West Bengal Rape Case : नारी अब भी ढूंढ रही आजादी 

West Bengal Rape Case :Women are still looking for freedom
West Bengal Rape Case : नारी अब भी ढूंढ रही आजादी 
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः।।

 

अर्थात- "जहाँ स्त्रियों की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं और जहाँ स्त्रियों की पूजा नही होती, उनका सम्मान नहीं होता, वहाँ किए गए समस्त अच्छे कर्म भी निष्फल हो जाते हैं।मुझे ये बात कहने में कोई शर्म नहीं है कि मेरे भारत देश में नारियों की सबसे ज़्यादा पूजा भी होती है और नारियों के साथ सबसे ज़्यादा हैवानियत भी होती हैहाल ही में कोलकाता में हुआ रेप केस इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.

दिन-रात कड़ी मेहनत के बाद वो आखिरकार डॉक्टर बन गई थी

वो बहुत होनहार थी. उसके पैरेंट्स और उसका सपना पूरा हो गया था. दिन-रात कड़ी मेहनत के बाद वो आखिरकार डॉक्टर बन गई थी.आंखों में कई सपने और थे लेकिन सारे सपनों को अपने साथ लेकर वो इस दुनिया को छोड़कर चली गई... वो खुद से नहीं गई बल्कि उसके साथ दरिंदगी का ऐसा खेल खेला गया कि तड़प तड़प कर उसका दम निकला. उसके चेहरे से लेकर पांव तक कई ज़ख्म थे. प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था. गर्दन के पास, गाल और होंठों पर चबाने के निशान थे... पोस्टमॉर्टम हुआ तो डॉक्टर्स की भी रूह कांप गई. उसे एक दरिंदे इंसान ने गिद्ध की तरह नोचा था. उसके मुंह में कपड़ा ठूंसकर उसके साथ हैवानियत की थी. एक दो बार नहीं कई बार रेप किया था. ऐसा नहीं कि उसने बचने की कोशिश नहीं की, वो खूब लड़ी लेकिन वो ज़िंदा नहीं बच पाई... उसकी लाश को जिसने देखा, रो पड़ा.

राजधानी कोलकाता में सरकारी मेडिकल कॉलेज में काम करने वाली एक ट्रेनी डॉक्टर की

 दर्दनाक कहानी है पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सरकारी मेडिकल कॉलेज में काम करने वाली एक ट्रेनी डॉक्टर की. वो रोज़ की तरह नाइट शिफ्ट में थी, लगातार 32 घंटे की ड्यूटी करने के बाद वो थोड़ा आराम करने सेमिनार हॉल में गई थी लेकिन वो ये बात नहीं जानती थी कि वो अब वहां से कभी नहीं निकल पाएगी. कहते हैं जब आम जनता को गुस्सा आ जाए, तो फिर सड़कों पर जनसैलाब फूटता है. जब अन्याय के खिलाफ सब्र का पैमाना भर जाए तो लोग तख्तियां लेकर सड़कों पर निकल आते हैं. पूरा इंडिया आज अपने हाथों में तख्तियां लेकर सड़कों पर उतरा हुआ है. डॉक्टरों की एक बड़ी जमात हड़ताल पर चली गई है, उसका कहना है कि जबतक हैवानियत का शिकार हुई ट्रेनी डॉक्टर को इंसाफ नहीं मिल जाता, तब तक वो अपना काम नहीं शुरू करेंगे.यही वजह है कि इस बार करोड़ों लोगों ने स्वतंत्रता दिवस को ब्लैक डे के रूप में मनाया.आखिर मनाया भी क्यों जाए ये दिखावे का इंडिपेंडेंस डे. जिससे ये पूरी दुनिया है, जब वो ही इस देश में सेफ नहीं है तो किस बात का इंडिपेंडेंस डे.

पूरा इंडिया आज अपने हाथों में तख्तियां लेकर सड़कों पर उतरा हुआ है

कहते हैं जब आम जनता को गुस्सा आ जाए, तो फिर सड़कों पर जनसैलाब फूटता है. जब अन्याय के खिलाफ सब्र का पैमाना भर जाए तो लोग तख्तियां लेकर सड़कों पर निकल आते हैं. पूरा इंडिया आज अपने हाथों में तख्तियां लेकर सड़कों पर उतरा हुआ है... डॉक्टरों की एक बड़ी जमात हड़ताल पर चली गई है, उसका कहना है कि जबतक हैवानियत का शिकार हुई ट्रेनी डॉक्टर को इंसाफ नहीं मिल जाता, तब तक वो अपना काम नहीं शुरू करेंगे. डॉक्टरों के विरोध की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत मरीजों को हो रही है... खासकर दूर-दराज से आने वाले मरीज बिना इलाज के ही वापस लौट रहे हैं, कोलकाता रेप मामले की वजह से इस बार करोड़ों लोगों ने स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया. आखिर मनाया भी क्यों जाए ये दिखावे का और खोखला सा इंडिपेंडेंस डे. जिससे ये पूरी दुनिया है, जब वो ही इस देश में सेफ नहीं है तो किस बात का इंडिपेंडेंस डे.

