Chhath Puja 2018 :13 नवंबर को है Chhath Puja जानिए क्या है शुभ मुहूर्त

Chhath Puja 2018 :13 नवंबर को है Chhath Puja जानिए क्या है शुभ मुहूर्त

Chhath Puja सूर्य देव की बहन छठी मैया के पूजन का यह फेस्टिवल साल में दो बार मनाया जाता है।

डेस्क-चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व को छठ पूजा, छठी माई पूजा, डाला छठ, सूर्य षष्ठी पूजा और छठ पर्व के नामों से भी जाना जाता है। Chhath Puja
इस वर्ष 13 नवंबर, 2018, मंगलवार को है।


Chhath Puja सूर्य देव की बहन छठी मैया के पूजन का यह फेस्टिवल साल में दो बार मनाया जाता है। जिसमे से एक चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को और दूसरा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को।

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Chhath Puja के मुहूर्त

  • 13 नवंबर (संध्या अर्घ्य) सूर्यास्त का समय :17:28:46
  • 14 नवंबर (उषा अर्घ्य) सूर्योदय का समय :06:42:31।

कथा के अनुसार

एक कथा के अनुसार राजा प्रियवद को कोई संतान नहीं थी, तब महर्षि कश्यप ने पुत्रेष्टि यज्ञ कराकर उनकी पत्नी मालिनी को यज्ञाहुति के लिए बनाई गई खीर दी। इसके प्रभाव से उन्हें पुत्र हुआ परंतु वह मृत पैदा हुआ। प्रियवद पुत्र को लेकर श्मशान गए और पुत्र वियोग में प्राण त्यागने लगे। उसी वक्त भगवान की मानस कन्या देवसेना प्रकट हुई और कहा कि सृष्टि की मूल प्रवृत्ति के छठे अंश से उत्पन्न होने के कारण मैं षष्ठी कहलाती हूं। राजन तुम मेरा पूजन करो तथा और लोगों को भी प्रेरित करो। राजा ने पुत्र इच्छा से देवी षष्ठी का व्रत किया और उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। यह पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को हुई थी।

यह फेस्टिवल साल में दो बार मनाया जाता है

  • मूलतः सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारण इसे छठ कहा गया है। यह पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है।
  • पहली बार चैत्र में और दूसरी बार कार्तिक में।
  • चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जानेवाले छठ पर्व को चैती छठ व कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले पर्व को कार्तिकी छठ कहा जाता है। पारिवारिक सुख-समृद्धि तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए यह पर्व मनाया जाता है।
  • इस पर्व को स्त्री और पुरुष समान रूप से मनाते हैं। छठ पूजा चार दिवसीय उत्सव है।
  • इसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को तथा समाप्ति कार्तिक शुक्ल सप्तमी को होती है।
  • इस दौरान व्रतधारी लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं।
  • इस दौरान वे पानी भी ग्रहण नहीं करते।

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छठ पूजा सूर्य उपासना एक अनोखा लोकपर्व है

  • छठ पर्व बांस निर्मित सूप, टोकरी, मिट्टी के बरतनों, गन्ने के रस, गु़ड़, चावल और गेहूं से निर्मित प्रसाद और सुमधुर लोकगीतों से युक्त होकर लोक जीवन की भरपूर मिठास का प्रसार करता है।
  • यह मुख्य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है।
  • षष्ठी को मनाया जाने वाला छठ पूजा सूर्य उपासना का अनुपम लोकपर्व है।

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