अयोध्या में आयोजित हुआ कार्यक्रम | Ram Mandir Ayodhya
अयोध्या में हुआ राम भजन का आयोजन | Ayodhya Ka Karykram Dikhaiye
सरयू तीरे भजनों,लोकनृत्यो और लोकगीतों से महक रही है अयोध्या
रामकथा पार्क में आयोजित रामोत्सव के अपराह्न सत्र में मानस कथा मर्मज्ञ कथाव्यास पंडित ऋषिराज तिवारी ने सुंदरकांड का सरस विवेचन किया। श्रद्धालु मानस की व्याख्या सुनकर अभिभूत थे। कथा व्यास ऋषिराज जी को संस्कृति विभाग के कार्यक्रम अधिकारी कमलेश कुमार पाठक ने शाल और संगतकारो को तुलसी की माला प्रदान कर मंच के भाव उन तक प्रेषित किए।
सांध्यकालीन सत्र में वाराणसी से आए गुणी कलाकार पंडित गणेश प्रसाद मिश्र ने सर्वप्रथम रामजी की आराधना में "नमामी राम रघुवंश नाथम" स्तुति का गायन किया तो वातावरण में एक आध्यात्मिकता रच बस गई। इसी भावभूमि पर अगला भजन "जिनके हिय में श्रीराम बसे, तिन और के नाम लिए ना लिए" गाया तो पांडाल में भक्ति का रंग और गाढ़ा हो गया। अगली प्रस्तुति में जन जन के अहोभाव को व्यक्त किया "धन्य भाग सेवा का अवसर पाया"। "काशी में होली रचाए भोला" जैसे ही गाया पूरे वातावरण में फागुन की भक्ति हिलोरे लेने लगी। काशी से अयोध्या का ये संगम,राम की नगरी में शिव का मिलन का साक्षी भी बन रहा था। दर्शकों की मांग पर पंडित गणेश प्रसाद मिश्र ने एक होली "गिरधारी मोपे डारो ना पिचकारी,भीज़ जायेगी मोरी सारी" गाकर सभी को विभोर कर दिया।
अयोध्या में हुआ राम भजन का आयोजन
भक्तिमय हो चुके वातावरण में अगली प्रस्तुति रेखा मिश्र के दल ने लोक भजन और लोक नृत्यों से "रामोत्सव" में उत्सव के रंग भर दिए। कार्यक्रम का आरंभ गणपति वंदना से किया "अरे गणपति सुमिरो जी" इसके बाद लोकनृत्य से भगवती की आराधना की "हम दियाना जराय आयन,देवी के दुआरुआ"। प्राण प्रतिष्ठा के अनुरूप "खेल रहे रघुरैया हो,दसरथ के भवनवा" गाकर एक बार फिर दर्शकों को तालिया बजाने पर विवश कर दिया। इसी क्रम में उत्साह को ऊंचाइयों पर पहुचाते हुए भजन गाया "दाई नाचे दसरथ के भवनवा आए के" तो सभी झूमने लगे। अगले भजन में "जन्मे अवध मां रघुराई, कौशल्या मईया दे दो बधाई" गाकर बधाई दी और इसके बाद "सिया मांगे यही वरदान,सरयू नहाय के" गाकर माता सीता और सरयू के प्रति श्रद्धा प्रकट की।
ऊंचाइयों पर पहुंच चुके कार्यक्रम में अगली प्रस्तुति "सिरातन संस्कृति दल मिथिला" के कलाकारो ने की। डा.उषा श्रीवास्तव के नेतृत्व में लोकगीतों और लोक नृत्य के माध्यम से इन कलाकारों ने परंपरा अनुसार पुष्प वाटिका के प्रसंग से आरंभ करके सीता विवाह, भांवर, गारी और कोहबर के प्रसंग को जीवंत कर दिया।भक्ति भरी भारतीय संस्कृति की सोंधी खुशबू से पूरा पांडाल महक गया। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने किया।डा. लवकुश द्विवेदी के निर्देशन में कलाकारो का सम्मान अतुल सिंह ने किया। इस अवसर पर तमाम राधा रमण,स्वदेश मिश्र,रितिका,लाल बहादुर,समेत संतजन और श्रद्धालु दर्शक उपस्थित रहे।