भद्रा काल में भूल कर भी न बांधे भाई को राखी:आचार्य देव
 

भद्रा काल में भूल कर भी न बांधे भाई को राखी:आचार्य देव

उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ(आर एल पाण्डेय)। रक्षाबंधन यानी रक्षा का बंधन, इस दिन बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उनके बेहतर कल के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं. वही भाई अपने बहन की आजीवन रक्षा के लिए संकल्प लेते हैं। डा. ज्योतिषाचार्य एवं वामा एप के फाउंडर आचार्य देव ने बताया पंचांग के अनुसार, इस वर्ष रक्षाबंधन 19 अगस्त को मनाया जाएगा। आपको बता दें, 19 अगस्त के दिन प्रातः 3:04 पर पूर्णिमा तिथि की शुरुआत हो रही है। इसी दिन रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रक्षाबंधन के दिन ही शुक्ल यजुर्वेद के अनुयाई उपाक्रम अर्थात जनेऊ संस्कार करते हैं।ये त्योहार श्रावन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। 

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 2024

रक्षाबंधन का पर्व पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रिक्ता तिथि के अंत की 6 घटी और पूर्ण तिथि के प्रारंभ की चार घाटी के दौरान भद्रा काल होता है। इस समय में कोई भी शुभ कार्य वर्जित होता है।

इस वर्ष 19 तारीख प्रातः 3:04 बजे पूर्ण तिथि पूर्णिमा शुरू हो जाएगी। जिससे चार घटी के अनुसार लगभग दोपहर 1:30 बजे तक भद्रा काल का विचार किया जाएगा। 1:30 के बाद रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है।

रक्षाबंधन में भद्रा विचार

जैसा कि हमने ऊपर बताया भद्रा तिथि के अंत की 6 घाटी और पुण्यतिथि के आरंभ की चार घाटी भद्रा काल में मानी जाती हैं। उस समय में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित है। भद्रा का विचार तीन प्रकार से किया जाता है।

रक्षाबंधन भद्रा पूछ विचार 9:51 से सुबह 10:53 तक किया जाएगा। 
भद्रा मुख विचार सुबह 10:53 से 12:37 तक किया जाएगा। 
इसके अलावा दोपहर 1:30 के बाद भद्रा का अंत माना जाएगा।
रात्रि 9 बज कर 8 मिनट तक रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त रहेगा। 
इस समय मे शुभ समय दोपहर 1:45 से शाम के 4:20 तक रहेगा यह अवधि कल 2 घंटे 37 मिनट रहने वाली है इस समय में रक्षाबंधन का त्योहार मनाएं

प्रदोष काल की बात करें तो शाम 6:56 से रात 9:08 तक प्रदोष काल में भी रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है।

Share this story