हम महिलाओं को ये देश कब आज़ादी देगा

आजादी की 78वीं सालग‍िरह पर, एक मह‍िला होने के नाते मेरे द‍िल में भी हजारों सवाल उमड़ रहे हैं. मेरा सबसे पहला और सबसे बड़ा सवाल ये है कि हम महिलाओं को ये देश कब आज़ादी देगा? मैं चलती बस में, पब्‍ल‍िक ट्रांसपोर्ट में, अपने ऑफिस में या अपने घर में मैं अपना स्‍वतंत्रता द‍िवस कहां मनाऊं? मेरी आज़ादी कहां बंद है आखिर? सालों से हम अपनी बेट‍ियों को ‘दूसरे घर के ल‍िए’ तैयार करते आ रहे हैं, पर क्‍यों हम अपने बेटों को सड़कों पर चलने के लि‍ए, ऑफिसों में काम करने के लि‍ए तैयार नहीं कर पा रहेक्‍यों हम उन्‍हें नहीं स‍िखा पा रहे एक ‘आजाद औरत’ का सम्‍मान करना तुम्हारी जिम्मेदारी है? चोरी, डकैती या हत्‍या की तरह ‘बलात्‍कार’ स‍िर्फ एक क्रिम‍िनल एक्‍ट‍िव‍िटी नहीं है बल्‍कि ये सोशल स‍िस्‍टम के फेलि‍यर का नंगा सच है. आप सालों से औरतों को ‘सही तरीके से ब‍िहेव कैसे क‍िया जाए’, ‘क्‍या पहनना है’ जैसी फ़िज़ूल सी चीजें स‍िखा रहे हैं, पर एक समाज में ऐसे मर्द क्‍यों हमें नज़र नहीं आते जो बलात्‍कार की इस भयावय घटना को अंजाम देने से पहले अपनी उस मां को अपने ख़्याल में नहीं लाते हैं जिसने उन्हें जन्म दिया हैं.?

सोशल मीडिया और लोगों के बीच आक्रोश की लहर पैदा कर दी

एक दलील ये भी है कि Not All Men… वाकई ब‍िलकुल सही है. सभी मर्द ऐसे नहीं हैं, पर मैं पहचानूं कैसे… मैं कैसे अस्‍पताल में, ऑफ‍िस में या ऐसी ही क‍िसी जगह ड्यूटी करने रात में जाऊं? काश, मैं और मेरे देश की बेट‍ियां भी अपनी आजादी का जश्‍न मना सकें जो शायद क‍िसी ड‍िब्‍बे में बंद है… फिलहाल, आज़ादी आप सब को ही मुबारक हो.

खैर, कोलकाता में घटित रेप की जघन्य घटना ने सोशल मीडिया और लोगों के बीच आक्रोश की लहर पैदा कर दी है, जिसमें स्टूडेंट्स, कार्यकर्ता, राजनेता और मशहूर हस्तियां भारत में महिलाओं की सुरक्षा की भयावह स्थिति पर अपनी निराशा व्यक्त कर रहे हैं... कई बॉलीवुड स्टार्स का भी इस मामले में खून खौला है. प्रीति जिंटा, करीना कपूर खान, आलिया भट्ट, कृति सेनन, विजय वर्मा, मलाइका अरोड़ा, ऋचा चड्ढा, परिणीति चोपड़ा, सोनाक्षी सिन्हा जैसी और भी कई मशहूर हस्तियों ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक लेडी डॉक्टर के साथ हुए दुखद बलात्कार और हत्या के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शन पर रिएक्ट करते हुए ममता बनर्जी से इस मामले में सीबीआई जांच और इंसाफ की मांग की है. आयुष्मान खुराना ने तो एक बहुत ही इमोशनल कविता शेयर करके उस लेडी ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत पर अफसोस जताया है.

सप्रीत बुमराह और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों का इस मामले पर गुस्सा फूट पड़ा 

वैसे इस जघन्य मामले ने क्रिकेट जगत की कई हस्तियों को भी निराश कर दिया है.जसप्रीत बुमराह और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों का इस मामले पर गुस्सा फूट पड़ा है. दोनों खिलाड़ियों ने इस मामले पर रिएक्ट किया है.श्रेयस अय्यर ने इंडिपेंडेंस डे पर अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में होनहार डॉक्टर के गुनहगार को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है.वहीं, जसप्रीत बुमराह ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट के इंस्टाग्राम पोस्ट को शेयर किया... इस पोस्ट में लिखा था कि महिलाओं को अपना रास्ता बदलने के लिए मत कहो, बल्कि ‘रास्ते’ को ही बदलो. क्योंकि हर महिला इससे बेहतर की हकदार है.

कश्मीर से कन्याकुमारी तक महिलाएं असुरक्षित हैं

आखिर में मैं आपको ये याद दिलाना चाहुंगी कि हैवानियत की हदें लांघी जा रही हैं. महिलाओं की अस्मिता का जनाजा निकाला जा रहा है..कश्मीर से कन्याकुमारी तक महिलाएं असुरक्षित हैं. आज हर जगह दुशासन महिलाओं की इज्जत नीलाम कर रहे हैं.विश्व गुरु कहलाने वाले भारत में महिलाओं पर जुल्मों की सूची लंबी होती जा रही है. आधी आबादी पर बढ़ते अत्याचार देश के लिए अशुभ संकेत हैं. महिलाओं की सुरक्षा के लिए सैकड़ों कड़े कानून बनाए गए हैं, मगर ये कानून सरकारी फाईलों की धूल चाट रहे हैं. अगर सही तरीके से लागू किए होते तो इन मामलों में इजाफा नहीं होता. मुझे मालूम है कि मेरी ये सारी बातें इस वीडियो के खत्म होते ही भुला दी जाएंगी. ये जो देश में हल्ला मचा हुआ है, ये भी कुछ दिनों में थम जाएगा.फिर थोड़े दिन बाद रेप का एक ऐसा ही घिनौना मामला सामने आएगा... फिर लोग सड़क पर निकलेंगे. फिर तमाशा होगा और फिर सब खामोश हो जाएंगे.मैं एक भारतीय नारी होने पर फक्र महसूस करती हूं, मेरा ये फक्र कितने दिनों तक ज़िंदा रहता है, मुझे ये भी देखना है

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