What is Shatru Sampatti Adhiniyam : सैफ अली खान की परेशानियां नहीं हो रही कम

What is Shatru Sampatti Adhiniyam : साल 2025 पटौदी खानदान के लिए कुछ ठीक नहीं लग रहा है. पहले तो पटौदी खानदान के नवाब और फिल्म एक्टर सैफ अली खान पर चाकू से हमला किया जाता है और जैसे ही वो अस्पताल से डिस्चार्ज होकर बाहर आए तो खबर मिली कि मध्य प्रदेश सरकार उनके पुरखों की करीब 15 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने वाली है. और सरकार ये संपत्ति भारतीय संपत्ति एवं उत्तराधिकार कानून के तहत बनाए गए शत्रु संपत्ति कानून के तहत जब्त करने की प्रक्रिया में है. ये खबर पढ़कर हर आम-ओ-खास के मन में सवाल जरूर उठता होगा कि आखिर यह शत्रु संपत्ति कानून क्या बला है, जो गाज बनकर पटौदी खानदान पर गिरने वाली है. तो चलिए आज हम आपको सैफ अली खान के इस नए मामले से रूबरू कराते हैं साथ ही ये भी जानते हैं की ये शत्रु संपत्ति अधिनियम क्या है.
मुश्किलों में फसें सैफ
तो बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान के लिए हालात मुश्किल भरे नजर आ रहे हैं। एक तरफ हाल ही में हुए जानलेवा हमले के बाद वो अस्पताल से घर लौटे हैं, तो दूसरी ओर उनके पटौदी परिवार की 15,000 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी पर बड़ा संकट मंडरा रहा है। बता दें की मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के हालिया फैसले के बाद भोपाल स्थित इन ऐतिहासिक संपत्तियों पर शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत सरकार का दावा मजबूत हो गया है। वहीँ हाईकोर्ट द्वारा 2015 में लगी रोक हटाए जाने के बाद अब सरकार इस संपत्ति को जब्त कर सकती है।
शत्रु संपत्ति कानून क्यों लागू हुआ
अब सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि शत्रु संपत्ति कानून आखिर लागू क्यों किया गया. भारत सरकार ने यह कानून सभी देशों पर नहीं लागू किया है, बल्कि अपने खास दुश्मनों पर ही इसे लागू किया है. भारत के सबसे खास दुश्मन चीन और पाकिस्तान ही हैं, जिनके साथ कई युद्ध भी लड़े जा चुके हैं. पाकिस्तान के साथ 1965 में हुए युद्ध के बाद भारत सरकार ने शत्रु संपत्ति कानून पेश किया. इसमें कहा गया कि बंटवारे के बाद या 1965 अथवा 1971 के युद्ध के बाद जो भी नागरिक भारत छोड़कर पाकिस्तान गए और वहां की नागरिकता ले ली, उनकी सभी अचल संपत्ति को शत्रु संपत्ति माना जाएगा. इसी तरह, चीन के साथ युद्ध के बाद यही नियम चीन पर भी लागू कर दिया गया और वहां गए नागरिकों की संपत्तियों को भी सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया.
वहीँ सरकार ने पाकिस्तान या चीन जाकर रहने और वहां की नागरिकता लेने वालों की संपत्ति को इसलिए शत्रु संपत्ति घोषित किया, क्योंकि इन लोगों को देश के लिए खतरा माना जाता था. डर यह भी था कि अगर भारत में इनकी संपत्तियों पर हक बना रहा तो इसका इस्तेमाल विदेशी ताकतों द्वारा किया जा सकता है. इसके बाद ही सरकार ने यह कानून बनाया और इन संपत्तियों को अपने कब्जे में लेकर उनका इस्तेमाल देशहित में करने की नीति तैयार की.
सारी सम्पत्तियाँ होंगी शामिल
और ऐसा भी नहीं है कि शत्रु संपत्ति में सिर्फ अचल संपत्तियां जैसे घर-मकान, जमीन आदि आते हैं, बल्कि इसमें शेयर और सोने जैसी चल संपत्तियों को भी शामिल किया गया है. सरकार ने अब तक सोने और शेयर जैसी शत्रु संपत्तियों को बेचकर ही 3,400 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं. माना जा रहा है कि देश में करीब 12,611 शत्रु संपत्तियां हैं, जिनकी कीमत 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है. और साल 2020 में सरकार ने एक समिति बनाकर इन संपत्तियों को बेचने की कवायद शुरू कर दी है. कुल शत्रु संपत्तियों में से 12,485 पाकिस्तानी नागरिकों की हैं, जबकि 126 चीनी नागरिकों से संबंधित हैं. और सबसे ज्यादा 6,255 शत्रु संपत्तियां यूपी में हैं.
कितनी है पटौदी खंडन की संपत्ति?
अब अगर हम पटौदी खानदान की संपत्ति की बात करें तो एमपी की राजधानी भोपाल के कोहेफिजा से चिकलोद तक करीब 100 एकड़ में पटौदी खानदान की यह संपत्ति फैली हुई है, जिसे सरकार ने शत्रु संपत्ति माना है. इस जमीन पर करीब 1.5 लाख लोग रहे हैं. भोपाल के तत्कालीन नवाब हमीदुल्लाह खान की बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान बंटवारे के बाद भारत छोड़कर पाकिस्तान चली गईं थी. और यही वजह है कि इस संपत्ति को शत्रु संपत्ति की श्रेणी में रखा गया है. नवाब की छोटी बेटी साजिदा सुल्तान को उनका उत्तराधिकारी घोषित किया गया.
साजिदा की शादी इफ्तिखार अली खान पटौदी से हुई और इस तरह संपत्ति को पटौदी खानदान से भी जोड़ दिया गया. हमीदुल्लाह खां अभिनेता सैफ अली खान के पिता मंसूर अली खान पटौदी के नाना थे. 2019 में अदालत ने साजिदा सुल्तान को असली उत्तराधिकारी माना था, लेकिन अब इस नए फैसले ने पटौदी परिवार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब रिपोर्ट के मुताबिक, भोपाल में पटौदी परिवार की ऐतिहासिक संपत्तियां स्थित हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 15,000 करोड़ रुपये है। इन संपत्तियों में फ्लैग स्टाफ हाउस, नूर-उस-सबा पैलेस, दार-उस-सलाम, हबीबी का बंगला, अहमदाबाद पैलेस, कोहेफिजा प्रॉपर्टी और अन्य संपत्तियां शामिल हैं। खास बात यह है कि फ्लैग स्टाफ हाउस, जहां सैफ अली खान ने अपना बचपन बिताया था, भी इनमें से एक है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका
वहीँ साल 2014 में शत्रु संपत्ति विभाग के संरक्षक ने पटौदी परिवार की इन संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित करने का नोटिस जारी किया था। 2015 में सैफ अली खान ने इस फैसले को चुनौती दी और संपत्तियों पर स्टे ले लिया। लेकिन 13 दिसंबर 2024 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी और न्यायाधिकरण में अपील दायर करने के लिए 30 दिन का समय दिया। अब तक सैफ अली खान या उनके परिवार ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया है।
क्या है आपकी राय?
अब अगर सैफ अली खान और उनका परिवार तय समयसीमा के अंदर कोई ठोस कानूनी कदम नहीं उठाता है, तो इन संपत्तियों पर शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत सरकार का अधिग्रहण संभव है। इससे न सिर्फ उनकी विरासत पर सवाल खड़े होंगे बल्कि फाइनेंशली भी ये बड़ा झटका होगा।