लखनऊ विश्वविद्यालय में कुलपति द्वारा रैगिंग मुक्त परिसर के बैंड वितरण के साथ हुई  "एंटी रैगिंग सप्ताह" की शुरुआत

"Anti Ragging Week" started with distribution of Ragging Free Campus Bands by Vice Chancellor in Lucknow University
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय  लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में कुलपति, प्रो. आलोक कुमार राय द्वारा रैगिंग मुक्त परिसर के बैंड वितरण के साथ "एंटी रैगिंग सप्ताह" की शुरुआत की गई। आपने इस अवसर पर छात्रों एवं शिक्षकों के मध्य रैगिंग मुक्त परिसर का सुरक्षा बैंड वितरित करते हुए कहा कि, "रैगिंग एक गंभीर विषय है जो न केवल छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाती है। यह सप्ताह हमारे छात्रों को यह समझने में मदद करेगा कि रैगिंग न केवल अनैतिक है, बल्कि कानूनी रूप से भी दंडनीय अपराध है।" प्रो. राय ने कहा, "हम आप सभी को इस कार्यक्रम में भाग लेने और रैगिंग के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। साथ में, हम एक सुरक्षित और सम्मानजनक विश्वविद्यालय बना सकते हैं जहां सभी छात्र सीखने और बढ़ने के लिए स्वतंत्र महसूस कर सकें।

यह एंटी रैगिंग सप्ताह लखनऊ विश्वविद्यालय की एक महत्वपूर्ण पहल है जो छात्रों के बीच सद्भावना, समानता और सम्मान की भावना को बढ़ावा देगी। यह न केवल रैगिंग जैसी सामाजिक बुराई को रोकने में मदद करेगा, बल्कि एक स्वस्थ और सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण के निर्माण में भी योगदान देगा। 

प्रति कुलपति प्रो. मनुका खन्ना ने कहा कि विश्वविद्यालय समुदाय से अपेक्षा की जाती है कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें और एक रैगिंग मुक्त परिसर बनाने में अपना योगदान दें। यह सामूहिक प्रयास न केवल वर्तमान छात्रों के लिए लाभदायक होगा, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी एक बेहतर शैक्षणिक माहौल सुनिश्चित करेगा।

कुलानुशासक, प्रो. राकेश द्विवेदी ने बताया, "यह एक महत्वपूर्ण पहल है जो लखनऊ विश्वविद्यालय में रैगिंग के खिलाफ एकता को दर्शाती है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित गतिविधियाँ 12 अगस्त से 18 अगस्त तक चलेंगी और विश्वविद्यालय के एंटी-रैगिंग सेल, प्रॉक्टर कार्यालय द्वारा समन्वित की जाएंगी।" प्रो. द्विवेदी ने सभी छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों से अपील करते हुए कहा कि हैं कि वे इस अभियान का हिस्सा बनें और विश्वविद्यालय में एक ऐसा शैक्षणिक वातावरण बनाने में मदद करें, जहां हर व्यक्ति सम्मान और गरिमा के साथ रह सके। रैगिंग को रोकना हम सभी की जिम्मेदारी है।" आपने बताया कि विश्वविद्यालय ने #YaARIYouthAgainstRagging हैशटैग के साथ एक सोशल मीडिया अभियान भी शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य युवाओं को एक मंच प्रदान करना है जहां वे रैगिंग के खिलाफ अपने विचार साझा कर सकें और एकजुटता दिखा सकें। 

लखनऊ विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में 12 से 18 अगस्त, 2024 तक "एंटी रैगिंग सप्ताह" की शुरुआत छात्रों के मध्य अभिमुखीकरण कार्यक्रम के तहत की गई। उद्घाटन सत्र के पश्चात छात्र-छात्राओं द्वारा गेट नंबर 7 से गेट नंबर 1 तक जागरूकता रैली निकल गई। यह महत्वपूर्ण पहल विश्वविद्यालय में रैगिंग के खिलाफ एकता को दर्शाती है और छात्रों के बीच जागरूकता बढ़ाने का एक सराहनीय प्रयास है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय परिसर में रैगिंग के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना और एक सुरक्षित एवं सम्मानजनक शैक्षणिक माहौल बनाना है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो छात्रों के बीच एकता और सहयोग को बढ़ावा देगा और विश्वविद्यालय को एक बेहतर स्थान बनाएगा। 

उद्घाटन के दौरान छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए, विश्वविद्यालय के एंटी-रैगिंग सेल के सदस्य डॉ कमर इक़बाल ने बताया कि विश्वविद्यालय ने रैगिंग की शिकायतों के लिए 24x7 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। साथ ही, एक ऑनलाइन शिकायत पोर्टल भी शुरू किया गया है जहां छात्र गुमनाम रहकर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। विश्वविद्यालय ने माता-पिता और अभिभावकों से भी अपील की है कि वे अपने बच्चों को रैगिंग के खिलाफ जागरूक करें और उन्हें किसी भी अप्रिय घटना की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करें। 

विश्वविद्यालय के एंटी-रैगिंग सेल के सदस्य डॉ प्रविश प्रकाश  ने बताया कि इस सप्ताह के दौरान, हम कई गतिविधियों का आयोजन करेंगे - वार्ताएं, कार्यशालाएं, नाटक प्रस्तुतियां - जो रैगिंग के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने में मदद करेंगी। एंटी रैगिंग सप्ताह का समापन 18 अगस्त को एक विशेष कार्यक्रम के साथ होगा, जिसमें रैगिंग के खिलाफ लड़ने में उत्कृष्ट योगदान देने वाले छात्रों और संकाय सदस्यों को सम्मानित किया जाएगा। 

विश्वविद्यालय के एंटी-रैगिंग सेल के सदस्य डॉ मनोज शर्मा एवं डॉ अमरेंद्र कुमार ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय का यह प्रयास न केवल अपने परिसर को रैगिंग मुक्त बनाने का है, बल्कि यह एक मॉडल के रूप में अन्य शैक्षणिक संस्थानों को भी प्रेरित करेगा। विश्वविद्यालय का मानना है कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना नहीं, बल्कि एक बेहतर और अधिक संवेदनशील समाज का निर्माण करना भी है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक, संकाय सदस्य, छात्र एवं छात्राये उपस्थित थे। एंटी-रैगिंग सप्ताह के तहत विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों- मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, अंग्रेजी, काउंसलिंग एवं गाइडेंस सेल, रसायन विज्ञान एवं लोक प्रशासन विभाग में भी विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

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