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सत्य,तप,दया और दान। इन चार पैरों पर जो धर्म अवस्थित है,ऐसी संस्कृति का यह मंगल नववर्ष आपके जीवन में खुशियां लेकर आए

Truth, penance, kindness and charity. The religion which is based on these four legs, may this auspicious new year of such a culture bring happiness in your life
 
Truth, penance, kindness and charity. The religion which is based on these four legs, may this auspicious new year of such a culture bring happiness in your life

लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)।मार्च गंगा समग्र व नव संवत्सर महोत्सव समिति के तत्वावधान में संस्कार भारती की संकल्पना के द्वारा भारतीय नव वर्ष का स्वागत भुवन भास्कर श्री सूर्य नारायण जी की प्रथम किरण को हजारों लोगों द्वारा कुड़िया घाट पर मां गोमती में अर्घ्य देकर किया गया, सर्वप्रथम प्रातः 5:00 बजे दीप प्रज्वलन कर डॉक्टर राजीव लोचन, संदीप बंसल,विजय कुमार दीक्षित, अनुराग पांडे,उदय भान सिंह, संजय रस्तोगी,अवधेश तिवारी आदि के द्वारा किया गया,तत्पश्चात सरस्वती वंदना– वर दे वीणा वादिनी का प्रस्तुतीकरण संगीत कला संस्थान के कलाकारों द्वारा किया गया,नवोदित कलाकारों द्वारा हरमोनियम व तबला की जुगलबंदी का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया,

श्रुति शर्मा एवं अन्य विद्यार्थियों द्वारा कथक नृत्य,अहिल्याबाई होल्कर पर आधारित नृत्य नाटिका शक्ति का दूसरा स्वरूप प्रस्तुत किया गया, बाजे मुरलिया बाजे,राम का गुणगान करिए का गायन रिद्धिमा श्रीवास्तव द्वारा, प्रदीप गोस्वामी, जीशान अब्बास, आरिफ के साथ किया गया तत्पश्चात मां गोमती तट पर भगवान भुवन भास्कर श्री सूर्य नारायण की प्रथम किरण को अर्घ देकर नव वर्ष का स्वागत किया गया।

डॉक्टर पूनम श्रीवास्तव द्वारा राग जोगिया, राम जन्म पर आधारित चैती, ठुमहि चलत रघुरैया हो रामा, इतना तो करना स्वामी भजन प्रस्तुत किये गए,जिसमें प्रसिद्ध तबला वादक पंडित शीतल प्रसाद मिश्र द्वारा तबले पर संगत दी गई नववर्ष पर आधारित काव्य पाठ प्रसिद्ध गायिका संगीत एवं नृत्य शिक्षिका प्रख्यात कवियत्री डॉक्टर सरला शर्मा "आसमा" जी के द्वारा हे जगत तारिणी जगदंबे जग जननी स्वयं प्रभा जागो का काव्य पाठ किया गया जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा ,तत्पश्चात मुख्य वक्ता दैनिक जागरण समाचार पत्र के संपादक आशुतोष शुक्ल द्वारा सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा गया कि यह वह देश है जहां हम अपने ईश्वर को अपना सखा मानते हैं हम उनसे प्रेम बस झगड़ा भी कर लेते हैं हमारी संस्कृत में नारियों को उच्च स्थान दिया गया है राम से पहले सीता और कृष्ण से पहले राधा का नाम लिया जाता है ऐसी संस्कृति से हमें सीख लेनी चाहिए हम एक दूसरे के लिए प्रसन्नता के वाहक बने एक दूसरे का मार्ग प्रशस्त करें हमारे देश में अधिकतम आस्तिक व्यक्तियों का निवास है

लेकिन नास्तिक व्यक्तियों की भावनाओं का भी सम्मान है। नास्तिक की नास्तिकता के पीछे उसका जो विश्वास है वह हमारे लिए वंदनीय है हमारे धार्मिक ग्रंथो में चार्वाक द्वारा दिए गए सिद्धांत, यावत जीवेत, सुखी जीवेत ,ऋणम कृत्वा,घृतम पीवेत,हमने ऐसे सिद्धांतों को अपने जीवन में स्थान देते हुए उन्हें पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया है हम सभी मां गोमती में अर्घ्य देकर आए हैं हमारे देश में नदियों की प्रार्थना में स्तुतियों का गान हुआ है मां गंगा के दर्शन से ही मुक्ति मानी गई है महाभारत में यहां तक उल्लेख किया गया है की मां गंगा के स्पर्श से जन्म मरण के बंधन से मुक्ति मानी गई हैं ऐसी अद्भुत संस्कृति वाले देश के नववर्ष का पहला दिन आप सभी को मंगलमय हो।

