भगवान राम ने रावण का वध करने के बाद सूर्पणखा का क्या हुआ जानिए

उसी समय पृथ्वी पर वज्रा नामक ऋषि घोर तपस्या कर रहे थे। उनकी तपस्या को भंग करने के लिए नयनतारा को पृथ्वी पर भेजा। ऋषि ने तपस्या भंग होने पर उसे राक्षसी होने का श्राप दे दिया। ऋषि से क्षमा याचना करने पर नयनतारा से कहा , "तू राक्षसी रुप में ही प्रभु के दर्शन करेगी "।
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परन्तु उसने सूर्पणखा होकर जब राम जी को देखा तो उनके रुप पर मोहित हो गई ।और उसने वैराग्य रुपी लक्ष्मण व भक्ति रूपी सीता की अवहेलना करती हुई श्री राम जी परमब्रह्म को पति रूप में पाने की इच्छा व्यक्त किया। लक्ष्मण जी ने सूर्पणखा के नाक कान काट लिए। तभी उसके ज्ञान चक्षु खुल गए,और वह प्रभु कार्य (विनाशाय च दुष्कृताम) में संलग्न हो, रावण, कुंभकर्ण, मेघनाद आदि राक्षसों का विनाश करवा दिया।और प्रभु भक्ति के लिए पुष्कर जी में आकर जल में खड़ी हो भगवान शिव की आराधना में जुट गई थी |