स्टडी हॉल दोस्ती ने विशेष जरूरतों वाले बच्चों की शिक्षा और सशक्तिकरण के 20 साल पूरे किए

Study Hall Dosti completes 20 years of education and empowerment of children with special needs
 
Study Hall Dosti completes 20 years of education and empowerment of children with special needs
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय).स्टडी हॉल दोस्ती ने अपनी 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक शानदार वार्षिक कार्यक्रम खुशियाँ ही खुशियाँ का आयोजन संत गाडगे ऑडिटोरियम में किया। दोस्ती, उत्तर प्रदेश कुछ स्कूलों में से एक है, जो विशेष जरूरतों वाले बच्चों को शिक्षा, थेरेपी और व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम करता है।


कार्यक्रम की शुरुआत स्टडी हॉल की प्रिंसिपल मीनाक्षी बहादुर के स्वागत भाषण से हुई। इसके बाद डॉ. उर्वशी साहनी, (सीईओ और संस्थापक, स्टडी हॉल एजुकेशनल फाउंडेशन) और मिसेज तरन्नुम खान (हेडमिस्ट्रेस, दोस्ती) ने प्रेरणादायक भाषण दिए।
तरन्नुम खान ने कहा, “यह कार्यक्रम हमारे छात्रों और शिक्षकों की मेहनत और रचनात्मकता को दर्शाता है। यह कला के महत्व को उजागर करता है और बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच प्रदान करता है। दोस्ती में हम हर बच्चे की जरूरत के अनुसार शिक्षा, थेरेपी और जीवन कौशल सिखाते हैं ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।”


डॉ. साहनी ने बताया कि जब उन्होंने दोस्ती की शुरुआत की थी, तब सिर्फ 10 बच्चे थे और आज यह संख्या 170 से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा, “दोस्ती सिर्फ एक स्कूल नहीं, बल्कि एक ऐसा परिवार है जो विशेष जरूरतों वाले बच्चों को आगे बढ़ने का आत्मविश्वास देता है और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ता है।”


इस अवसर पर कई शानदार प्रस्तुतियाँ हुईं। ‘सुर समागम’ नामक कोयर (गाना) प्रस्तुति ने पूरे हॉल में मधुरता घोल दी। ‘मस्ती में डोले’ और ‘भुमरो भुमरो’ जैसे नृत्य प्रस्तुतियों ने मंच पर उत्साह और उमंग भर दी। एक खास प्रस्तुति ‘माय हीरो, माय पापा’ थी, जिसमें पिताओं ने अपने बच्चों के साथ डांस कर माता-पिता और बच्चों के प्यार को खूबसूरती से दर्शाया। कार्यक्रम का समापन ‘खुशियों का पिटारा’ के साथ हुआ, जो खुशी और एकता का प्रतीक था।


इस शानदार कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में माता-पिता, परिवार और समाज के लोग उपस्थित थे। सभी ने बच्चों की अद्भुत प्रस्तुतियों की सराहना की। कार्यक्रम की सफलता में शिक्षकों, स्वयंसेवकों और संगीत विभाग की कड़ी मेहनत का बड़ा योगदान रहा। समारोह का अंत शिक्षकों की एक विशेष प्रस्तुति और वाइस प्रिंसिपल मीनाक्षी शाह के धन्यवाद भाषण के साथ हुआ। यह आयोजन सभी के लिए यादगार रहा और दर्शकों को विशेष जरूरतों वाले बच्चों की असीम क्षमताओं को पहचानने और सराहने का अवसर मिला।

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