वपूर्ण तत्पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं में अध्यात्मिक साहित्य एवं स्वामी विवेकानन्दजी की फोटो एवं भोजन के पैकेट का वितरण किया गया।