शत्रु करे परेशान तो इस प्रयोग के बाद हो जाएगा शांत बनने लगेंगे काम
हर व्यक्ति के जीवन मे सुख सुविधा और स्वास्थ्य का महत्व है धन प्राप्ति में कई बार काम का न होना या शत्रु द्वारा परेशान करने के कारण जीवन या तो ठहर जाता है या कंगाली छा जाती है ।
अगर छोटे मोटे प्रयोग कर लिए जाएं तो कुछ काम आसान भी हो जाते हैं।
1.सिद्ध सफेदआक की जड़ की माला रविपुष्य नक्षत्र में लाई गई,चंदन का टुकड़ा,7 लक्ष्मीकोड़ी,लाल कपड़े में लपेटकर घर के तिजोरी में या दुकान के कैशबॉक्स मे रख लें,घरएवं दूकान में सुख-शांति तथा समृद्धि बनी रहेगी।
2.गणेश मंदिर या अपने पूजा घर मे बैठकर प्रतिदिन 'ऊँ गं गणपतये नमः' की एक माला सिध्द स्वेतर्क के जड़ की माला से जप करें, हर क्षेत्र में लाभ एवं धन की प्राप्ति होती है आपकि पुरानी लेनदारिया वापस आने लगती है।
3.सिद्धश्वेतार्कके जड़ की माला पूजाघर में स्थापित करें। नित्य एक दूर्वाघास अर्पण कर श्रद्धापूर्वक गणपति जी का ध्यान किया करें, प्रत्येक कार्य में सफलता मिलेगी तथा सब प्रकार के विघ्नों से आपकी रक्षा होगी।
4.श्वेतार्क के पत्ते पर अपने शत्रु का नाम इसके ही दूध से लिखकर जमीन में दबा दे, वह शांत रहेगा। इस पत्ते को जल में प्रवाहित कर दें तो शत्रु आपको छोड़कर और कहीं चला जाएगा। इस पत्ते से यदि होम करते हैं तब तो शत्रु का भगवान ही मालिक है ।
5.श्वेतार्क के फल से निकलने वाली रुई की बत्ती तिल के तेल के दीपक में जलाकर लक्ष्मी साधनाएँ करें, माता लक्ष्मीजी की आप पर कृपा बनी रहेगी ।
6.सिद्धश्वेतार्क के जड़ की माला, मूंगा, फिटकरी, लहसुन तथा मोर का पंख एक थैली में सिल लें। यह एक नजरबट्टू बन जाएगा। बच्चे के सोते समय चौंकना, डरना, रोना आदि में यह बहुत लाभदायक सिद्ध होगा।
7.सिद्धसफेद आक की जड़ कीमाला से गणेश चतुर्थी से अनन्त चतुर्दशी तक नित्य 'ऊँ गं गणपतये नम' मंत्र से पूजा करें, सुख, समृद्धि और धन की प्राप्ति होगी तथा मनोवांछित कामनाएं पूर्ण होंगी।
8.सिद्ध श्वेतार्ककी जड़ की माला से 108 बार 'ऊँ नमो विघ्नहराय गं गणपतये नमः' मंत्र जप करते हुए दूधमिश्रित जल से भगवान गणेश को अर्ध्य देने से , दुष्ट ग्रह शांत होते है एवं मंगलदोष , एवं पित्रदोष समाप्त होजाता है।
9.सिद्धश्वेतार्क की जड़ की माला से 108 बार 'ऊँ नमो अग्नि रूपाय ह्रीं नमः' मंत्र जपकर गले मे धारण करने से यात्रा में दुर्घटना का भय समाप्त होजाता है।
10.सिद्धश्वेतार्क की माला से सोमवार के दिन ऊँ जूं सः रुं रुद्राय नमः सः जूँ ऊँ' मंत्र जपते हुए हवन सामग्री से होम किया जय तो रोगो का नाश होने लगेगा घर मे अगर कोई बीमार है तो रोग जाता रहेगा एवं वस्तु के कारण आ रही परेशानियां दूर होंगी।
11.पूर्णिमा की रात्रि सिद्ध सफेद आक की जड़ की माला से 'ऊँ नमः श्वेतगात्रे सर्वलोकं वशंकरि दुष्टानां वशं कुरू कुरू (अमुकं) में वशमानाय स्वाहा' मंत्र का जप करें। अमुक के स्थान पर उस व्यक्ति का नाम जप करें जिसको वश में करना है
तुरंत वशिकरण होता है।
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