Lok Sabha Election 2024: पर्सनलाइज्ड कंटेंट क्या, क्यों है इस चुनाव में डिमांड, 2010 के बाद हर बार नया ट्रेंड
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समाचार डेस्क, नई दिल्ली। सोशल मीडिया की लोकप्रियता और इससे जुड़ी तकनीकों का चुनावों में भरपूर इस्तेमाल होता है। वर्ष 2010 से चुनावों में तकनीकी दखल बढ़ा है। 2010 के चुनाव में सोशल मीडिया, 2012 में वनवे आइपीआर कॉल्स, 2014 में 3डी होलोग्राम्स और टार्गेटेड पॉलिटकल एड-कैंपेन, सोशल मीडिया, 2016 में डेटा एनालिसिस के लिए आर-पायथन का इस्तेमाल, 2017 से 2019 तक पब्लिक सेंटीमेंट्स एनालिसिस, सोशल मीडिया और यूट्यूब का उपयोग, 2020 में रैली एनालिसिस के लिए यूजिंग बाइ एआइ, 2023 में टू-वे एआइ कॉल्स और अब 2024 के चुनाव में पर्सनलाइज्ड या हाइपर पर्सनलाइज्ड मैसेज ट्रेंड में है।
ऐसे तैयार किए जाते पर्सनलाइज्ड कंटेंट
मुओनियम एआइ, चेन्नई के फाउंडर सेंथिसें ल नयागाम का कहना है कि इसमें नेता की वॉइस और फोटो के साथ एआइ वीडियो बनाते हैं। यह केवल संबधित व्यक्ति को भेजा जाता है। वीडियो की शुरुआत में नेता वोटर का नाम लेकर बात शुरू करता है और परिवार के अन्य सदस्यों की जानकारी के बाद बताता है कि अगर आप उसकी पार्टी को वोट देंगे तो क्या-क्या फायदा होगा। देख-सुन कर वोटर प्रभावित हो जाता है।
20 रुपए में बनता है एक एआइ वीडियो
सेंथिसें ल कहते हैं कि इस तरह के कंटेंट बनाने में सभी तरह की विशेषज्ञता की जरूरत होती है। इसमें वीएफएक्स, वॉइस, टेक्स्ट, फेस रिक्गनिशन आदि का काम होता है। एक्सपर्ट, नेता की आवाज का सैंपल लेते हैं। सैंपल के लिए 10-15 मिनट तक नेता की आवाज की मॉनिटरिंग करते हैं, फिर फोटो, टेक्स्ट और लिप-सिंक के साथ एआइ वीडियो तैयार करते हैं। एक वीडियो बनाकर वोटर तक पहुंचाने का खर्च लगभग 20 रुपए आता है। एक बार सैंपल लेने के बाद काम मिनटों में होता है। पार्टी एआइ कंपनियों को डेटा देती है। कुछ वीडियो में टू-वे कम्युनिकेशन की व्यवस्था होती है। वोटर्स की बातों का जवाब भी एआइ देता है और आवाज नेता जैसी होती है।
तकनीक बदलने की जरूरत क्यों?
द इंडियन डीपफेकर के फाउंडर दिव्येंद्र सिंह जादौन का कहना है कि पार्टियां वोटर्स को लुभाने के लिए तकनीकी मदद लेते हैं। जैसे-जैसे लोग तकनीक बारीकियां समझने लगते हैं, बदलाव की जरूरत पड़ती है। इस बार के चुनाव में पर्सनलाइज्ड कंटेंट डिमांड में है। यदि आपके पास किसी प्रत्याशी का फोन आता है तो आप पूरी बात सुने बिना ही कॉल काट देते हैं पर जब वही नेता आपका पूरा नाम लेकर बात शुरू करता है तो आप कॉल नहीं काटते। इसमें आपकी उम्र, घर, जॉब, आम समस्याओं आदि से जुड़ी बातें की जाती हैं, इसलिए आप इसे सुनना चाहते हैं।