Heart Attack : कितने साल की उम्र में हार्ट अटैक आता है?

 

Heart Attack: At what age does a heart attack occur?
Heart Attack : कितने साल की उम्र में हार्ट अटैक आता है?

युवाओं को हार्ट अटैक क्यों आ रहा है?

क्या 18 साल के लड़के को हार्ट अटैक आ सकता है?

किस उम्र में लोगों को दिल का दौरा पड़ता है?

हार्ट अटैक (दिल का दौरा) आमतौर पर मध्यम आयु और उससे अधिक उम्र के लोगों में अधिक पाया जाता है, लेकिन आजकल यह कम उम्र के लोगों में भी तेजी से बढ़ रहा है।

हार्ट अटैक की संभावना किन उम्र के लोगों में अधिक होती है?

40-60 वर्ष के बीच

पारंपरिक रूप से हार्ट अटैक का खतरा 40 वर्ष की उम्र के बाद बढ़ता है, खासकर पुरुषों में। महिलाओं में यह जोखिम रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के बाद बढ़ जाता है, क्योंकि एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जो दिल को सुरक्षा प्रदान करता है।

30-40 वर्ष के युवा

पिछले कुछ दशकों में, युवा लोगों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसका कारण बदलती जीवनशैली, तनाव, और गलत खानपान है। धूम्रपान, शराब का सेवन, और शारीरिक गतिविधि की कमी इस आयु वर्ग में जोखिम बढ़ाते हैं।

60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग

इस उम्र में धमनियों में प्लाक (cholesterol buildup) बनने की संभावना बढ़ जाती है। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, और मोटापा जैसी स्थितियां इस आयु वर्ग में खतरे को और बढ़ा देती हैं।

युवाओं में हार्ट अटैक का बढ़ता खतरा

आजकल, हार्ट अटैक 20-30 वर्ष के व्यक्तियों में भी हो रहा है। 

तनाव और डिप्रेशन: मानसिक तनाव हृदय पर दबाव डालता है।

जंक फूड और अस्वास्थ्यकर आहार: फैट और कोलेस्ट्रॉल से भरपूर आहार दिल की सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं।

धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन: यह धमनियों में रुकावट और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है।

शारीरिक गतिविधि की कमी: निष्क्रिय जीवनशैली हृदय स्वास्थ्य को कमजोर करती है।

आनुवंशिक कारण: अगर परिवार में किसी को कम उम्र में हार्ट अटैक हुआ है, तो जोखिम बढ़ सकता है।

हार्ट अटैक के जोखिम को कैसे कम करें?

स्वस्थ आहार: फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और कम वसा वाले प्रोटीन लें।

नियमित व्यायाम: रोजाना कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करें।

तनाव प्रबंधन: मेडिटेशन और योग से तनाव को नियंत्रित करें।

धूम्रपान और शराब से बचाव: इन आदतों को छोड़ दें।

नियमित स्वास्थ्य जांच: कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, और शुगर का स्तर समय-समय पर जांचें।

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