नवाचारी विचारों के नामांकन की टेक्निकल समस्याएं हुई निस्तारित:डॉ. दिनेश कुमार
 

Technical problems related to nomination of innovative ideas were resolved: Dr. Dinesh Kumar
Technical problems related to nomination of innovative ideas were resolved: Dr. Dinesh Kumar
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ(आर एल पाण्डेय)। लखनऊ मण्डल के विज्ञान प्रगति अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार ने कहा कि जैसा कि हम सभी को मालूम है कि वर्तमान सरकार द्वारा अपनी सभी योजनाओं में पारदर्शिता को ही अपना मुख्य केन्द्रबिन्दु मानकर ही योजनाओं को लागू करती है, 


ऐसी बहुत सी लाभकारी योजनाओं ने जनमानस को पारदर्शिता पूर्वक लाभ पहुंचाने में पूरी तरह से सफ़ल रही है।उन्हीं योजनाओं में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा विज्ञान में भविष्य तलाशने  छात्र छात्राओं की बड़ी आबादी को सीधे तौर पर पुरष्कृत करते हुए उनको आगे बढ़ाने का कार्य किया है।उन्हीं योजनाओं में प्रधानमंत्री इंस्पायर अवार्ड मॉनक योजना भी एक ऐसी योजना है जो दस वर्ष से 15 वर्ष आयु वर्ग तक के विद्यार्थीयों को पारदर्शी रूप से लाभान्वित करने की सबसे सरल योजना के रूप में स्थापित हुई है। लखनऊ मण्डल के विज्ञान प्रगति अधिकारी डॉ0दिनेश कुमार ने बताया  कि इस योजना की जानकारी बेसिक से लेकर माध्यमिक स्तर तक के विद्यालय प्रबंधनों को भली भांति हो चुकी है और प्रदेश का एक बड़ा तबका इस योजना से लाभान्वित हो भी रहा है।

जो योजना सफ़ल होती है उसकी ख्याति के अनुरूप सभी अपने अपने स्तर से लाभान्वित होकर देश व प्रदेश में अपनी भूमिका अदा करना चाहते हैं।आज इस योजना में विद्यार्थीयों को लाभान्वित करने की इच्छा रखने वाले बहुत सारे विद्यालय ऐसे हैं जो अपने स्कूल से ऐसी प्रतिभाओं को अधिक से अधिक लाभ देना चाहते हैं, किन्तु उनके सामने कुछ ऐसी टेक्निकल समस्याएं थीं जिनका कोई विकल्प न होने के कारण हजारों छात्र छात्राएं लाभान्वित होने से वंचित रह जाया करते थे।

योजना की वो समस्याएं जिनके किसी हल से विद्यालय प्रबन्धन परिचित नहीं थे,अन्जान थे।

1-इंस्पायर अवार्ड मॉनक पोर्टल पर बनी स्कूल आई डी में रजिस्टर्ड ईमेल किसी ऐसे स्टाफ़ का व्यक्तिगत ईमेल होना जो विद्यालय में अब सेवारत नहीं हैं और विद्यालय प्रबंधन को उस ईमेल का एक्सेस न होना
2-पोर्टल पर पंजीकृत ईमेल को परिवर्तित करने का कोई विकल्प स्कूल प्रबंधन को न दिया जाना
3-पंजीकृत ईमेल पर एक्सेस न होने के कारण एक विद्यालय द्वारा कई कई स्कूल आई डी बना लेना
4-स्कूल द्वारा त्रुटिवश पांच से कम विद्यार्थियों के नवाचारी विचार एक बार सबमिट हो जाने के उपरान्त उनकी संख्या पांच करने का विकल्प न होना
5-बच्चों को उनके बैंक खाते में प्रायः प्रोत्साहन राशि दस हज़ार रुपये क्रेडिट न होने का स्पष्ट कारण न पता होना
केन्द्र सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना के लिए सर्वाधिक उपरोक्त 5 समस्याओं का सरल विकल्प प्रदान कर दिया गया है जिससे अब वे विद्यालय अपने यहां से वंचित रह जाने वाले छात्र छात्राओं को अधिक से अधिक लाभ देने से वंचित नहीं रहेंगे।

इन्हीं समस्याओं का निदान जो अब तक संज्ञान में नहीं था।

1-व 2) का हल -अब किसी भी विद्यालय द्वारा उनकी ईमेल एड्रेस से सम्बन्धी इस सबसे बड़ी समस्या को हल करने के लिए ईमेल एड्रेस को कभी भी परिवर्तित करने का विकल्प दे दिया है, वे विद्यालय अब कभी भी अपने डिस्ट्रिक्ट ऑथॉरिटी को कॉल कर के अपने स्कूल का एप्लिकेशन कोड बताकर पोर्टल पर अपनी रजिस्टर्ड ईमेल आई डी परिवर्तित कर सकते हैं, जिससे उनको कभी भी अपना यूज़र नेम और पासवर्ड की रिकवरी करने में कोई असुविधा नहीं होगी,डॉ0दिनेश कुमार ने अपने सुझाव में बताया कि सभी बोर्ड के स्कूल प्रबन्धन इस बात का सदैव ध्यान रखें कि वो इंस्पायर अवार्ड मॉनक पोर्टल पर अपने स्कूल को रजिस्टर करते समय सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी ऑफिसियल ईमेल आई डी का ही उपयोग अनिवार्य रूप से करें तो ये समस्या उनको कभी नहीं होगी
2-जब ईमेल परिवर्तित करने का विकल्प मिल जाएगा तो कोई भी विद्यालय इंस्पायर अवार्ड मॉनक पोर्टल पर अपनी मल्टिपल स्कूल आई डी नहीं बनाएंगे,जिन्होंने किसी कारण मल्टिपल स्कूल आई डी बना ली है उनकी सिर्फ़ एक स्कूल आई डी क्रियाशील रखते हुए अन्य सभी स्कूल आई डी को केन्द्र एन आई एफ द्वारा डिलीट करने पर विचार किया जा रहा है
4-यदि किसी भी विद्यालय द्वारा त्रुटिवश पांच से कम छात्र छात्राओं के नवाचारी विचार सबमिट हो गए हों और उनकी स्कूल आई डी लॉक हो गयी हो वो डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी या स्टेट ऑथॉरिटी या नेशनल अथॉरिटी को समस्या से अवगत करवाकर फिर से क्रमशः 5 नामांकन करवा सकेंगे

5-प्रथम स्तर पर चयनित छात्र छात्राओं के बैंक अकाउंट में प्रोत्साहन राशि रुपये दस हज़ार क्रेडिट न होने का सबसे बड़ा कारण पोर्टल पर नामांकन करते समय उनके बैंक खातों की डिटेल त्रुटिपूर्ण फीड करना या उनके माता पिता भाई बहन के अकाउंट नम्बर का उपयोग करना पाया गया,अब बिल्कुल स्पष्ट रूप से ये बता दिया गया है, कि आवेदन करने वाले छात्र छात्रा के नाम का ही सक्रिय बैंक अकाउंट होना अनिवार्य है, नाबालिग होने की दशा में माता पिता भाई बहन के साथ किसी भी राष्ट्रीय बैंक में खोला गया संयुक्त बैंक खाता जिसमें छात्र छात्रा का नाम प्रथम खाताधारक के रूप में अंकित हो। उपरोक्त समस्याओं के हल को अभी हाल में ही योजना से सम्बंधित उत्तर प्रदेश राज्य में नामांकन कार्य देख रही नेशनल अथॉरिटी की डॉ0किरन रावत ने एक ऑनलाइन मीट में दी।

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