भाग्य क्यों साथ नही देता है ? क्या आप भी भाग्य शाली हैं जानिए आपकी कुंडली मे क्या लिखा है 

भाग्य क्या है

 भाग्येश कैसे पता करें ?


किसी भी व्यक्ति की कुंडली के नवम भाव से भाग्य का निर्धारण किया जाता है ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि कुंडली का नवम भाव या नवां घर में जिस भी ग्रह का घर होता है उसे भाग्य का ग्रह माना जाता है ।

अगर किसी भी व्यक्ति की कुंडली में भाग्य भाव का मालिक अगर शुभ स्थान में है तो किसी भी कार्य में बहुत ही आसानी से सफलता मिलती है और जो भी कार्य किया जाता है उसमें भाग्य भी साथ देता है लेकिन अगर भाग्य किसी ऐसे स्थान पर है जहां से वह शुभ पल नहीं प्रदान करता है तो ऐसे में व्यक्ति को बहुत ही मेहनत करनी होती है और मेहनत से ही उसको सफलता मिलती है।

यहां यह भी महत्वपूर्ण है कि भाग्य भाव का मालिक अगर 12 वें भाव मे बैठ गया है तो ऐसा नही की उस व्यक्ति का भाग्योदय नही होगा भाग्योदय तो होगा लेकिन अपने जन्म स्थान से दूर जाकर और लगभग 30 वर्षों के बाद ही होगा ।
ऐसे व्यक्तियों को अपने कार्य स्थान का चुनाव घर से दूर जाकर करना होगा और धैर्य के साथ काम करने के बाद सफलता मिलेगी ।

किसी भी उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति की अगर कुंडली देखी जाए तो उसका नवम भाव बहुत ही मजबूत होगा और उसका मालिक शुभ स्थान में होगा और शुभ ग्रहों से दृष्ट होगा ।

भाग्य को मज़बूत कैसे करें ?

भाग्य को मजबूत करने के लिए अपने कुण्डली के 9 वें घर मे जो संख्या लिखी होगी उसके स्वामी को मजबूत करने से भाग्य साथ देता है ।
 

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