बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है होली का पर्व - डा एमपी तिवारी
इस अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा एमपी तिवारी ने छात्र-छात्राओं को निर्देश दिया कि हमें कैमिकल से भरे रंगों से दूर रहकर फूलों की होली खेलनी होगी। उन्होंने बताया कि होली के त्योहार से पूर्व होलिका दहन होता है। होलिका दहन हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें होली के एक दिन पहले यानी पूर्व संन्ध्या को हिरण्याकश्यप की बहन होलिका जो भक्त प्रहलाद को लेकर अग्नि में प्रवेश करती है, परन्तु केवल होलिका जलती है लेकिन भक्त प्रहलाद नही। इसका मुख्य आर्दश यह है कि बुराई अच्छाई को कभी समाप्त नही कर सकती। इसी कारण होलिका का सांकेतिक रूप से दहन किया जाता है। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में मनाया जाता है। साथ ही यह भी बताया कि होलिका दहन के दूसरे दिन रंगो का त्योहार होली बड़े ही हर्षोल्लास तथा हँसी-खुशी से मनाया जाता है। जिसे प्रमुखता धुलेंड़ी व धुरड़ी, धुरखेल या धुलिवंदन इसके अन्य नाम है। इस दिन लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते है एवं ढोल बजाकर होली के गीत गाये जाते है और घर-घर जाकर लोगों को रंग लगाया जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते है और फिर से दोस्त बन जाते है। इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते है। यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है। जो आज विश्वभर में मनाया जाता है।
इस अवसर पर विद्यालय में विभिन्न प्रकार के सांस्कृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सर्वप्रथम गीत-रंग लेकर खेलेते गुलाल लेके खेलते नामक गीत पर मिष्ठी, श्रृष्टि, दिव्याश सोनी, शिवांस सोनी अस्तिवा, प्रतीक राज सोनी, अर्जुन एवं आराध्या पाण्डेय आदि छात्र-छात्राओं ने बहुत ही सुन्दर नृत्य प्रस्तुत करके दर्शकों का मन मोह लिया। विद्यालय के सभी शिक्षक/शिक्षिकाओं एवं छात्र-छात्राओं ने पुष्पों की वर्षा कर होली का पर्व मनाया। कार्यक्रम के अंत में प्रबन्ध निदेशक डा एमपी तिवारी ने सभी का आभार व्यक्त किया।