हमारे देश में ऋषियों को राजाओं से ज्यादा महत्व दिया गया है गुरु को गोविंद के ऊपर का दर्जा दिया गया है। हम सब के अंदर कहीं न कहीं एक ऋषि विद्यमान है धर्म एक वृक्ष है जिसमें सत्य,तप,दया और दान इन चार पैरों पर जो धर्म अवस्थित है ऐसी संस्कृति का यह मंगल नव वर्ष आपके जीवन में खुशियां लेकर आए। ऐसी शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने द्रौपदी, नचिकेता, ध्रुव आदि के अनुत्रित प्रश्नों का उल्लेख करते हुए बताया कि हमारी संस्कृत में प्रश्न पूछने का पूर्ण अधिकार दिया गया है मार्ग पर सर्वप्रथम चलने का अधिकार निर्बल, विकलांग, महिलाओं और ऋषियों का होता है का उल्लेख करते हुए उन्होंने राजा जनक और अष्टावक्र की कथा भी सुनाई ऐसी संस्कृति वाले विविधता में एकता के सूत्र को पिरोए हुए पूरे भारतवर्ष में मनाए जाने वाले नववर्ष पर उन्होंने कोटि-कोटि शुभकामनाएं दी, आशुतोष शुक्ला जी द्वारा श्रुति शर्मा को स्वर्गीय सुभाष चंद्र बंसल जी की स्मृति में कला साधक सम्मान, रिद्धिमा श्रीवास्तव को स्वर्गीय सूबेदार सिंह की स्मृति में कला रत्न सम्मान प्रदान किया

जिसमें 11000-11000 रुपए नगद, स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया सभी अतिथियों द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले कलाकारों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया पंडित शीतल प्रसाद मिश्र, त्रिदीब गोस्वामी,अनुज मिश्रा, जीशान अब्बास ,आरिफ को विशिष्ट शिक्षक के रूप में स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया ,कला साधक विद्यार्थी के रूप में अभीरुक श्रीवास्तव,सोहन मिश्रा, मृदु नंदन सनवाल, शारदा पांडे, नीलिमा सिंह, गीता शुक्ला, लक्ष्मी जोशी, किरण वर्मा ,सुषमा जयसवाल, शशांक शर्मा,आराध्या त्रिपाठी, श्रीनिका अग्रवाल, विदुषी शुक्ला, प्रियम यादव, शताक्षी यादव, अनिमेष सिंह ,युवराज सिंह आदि को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के संरक्षक विजय कुमार दीक्षित, संयोजक अनुराग पांडे, सह संयोजक रंजन द्विवेदी ,व्यवस्था प्रमुख अवधेश तिवारी, कार्यक्रम के केंद्रीय संयोजक संजय रस्तोगी, समन्वयक उदयभान सिंह द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया गया व कार्यक्रम की सफल रूपरेखा बनाने पर अतिथियों द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया।संयोजक अनुराग पांडेय द्वारा सभी आगंतुकों का आभार ज्ञापन किया गया।वंदे मातरम के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया


कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री कल्याण गिरी मंदिर के महंत महावीर गिरी जी महाराज, विधान परिषद सदस्य पवन सिंह चौहान, भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राहुल राज रस्तोगी, गंगा समग्र प्रांतीय प्रचार सह प्रमुख श्वेता सिंह चौक हनुमान मंदिर के मुख्य आचार्य पंडित विशाल गौड,बीएसडी अकैडमी इंटर कालेज के प्रबंधक गौरव दीक्षित, ब्राइट ब्रेंस कॉलेजिएट दुबग्गा के प्रबंधक सोम श्रीवास्तव,श्री गणेश मंदिर रानी कटरा के मुख्य आचार्य ए एन बाजपेई व्यापारी नेता विनोद महेश्वरी, सुरेश मिश्रा लल्लू भैया ,दिलीप मिश्रा ओमकार ग्रुप, अमिताभ पांडे गंगास्सो डेवलपर्स ,एडीसी मनीष त्रिपाठी ,समाजसेवी संजय तिवारी कई सम्मानों से सम्मानित वीरेंद्र शुक्ला प्रधान ,पूर्व पार्षद गीता पांडे, गणेश दत्त शुक्ला, सुनीता पांडे, शर्मिला पांडे ,अंजू अवस्थी ,वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर अशोक शर्मा ,विद्युत विभाग के चीफ इंजीनियर शांतनु अग्रवाल, बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जी एल अग्रवाल, शिव प्रताप मिश्रा, बलराम यादव, सनी साहू आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।
यह जानकारी गंगा समग्र अवध प्रांत के प्रचार आयाम की सह प्रमुख श्वेता सिंह ने दी।

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