क्या है छठी अनुसूची, जिसके लिए 21 दिनों तक भूख हड़ताल करते रहे सोनम वांगचुक? 

Sonam Wangchuk Biography In Hindi 

ladakh news in hindi

6 Vi Anusuchi Kya Hai

Sonam Wangchuk Kon Hai?

Indian Government 

Sonam Wangchuk 6th Schedule : सोनम वांगचुक इन दिनों सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं. इनके ट्रेंड करने की वजह बड़ी ख़ास है. लद्दाख के मशहूर क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक केंद्र सरकार से अपनी एक मांग को लेकर अंशन पर थे. उनके साथ- साथ 1500 लोग बीते सोमवार (1 अप्रैल, 2024) को एक दिवसीय भूख हड़ताल पर थे. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में खुद सोनम वांगचुक ने बताया कि 250 लोग उनके समर्थन में रात को भूखे सोए. सोनम वांगचुक के इस अंशन के पीछे की वजह लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करवाना है.

कौन हैं सोनम वांगचुक? 

विकिपीडिया के अनुसार, सोनम वांगचुक का जन्म 1 सितंबर 1966 को लद्दाख में हुआ था. उन्होंने एनआईटी श्रीनगर से इंजीनियरिंग की पढाई पूरी की. सोनम बचपन में करीब सात साल तक अपनी मां के साथ लद्दाख के सुदूर गांव मेें रहे. इस दौरान उन्होंने अपनी पढ़ाई के अलावा कई स्थानीय भाषाएं भी सींखीं. शिक्षा पूरी करने के बाद सोनम ने लद्दाख के बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा अपने सर ले लिया. उन्होंने बच्चों को स्थानीय भाषा में ही शिक्षा दी. इसके अलावा वांगचुक अपने पुरे जीवन में प्रकृति के प्रति संवेदनशील रहे. यही कारण था कि वांगचुक को साल 2018 में एशिया का नोबल पुरुस्कार अर्थात रेमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित किया गया. उन्हें यह सम्मान प्रकृति, संस्कृति और शिक्षा के जरिए सामुदायिक प्रगति के लिए काम करने पर दिया गया.  

सोनम वांगचुक क्यों कर रहे थे भूख हड़ताल 

सोनम वांगचुक ने हाल ही में अपने 21 दिनों के भूख हड़ताल को विराम दिया है. उनके इस भूख हड़ताल के पीछे का अहम कारण लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची (6th Schedule) में शामिल करवाना है, जो स्थानीय लोगों को आदिवासी इलाके में एडमिनिस्ट्रेशन का अधिकार देगा. हालाँकि, अपना अनशन तोड़ने के दौरान वांगचुक ने जरूरत पड़ने पर फिर से अनशन करने को कहा.

वांगचुक ने सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो पोस्ट कर बताया कि छठी अनुसूची का मकसद सिर्फ बाहरी लोगों को ही रोकना नहीं है, बल्कि पर्यावरण के दृष्टि से संवेदनशील इलाके या संस्कृतियां-जनजातियां सभी को स्थानीय लोगों से भी बचाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जहां तक उद्योग की बात है तो जो इलाके संवेदनशील नहीं हैं, उन्हें इकोनॉमिक जोन बनाया जा सकता है. 

क्या है संविधान की छठी अनुसूची? 

भारतीय सविंधान में कुल 12 अनुसूचियों (Schedule in Indian Constitution) का जिक्र है. इसमें छठी अनुसूची आदिवासी बहुल राज्य को एक विशेष राज्य का दर्जा देने से जुड़ी ही है. असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम छठी अनुसूची में पहले से शामिल हैं. सोनम वांगचुक की मांग है कि लद्दाख को भी संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाये. 

5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म करने के बाद लद्दाख अब एक केंद्रशासित प्रदेश बन गया है. लद्दाख के छठी अनुसूची में शामिल हो जाने से यहाँ के लोगों के पास स्वायत्त जिला और क्षेत्रीय परिषदें बनाने का प्रशासनिक अधिकार होगा. 

केंद्र सरकार का जवाब 

आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने धारा 371 के तहत लद्दाख को स्पेशल स्टेटस देने के प्रावधान पर हामी भरी है. मालूम हहो कि, धारा 371 देश के कुछ उत्तर पूर्वी राज्यों में भी लागू हैं. लेकिन इस धारा के तहत पूरा राज्य प्रवभावित नहीं हो सकता. यह केवल जिला स्तर और क्षेत्रीय स्तर पर लागू किया जाता है, जिससे वहां के पर्यावरण, जनजातीय और संस्कृतियों को संरक्षण दिया जा सके.

क्या  आगे क्या होगा? 

लद्दाख को सविंधान की ६वीं अनुसूची में शामिल करने के अलावा सोनम वांगचुक केंद्रीय स्तर पर लोकसभा में दो सीट और राज्यसभा में भी प्रतिनिधित्व की मांग कर रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक इस मसले पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालाँकि,वांगचुक को उम्मीद है कि सरकार उनकी बात जरूर मानेगी.

Share this story