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ज्योतिष दृष्टिकोण: ग्रहों के संग होली के रंग

 

ज्योतिष दृष्टिकोण: ग्रहों के संग होली के रंग

भारत में, किसी भी सकारात्मक या नकरात्मक परिवर्तन को एक उत्सव के रूप में चिह्नित किया जाता है। होली, वसंत के आरम्भ और शीत ऋतु के समापन के रूप में मनाई जाती है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत और रंगों के उत्सव के रूप में जानी जाती है। होली की मूल कथा होली के दो मुख्य पहलुओं से जुड़ी हुई है जिनमे से एक है - होलिका दहन और दूसरी है धुलेंडी जो कि रंगों का उत्सव है। 


नवग्रह व बारह राशियां भी विभिन्न प्रकार के रंगों व तत्वों की होती हैं। जैसे- सूर्य का नारंगी वर्ण, चंद्रमा का सफेद, मंगल का लाल, बुध का हरा, शुक्र का गुलाबी, बृहस्पति (गुरु) का पीला, शनि का काला व नीला, राहु का काला और बैगनी और केतु का रंग चितकबरा होता है। आइए इस साल की होली पर वास्तु एवं ज्योतिषी सलाहकार रजत सिंगल जी से जाने नवग्रहों अनुसार कौन-सा रंग आपके लिए सौभाग्य लेकर आएगा। 

ज्योतिष अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन, सूर्य ‘कुंभ राशि’ में ‘पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र’ में होता है जबकि चंद्रमा ‘सिंह राशि’ में पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में होता है।

इस दिन प्रातः कर ले ये उपाय 
गोमाता में 33 कोटि देवी-देवताओं का निवास होता है ऐसे में होली के पावन अवसर पर उन सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद पाने के लिए गोमाता की पूजा अवश्य करें। इस दिन सुबह सबसे पहले गोमाता के चरणों में गुलाल डालकर घर में बनी पहली रोटी, मीठी पूड़ी या मालपुआ खिलाएं।  
घर में आर्थिक समस्या रहती है तो इस दिन सुबह एक पात्र में हल्दी घोलकर या फिर पीले रंग का गुलाल मुख्य द्वार के दोनों कोनों पर छिड़ कर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करे। 
जिन जातको के विवाह में देरी हो रही हैं या वैवाहिक जीवन में समस्याए आ रही हैं तो उन्हें इस दिन पीले या गुलाबी रंग का गुलाल लक्ष्मी- नारायण को चढ़ाना चाहिए। 


ग्रहो को मजबूत करने के लिए खेले इन रंगो से होली 


पीला -  यह रंग बृहस्पति ग्रह से सम्बंधित हैं और साथ ही यह रंग भगवान श्रीकृष्ण को भी प्रिय हैं। यह रंग अहिंसा, प्रेम और ज्ञान का प्रतीक है। सोना, चांदी का कारोबार करने वालों के लिए इस रंग से होली खेलना शुभ होता है। 
केसरिया - यह रंग ज्ञान और आनंद का प्रतीक है और यह रंग सूर्यदेव को प्रिय है। इस रंग से होली खेलने से सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है और घर से नकारात्मकता दूर हो जाती है।

गुलाबी- यह रंग प्रेम का प्रतीक है और कुंडली में शुक्र ग्रह को सशक्त बनाता है। जिन जातकों का विवाह बाधित हो रहा है या दांपत्य जीवन में असंतोष और समस्याएँ बनी हुई हैं, उन्हें इस रंग का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।

लाल - लाल रंग मंगल ग्रह से जुड़ा हैं यह शक्ति, यश और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इस रंग से होली खेलने से स्वास्थ्य अच्छा होता है लेकिन जिन जातको को गुस्सा जल्दी आता है, उन्हें लाल रंग से होली नहीं खेलनी चाहिए। 

हरा - बुध की कृपा पाने के लिए हरे रंग से होली खेले। यह रंग सकारात्मक ऊर्जा लाता है। व्यापारी, शिक्षक, वकील, विद्यार्थी के लिए हरे रंग से होली खेलना बेहद शुभ रहता है।

नीला - नीला रंग भगवान शनिदेव को प्रिय है। वास्तु के अनुसार यह रंग आसमान और पानी का प्रतिनिधित्व करता है। इस रंग के उपयोग से प्रसन्नता और शान्ति मिलती हैं। 

बैंगनी - यह रंग राहु का प्रतिनिधित्व करता है और यह आत्मसम्मान का प्रतीक है। यह जातक में हीनभावना को दूर करता है। 

वास्तु सलाहकार और ज्योतिषाचार्य रजत सिंगल जी के मार्गदर्शन में अपनाएं ये उपाय और पाएं सकारात्मक परिणाम!

ग्रहों के संग होली के रंग


 

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