प्रशान्त कुमार, पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था को उत्तर प्रदेश पुलिस के डी०जी०पी० का सौपा गया कार्यभार

Prashant kumar
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। आज दिनांकः 31.01.2024 को श्री प्रशान्त कुमार द्वारा पुलिस महानिदेशक, उ०प्र० का पदभार ग्रहण किया गया ।

वर्ष 1861 में व्यवस्थापित पुलिस की गौरवशाली परम्परा में वर्ष 1952 में पुलिस कलर प्राप्त हुआ तथा विश्व के विशालतम पुलिस बल का नेतृत्व आई०जी०पी०डी०जी०पी० रैंक के अधिकारियों द्वारा किया गया। उसी गौरवशाली परम्परा के ध्वज वाहक के रूप में श्री प्रशान्त कुमार आई०पी०एस०, डी०जी०पी० यू०पी० बनाये गये हैं।

श्री प्रशान्त कुमार वर्ष 1990 बैंच के आई०पी०एस० अधिकारी हैं, जो मूलरूप से सीवान (बिहार) के रहने वाले है। श्री प्रशान्त कुमार की शिक्षा-दीक्षा बिहार व दिल्ली विश्वविधालय में पूर्ण हुई। एप्लाईड जियोलॉजी विषय में एम०एस०सी० गोल्ड मेडलिस्ट होने के साथ ही साथ डिफेंस एण्ड स्ट्रेटजिक स्टडीज में एम० फिल० करने के उपरान्त डिजास्टर मैनेजमेन्ट में एम०बी०ए० की डिग्री भी प्राप्त की।

श्री प्रशान्त कुमार को उ०प्र० पुलिस में सेवा करने का एक लम्बा अनुभव है। उ०प्र० के बरेली व वाराणसी जनपदों से एएसपी के रूप में कार्यकाल शुरू करते हुये भदोही, सोनभद्र, जौनपुर, फैजाबाद, बाराबंकी, सहारनपुर जनपदों में पुलिस अधीक्षक / वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व सहारनपुर, फैजाबाद, मिर्जापुर, मेरठ जैसे मण्डलों में डीआईजी रेंज के पद पर कार्यरत रहे। पदोन्नत के उपरान्त आईजी के रूप में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआईएसएफ व आईटीबीपी जैसे केन्द्रीय बलों में सेवा प्रदान किये।

वर्ष 2015 में एडीजी के पद पर पदोन्नत होने के उपरान्त एडीजी पीएसी, एडीजी सुरक्षा, एडीजी यातायात उ०प्र० के पद पर सफलता पूर्वक कार्य करते हुये वर्ष 2017 में एडीजी मेरठ जोन के पद पर नियुक्त हुये। एडीजी मेरठ के पद पर रहते हुये कानून-व्यवस्था व अपराध नियन्त्रण के विभिन्न अवसरों पर सराहनीय योगदान दिये और यहीं से संगठित अपराध के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की रणनीति तैयार कर पश्चिमी उ०प्र० को अपराध मुक्त किये। सीएए, एनआरसी व श्रीराम जन्मभूमि निर्णय के दौरान कानून-व्यवस्था व शान्ति व्यवस्था को सुनिश्चित किये।

वर्ष 2020 में उ0प्र0 के एडीजी कानून व्यवस्था के पद पर नियुक्त होने के उपरान्त पूरे प्रदेश में सरकार की प्राथमिकताओं के अनुसार अपराध नियन्त्रण, कानून-व्यवस्था, शान्ति-व्यवस्था सुनिश्चित करने में उ०प्र० पुलिस को कुशल नेतृत्व प्रदान करते हुये कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं। भारत सरकार की तरफ से कैलाश मानसरोवर यात्रा में भारत व चीन राष्ट्र के मध्य मुख्य समन्वयक के रूप में कार्य करते हुये हजारों तीर्थ यात्रियों की यात्रा को सुगम बनाये।

श्री प्रशान्त कुमार को वीरतापूर्ण कार्यों के लिये 04 बार गैलेन्द्री मेडल से सम्मानित किये जाने के साथ-साथ सराहनीय सेवाओं के लिये राष्ट्रपति का पुलिसपदक, दीर्घकालीन सेवाओं के लिये राष्ट्रपति का पुलिस पदक, उत्कृष्ट सेवाओं के लिये मा० मुख्यमंत्री जी का उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक, मा० मुख्यमंत्री जी कुम्भ मेला पदक, पराकम पदक, मा० गृहमंत्री जी, भारत सरकार का उत्कृष्ट सेवा पदक, डीजी सी०आई०एस०एफ० कमंडेशन डिस्क, डीजी आई०टी०बी०पी० कमंडेशन डिस्क सिल्वर, डीजी आई०टी०बी०पी० कमंडेशन डिस्क गोल्ड, डीजी यू०पी० कमंडेशन डिस्क सिल्वर, डीजी यू०पी० कमंडेशन डिस्क गोल्ड, डीजी यू०पी० कमंडेशन डिस्क प्लेटिनम से सम्मानित किया गया है।

उ०प्र० राज्य में अपराध व कानून-व्यवस्था के लिये आयी सभी चुनौतियों में कुशल पुलिस प्रबन्ध करते हुये प्रदेश की कानून-व्यवस्था को अक्षुण्य बनाये रखे और आज पुलिस महानिदेशक, उ०प्र० के पद पर कार्यभार ग्रहण करते हुये शासन की प्राथमिकताओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रकट करते हुये प्रदेश में अपराध नियन्त्रण, कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा, भीड़ प्रबन्धन व जन शिकायतों के निस्तारण, अपराधियों को सजा दिलाने की प्रचलित कार्यवाहियों को और गति देने को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। साथ ही साथ यह स्पष्ट किया कि आगामी चुनौतियों, लोक सभा चुनाव, कुम्भ मेला तथा पुलिस भर्ती के दौरान सम्यक पारदर्शिता व सुचिता तथा निष्पक्षतापूर्ण कार्यवाही हेतु उ०प्र० पुलिस को तैयार करने की दिशा में प्रभावी कार्ययोजना बनायी जायेगी।

प्रदेश के साम्प्रदायिक सौहार्द व सुरक्षा व्यवस्था के लिये अराजक / राष्ट्र विरोधी तत्वों, ड्रग माफिया को जड़ से उखाड़ने हेतु पुलिस की प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। जनता की शिकायतों के निस्तारण व यू०पी० 112, मिशन शक्ति, बीट पुलिस प्रणाली जैसे जनहित के कार्यों को वास्तविक धरातल पर लागू किया जायेगा ताकि प्रदेश में अमन चैन का माहौल बना रहे तथा प्रदेश के आर्थिक व औधोगिक विकास को गति मिले। इसके साथ ही उ०प्र० पुलिस के सभी कर्मचारियों/अधिकारियों को संदेश देते हुये कहा की निष्पक्ष व निडर रहकर कानून के दायरे में काम किया जाये। जो पुलिस बल के सदस्य भ्रष्टाचार, जनता के साथ अभद्र व्यवहार करते पाये जायेंगे उनके विरूद्ध जीरो टॉलरेन्स की नीति अपनायी जायेगी। जनहित व सदाचारिता में कार्य करने वाले कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने हेतु न केवल उन्हें पुरस्कृत किया जायेगा अपितु विभागीय सहयोग भी प्रदान किया जायेगा। सभी पुलिस बल के सदस्यों से अपेक्षा की गयी कि अपने टर्न आउट व व्यवहार को बनाये रखते हुये अपराध नियन्त्रण व शान्ति व्यवस्था बनाये रखने में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें।

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